बात इराकी शहर मोसूल में चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के कब्जे के दौरे की हो या फिर उसे आजाद कराने के लिए चले युद्ध की, इस सब में सबसे ज्यादा बच्चे ही पिसे हैं.
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43 साल की हनान मोहम्मद अपने दो साल के बेटे की तरफ मुस्कराते हुए देखती है और कहती है, "देखो, वह फिर से चल रहा है." अपने दो बच्चों के साथ हनान हाल ही में मोसूल शहर के पुराने हिस्से से जान बचाकर भागी, जहां हफ्तों से लड़ाई चल रही थी. इसके चलते वहां खाना, पानी और अन्य जरूरी चीजों की किल्लत हो रही थी.
हनान बताती हैं, "दाएश (आईएस) ने हमें भूखा छोड़ दिया. हम लोग कुछ भी नहीं खरीद सकते थे और जो था वह बहुत महंगा था." इसीलिए वह अपने बच्चों को कुछ नहीं खिला सकती थी और कुपोषण के चलते उनके छह महीने के एक बच्चे की मौत हो गयी. उनके एक बेटे ने फिर से चलना शुरू कर दिया है लेकिन कुपोषण के चलते उसकी हालत अब भी बहुत अच्छी नहीं है.
हनान अपने दो बच्चों के साथ समालिया के एक शिविर में रह रही हैं जिसे मोसुल के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए बनाया गया है. यहां मौजूद लोगों का किसी न किसी तरह आईएस से संबंध है. हनान के पति की गोलाबारी में मौत हो गयी. हालांकि हनान ने पहले ही उससे तलाक ले लिया था. शायद पति के आईएस में शामिल होने पर हनान ने उससे रिश्ता तोड़ने का फैसला किया था.
वह अपने माता-माता पिता के घर में अपने बच्चों के साथ रहती थी. आईएस ने मोसुल में लोगों को मानवीय ढाल के तौर पर भी इस्तेमाल किया. हनान का कहना है कि वहां न पानी था, न खाना और ऊपर से लगातार बमबारी होती रहती थी. जो भी लोग वहां से भागने की कोशिश करते थे, आईएस उन्हें मार देता था.
इस्लामिक स्टेट है क्या बला?
इस्लामिक स्टेट दुनिया का सबसे ताकतवर आतंकवादी गुट है. यह कभी अल कायदा से टूटा हुआ एक गुट था लेकिन अब यह उससे बहुत आगे निकल गया है.
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इस्लामिक स्टेट आया कहां से?
इस्लामिक स्टेट को आईएसआईएल, आईएसआईएस और दाएश के नामों से भी जाना जाता है. चरमपंथी विचारधारा को मानने वाला यह गुट कभी अल कायदा से अलग हुआ था. इराक पर 2003 के अमेरिकी हमले के बाद उपजे हालात में इसकी नींव पड़ी और इसका नेतृत्व अबु बकर अल बगदादी करता है. आईएस का मकसद इराक, सीरिया और उससे बाहर भी एक इस्लामिक राज्य यानी खिलाफत का निर्माण करना है.
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कहां कहां से चलता है आईएस?
माना जाता है कि आईएस दुनिया के 18 देशों में सक्रिय है. इसने सीरिया और इराक के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर रखा है और सीरिया का शहर रक्का इसकी अघोषित राजधानी है. हालांकि जनवरी 2015 से आईएस ने अपने नियंत्रण वाली एक चौथाई जमीन गंवा दी है.
आईएस से कौन लड़ रहा है?
कई समूह आईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं. अमेरिकी नेतृत्व में 50 से ज्यादा देशों का गठबंधन आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है. इस गठबंधन में कई अरब देश भी हैं. रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थन में हवाई हमले किए हैं. क्षेत्रीय स्तर पर कुर्द पेशमर्गा बल (तस्वीर में) जमीन पर आईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं.
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आईएस को पैसा कहां से मिलता है?
आईएस की आमदनी का मुख्य जरिया तेल और गैस की बिक्री है. माना जाता है कि सीरिया के एक तिहाई तेल उत्पादन पर अब भी आईएस का ही नियंत्रण है. हालांकि अमेरिकी नेतृत्व में हो रही हवाई कार्रवाई में आईएस के मूल्यवान ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है. इसकी आमदनी के अन्य स्रोतों में टैक्स से मिलने वाली रकम, फिरौती और लूटी हुई बहुमूल्य वस्तुएं शामिल हैं.
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कहां कहां हमले किए?
आईएस ने दुनिया भर में होने वाले कई आंतकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है. इस साल सबसे घातक हमला इराक की राजधानी बगदाद में हुआ जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए और बहुत से घायल हो गए. आईएस नेता अकेले स्तर पर धमाके करने वाले लोगों को बढ़ावा देते हैं, जिसमें आईएस के समर्थक गुट की मदद के बिना ही हमलों को अंजाम देते हैं.
आईएस और हथकंडे क्या हैं?
आईएस अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए कई हथकंडे इस्तेमाल करता है. उसके लड़ाकों ने सीरिया और इराक में बहुत सी ऐतिहासिक कलाकृतियों को लूटा और बर्बाद किया है. इसके अलावा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की हजारों महिलाओं को गुलाम बनाया गया है. आईएस सोशल मीडिया को अपना प्रोपेगेंडा फैलाने और लड़ाकों की भर्ती के लिए इस्तेमाल करता है.
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कितने लोग बेघर हुए?
सीरिया में जारी संघर्ष के कारण वहां से लगभग साठ लाख लोग अन्य देशों में भागने के मजबूर हुए हैं. इनमें से बहुत से लोग पड़ोसी लेबनान, जॉर्डन और तुर्की गए हैं वहीं लाखों लोग यूरोप तक पहुंचे हैं. वहीं इराक में तीस लाख से ज्यादा लोग देश के अंदह ही विस्थापित हुए हैं.
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इन हालात की बच्चों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी, क्योंकि बड़ों की तरह उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था. इस शिविर में काम करने वाली एक राहत कर्मी केली नाऊ का कहना है कि वहां सैकड़ों कुपोषित बच्चे रह रहे हैं. वे बच्चों को अत्यधिक पोषक तत्वों वाला खाना दे रही हैं और मांओं को बता रही हैं कि बच्चों को स्तनपान कराना कितना जरूरी है. इराक में बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि बच्चे के जन्म के 40 दिन बाद उसके लिए मां के दूध से बेहतर पाउडर वाला दूध होता है.
इराक में यूनिसेफ की उप प्रतिनिधि हामिदा रामादानी ने बताया कि मोसूल में पिछले तीन सालों के दौरान आईएस के राज में "लगभग 6.5 लाख बच्चों ने भारी कीमत चुकायी है और इस दौरान उन्होंने बहुत खौफनाक हालात देखे हैं."
बच्चों ने शोधकर्ताओं को आईएस के राज में अपनी जिंदगी के बारे में बताया. उनकी बातों में शैतान, सड़कों पर बिखरी लाशें, खून में सने चेहरे और घरों पर गिरते बम बार बार सुनने को मिलते हैं. बहुत से बच्चों को अब भी हमेशा हमला होने का डर सताता रहता है और दिन के उजाले में भी वे डरे सहमे रहते हैं.
बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था सेव द चिल्ड्रन से जुड़ीं आईलीन मैककार्थी का कहना है कि सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इनमें से ज्यादातर बच्चे अब बच्चों की तरह व्यवहार करना ही भूल गये हैं और उनका व्यवहार रोबोटिक नजर आता है. उनका कहना है, "वे बेहद शांत और चुपचाप रहते हैं और जब आप उसने पूछते हैं कि उनके लिए क्या सकारात्मक है तो वे कहते हैं कि विनम्र रहिए और कानून का पालन कीजिए."
इनमें से ज्यादा बच्चे अपने परिवार के किसी न किसी सदस्य को खो चुके हैं. उन्हें बुरे सपने आते हैं और कई बार वे बहुत जल्दी आक्रामक हो जाते हैं. हालांकि राहतकर्मी खिलौने और अन्य गेम्स की मदद से उनका दिल बहलाने की कोशिश करते हैं. वे बच्चों के माता पिता की भी मदद कर रहे हैं ताकि वे अपने बच्चों का बेहतर ध्यान रख पायें.
आईएस ने ऐसे बर्बाद किया 3000 साल पुराना शहर
इराकी सैनिकों ने प्राचीन शहर निमरूद को इस्लामिक स्टेट के कब्जे से मुक्त करा लिया है. लेकिन यहां मौजूदा विरासत को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई शायद कभी नहीं हो पाएगी.
2014 में जब इस्लामिक स्टेट ने उत्तरी इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा किया तो निमरूद भी इसमें शामिल था. चरमपंथियों ने यहां जमकर लूटपाट और तोड़फोड़ की.
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बर्बादी का वीडियो
पिछले साल इस्लामिक स्टेट ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें चरमपंथियों को निमरूद के भित्ति चित्रों और मूर्तियों को बुलडोजर से तहस नहस करते हुए दिखाया गया था.
तस्वीर: Militant video via AP
बुतपरस्ती
कट्टरपंथी विचारधारा पर चलने वाला इस्लामिक स्टेट इस्लामी दौर से पहले की विरासतों को बुतपरस्ती से जोड़कर देखता है और इसलिए उन्हें ध्वस्त किया जाता है.
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युद्ध अपराध
यूनेस्को ने निमरूद में हुई तबाही की निंदा की है और इसे युद्ध अपराध बताया है.
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लामासु
निमरूद की मशहूर प्रतिमाओं में पंखों वाले एक सांड भी है जिसका मुंह इंसान का है. इसका नाम लामासु है जो ईसा पूर्व नौंवी सदी के राजा अशुरनसीपाल द्वितीय के महल के मुख्यद्वार पर है.
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तिगरिस के किनारे
निमरूद तिगरिस नदी के पूर्वी किनारे पर बसा और मोसुल से 30 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित है.
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किसने खोजा निमरूद
निमरूद को 19वीं सदी में ब्रिटिश पुरातत्वविद ऑस्टेन लेयार्ड ने खोजा था. बाद में 1950 के दशक में ब्रिटिश पुरातत्वविद मैक्स मेलोवेन और उनकी पत्नी और अपराध लेखिका अगाथा क्रिस्टी ने भी निमरूद में काम किया था.
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उपन्यासों की पृष्ठभूमि
निमरूद और मध्यपूर्व में अगाथा क्रिस्टी का सफर उनके कई उपन्यासों की पृष्ठभूमि बना.
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सेव द चिल्ड्रन इस समस्या से निपटने के लिए इराकी सरकार के साथ मिल कर काम कर रहा है. शोधकर्ता कहते हैं कि अगर इराक में संकट के कारणों से निपटने पर ध्यान नहीं दिया गया तो पूरा समाज पीड़ा की संस्कृति का शिकार बन सकता है. ऐसा न हो, इसके लिए जरूरी है कि उन पर जुल्म ढाने वालों को कानून के कठघरे तक लाया जाये.