चीनी शराब बाइजियू से नहीं जीत पा रही है व्हिस्की
८ मार्च २०२४डियाजियो और परनोड रिकार्ड जैसी पश्चिमी शराब कंपनियां पहले चीन में धनी ग्राहकों पर ही ध्यान देती थीं. लेकिन हाल के सालों में उनका ध्यान आर्थिक रूप से संपन्न ऐसे युवा ग्राहकों की ओर गया था जो प्रयोग करना चाहते हैं. इस बदलाव की वजह चीन में शराब के चलन में आ रहा बदलाव भी है क्योंकि युवा पश्चिमी शराबों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
जॉनी वॉकर व्हिस्की बनाने वाली कंपनी डियाजियो का कहना है कि उसका मकसद धनी ग्राहकों के साथ लगातार बढ़ते मध्यम वर्ग और मिलेनियल्स यानी साल 2000 के बाद पैदा हुए युवाओं तक पहुंचना भी है.
लेकिन ऐसा करने में डियाजियो और अन्य पश्चिमी कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है बाइजियू. पानी जैसी दिखने वाली स्पिरिट जिसे चीन की नेशनल ड्रिंक कहते हैं. बाइजियू उत्पादक भी शराब को लेकर देश के बदलते चलन से वाकिफ हैं और वे भी अपने उत्पादों में बदलाव कर रहे हैं ताकि युवाओं को लुभा सकें.
नए-नए प्रयोग
डियाजियो ने युवाओं को लुभाने के लिए कई प्रयोग किए हैं. जैसे डोयून (टिक टॉक का चीनी रूप) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके स्टोर हैं. दिसंबर में कंपनी ने अपने उत्पादों पर एक घंटे में डिलीवरी जैसी सेवाएं शुरू की हैं. ग्रेटर चीन में कंपनी के मैनेजिंग अतुल छपरवाल बताते हैं कि एक स्थानीय डिलीवरी कंपनी के साथ मिलकर यह सेवा शुरू की गई है.
डियाजियो व्हिस्की की चीन में 10 अपनी दुकानें हैं और 41 दुकानों में उसकी व्हिस्की के लिए अलग सेक्शन हैं. कंपनी अन्य शहरों में भी अपनी दुकानें खोलने की योजना पर काम कर रही है.
छपरवाल बताते हैं, "यहां विस्तार की बहुत गुंजाइश है. चीनी लोग अब घरों में या व्हिस्की के लिए विशेष बार में ज्यादा शराब पी रहे हैं.”
बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का अनुमान है कि 2022 से 2030 के बीच चीन में मध्य वर्ग और उच्च मध्य वर्ग के आठ करोड़ लोग जुड़ जाएंगे और यह आबादी का 40 फीसदी हिस्सा होगा. इतने बड़े बाजार में पश्चिमी शराब कंपनियों की हिस्सेदारी मात्र 3 फीसदी है.
इसके मुकाबले में बाइजियू का बाजार कहीं बड़ा है. यूरोमॉनिटर संस्था के मुताबिक 2023 में 167 अरब डॉलर की बाइजियू बिकी थी. व्हिस्की सिर्फ 2.8 अरब डॉलर की. कोन्याक का तो चीन में पुराना इतिहास है. इसके बावजूद उसकी बिक्री मात्र नौ अरब डॉलर की थी.
व्हिस्की का बाजार बढ़ने का अनुमान
यूरोमॉनिटर का अनुमान है कि आने वाले सालों में व्हिस्की चीन में सबसे तेजी से बढ़ने वाली शराब होगी और 2023 से 2026 के बीच इसकी बिक्री 88 फीसदी तक बढ़ सकती है. लेकिन विश्लेषक कहते हैं कि समस्या यह है कि व्हिस्की अब भी पश्चिमी अंदाज के रेस्तराओं और पांच सितारा होटलों में जाने वाले युवाओं तक ही सीमित है.
दूसरी पश्चिमी शराब कंपनी परनोड रिकार्ड भी चीन में अपना व्हिस्की और कोन्याक का व्यापार बढ़ाने की कोशिश में है. चीन में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर जेरोम कोटिन-बिजोन कहते हैं कि अब ज्यादा संख्या में चीनी लोग हमारी शराब का खर्च उठा सकते हैं और युवा ज्यादा विकल्प चाहते हैं.
पिछले सितंबर में कंपनी ने चीन में मार्टेल नोबलीज फ्लेम नाम की कोन्याक उतारी थी, जिसका मकसद नाइट क्लब और म्यूजिक फेस्टिवल में जाने वाले युवाओं को लुभाना था.
चीन में पारंपरिक रूप से शराब खाने के साथ या किसी खुशी के मौके पर पी जाती है. इस तरह के हर कार्यक्रम में बाइजियू की मौजूदगी होती ही है. ब्रैंड के आधार पर इसकी कीमत एक डॉलर यानी करीब सौ रुपये से लेकर सैकड़ों डॉलर तक हो सकती है. लेकिन पश्चिमी कंपनियों से मुकाबला मिलने के कारण बाइजियू भी अपने उत्पादों में बदलाव कर रही है ताकि लोगों को कुछ नया परोसा जा सके.
बाइजियू के प्रयोग
मोताई दुनिया की सबसे कीमती अल्कोहल ब्रैंड है. उसकी एक बोतल 3,000 युआन यानी लगभग 35,000 रुपये की बिकती है. कंपनी के मालिक क्वेचोऊ मोताई को उम्मीद है कि 2023 वित्त वर्ष में उनका कारोबार 17.2 फीसदी बढ़ेगा. लेकिन उनकी चिंता यह है कि बाइजियू पीने वाले ज्यादातर लोग बड़ी उम्र के हैं और वह युवाओं के बीच पहुंचना चाहते हैं.
इसी मकसद से सितंबर में कंपनी ने एक महंगी कॉफी ब्रैंड लकिन कॉफी के साथ मिलकर ‘बाइजियू लाटे' नाम की कॉफी बाजार में उतारी थी. कंपनी बाइजियू चॉकलेट और आइसक्रीम जैसे प्रयोग भी कर चुकी है.
‘बाइजियू लाटे' के बाजार में आने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी और 38 युआन यानी लगभग 450 रुपये की कॉफी के पहले ही दिन 54 लाख कप बिके थे. जिगू कंसल्टेंसी कंपनी में जनरल मैनेजर काई जुफेई कहते हैं कि चीनी कंपनियां युवाओं की मांग को पूरा करने के लिए अन्य तरह की शराब भी उपलब्ध करवा रही हैं.
आयातित शराब की डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी गॉथम ईस्ट के सह-संस्थापक डेनियल टेटस्लिन कहते हैं कि बाइजियू के कब्जे ने पश्चिमी कंपनियों के लिए चीनी बाजार में सेंध लगाना बेहद मुश्किल बना रखा है और अभी वे धनी चीनियों के दायरे से बाहर नहीं जा पाई हैं.
वीके/एए (रॉयटर्स)