मौलाना अजहर को ब्लैकलिस्ट करने की कोशिश को चीन ने रोका
३० दिसम्बर २०१६
भारत का कहना है कि मसूद अजहर और उसका संगठन जनवरी में भारत के एक हवाई सैनिक अड्डे सहित कई हमलों के लिए जिम्मेदार है. पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने हमले के बाद अजहर और उसके सहयोगियों से पूछताछ की और कहा कि उन्होंने हमलों में उनका हाथ होने का कोई सबूत नहीं पाया. 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने जैश ए मोहम्मद को अल कायदा से जुड़े संगठनों की काली सूची में डाल रखा है लेकिन लंबे समय से भारत के विरोधी रहे इस्लामी कट्टरपंथी अजहर को ब्लैकलिस्ट नहीं किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने नौ महीने पहले अजहर को इस सूची में डालने का आग्रह किया था और उसे सुरक्षा परिषद के बाकी सभी सदस्यों का मजबूत समर्थन मिला था. उन्होंने कहा कि चीन ने अप्रैल में इस कदम को टाल दिया था और अब ब्लॉक कर दिया है. स्वरूप ने एक बयान में कहा, "हमारी उम्मीद थी कि चीन आतंकवाद से सभी को पहुंचने वाले खतरे पर ज्यादा समझदारी दिखाएगा." उन्होंने कहा कि यह कदम उठाने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की असमर्थता "आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में दोहरे मापदंड की उपस्थिति" दिखाती है. चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम इस बयान के बारे में पूछे जाने पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की.
देखिए, आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान पर लंबे समय से कश्मीर सहित भारतीय जमीन पर हमले के लिए जैश ए मोहम्मद का इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है और उसने अपने ही शब्दों में पाकिस्तान को टेलिफोन टैपिंग के अलावा "कार्रवाई करने लायक खुफिया जानकारी" दी है. पाकिस्तान कश्मीर स्थित उग्रपंथियों को कोई मदद देने से इंकार करता है. अगर मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ब्लैकलिस्ट कर दे तो उस पर दुनिया भर में यात्रा करने पर प्रतिबंध लग जाएगा और संपत्ति को फ्रीज कर दिया जाएगा. भारत ने अजहर को 1994 में गिरफ्तार कर लिया था लेकिन 1999 में विमान अपहरण के बाद यात्रियों को छुड़ाने के लिए उसे रिहा कर दिया था. विकास स्वरूप ने कहा है कि भारत हिंसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई के लिए उसके पास उपलब्ध विकल्पों से दृढ़ता से जोर डालता रहेगा.
एमजे/वीके (रॉयटर्स)