चीन ने घटती जनसंख्या से निपटने के लिए कॉलेजों में "प्रेम शिक्षा" देने पर जोर दिया है. कॉलेज और यूनिवर्सिटियों से कहा गया है कि वे इसके जरिए शादी, प्यार, प्रजनन और परिवार को लेकर सकारात्मक विचारों पर जोर दें.
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चीन में 2023 में लगातार दूसरे साल जनसंख्या में गिरावट दर्ज किए जाने के बाद बीजिंग युवा जोड़ों के लिए बच्चे पैदा करना अधिक आकर्षक बनाने के लिए अलग-अलग उपायों को बढ़ावा दे रहा है. चीन की आबादी करीब 1.4 अरब है और वह इस तरह से दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, लेकिन वह तेजी से बूढ़ी होती आबादी से परेशान है.
आबादी बूढ़ी होने से सरकार पर खर्च का दबाव रहेगा और इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा.
जियांग्सू शिन्हुआ न्यूज पेपर समूह ने एक आधिकारिक प्रकाशन, चाइना पॉपुलेशन न्यूज का हवाला देते हुए कहा कि कॉलेज के छात्र प्रजनन क्षमता के सबसे बड़े चालक होंगे, लेकिन उन्होंने विवाह और प्रेम के बारे में अपने विचारों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. प्रकाशन में कहा गया है, "कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को शादी और लव एजुकेशन कोर्स चलाकर कॉलेज के छात्रों को विवाह और प्रेम के बारे में पढ़ाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए."
इन पहलों का मकसद "स्वस्थ और सकारात्मक विवाह और बच्चे पैदा करने के लिए एक बेहतर सांस्कृतिक माहौल" बनाना है.
चीन में बढ़ रहा कुत्तों की शादियों का चलन
चीन में पालतू जानवरों की लोकप्रियता और उन्हें सजाने-संवारने और उनकी शादी करवाने में लोगों की रुचि खूब बढ़ रही है.
तस्वीर: Nicoco Chan/REUTERS
ब्री और बॉन्ड की शादी
ब्री और बॉन्ड की शादी किसी सेलिब्रिटी की शादी से कम नहीं थी. गोल्डन रिट्रीवर ब्री और बॉन्ड की शादी के लिए खास इंतजाम किए गए. ब्री ने सफेद लेस वाली गाउन पहनी थी. शादी के मौके के लिए स्वादिष्ट केक भी रखा गया था.
तस्वीर: Nicoco Chan/REUTERS
एक साथ रहने का वादा
ब्री के मालिक राई लिंग ने कहा, "लोग शादियां करते हैं. कुत्तों की शादियां क्यों नहीं हो सकतीं?" दोनों ने शादी के बंधन में बंधते हुए साथ खेलने और खाने-पीने का वादा किया.
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शादी की तैयारी
लिंग और उनकी गर्लफ्रेंड गिगी चैन ने कहा कि उन्हें शादी करने की कोई जल्दी नहीं है. लेकिन उन्होंने अपने पालतू कुत्ते के विवाह समारोह की योजना बहुत सावधानी से बनाई. शादी के लिए पेशेवर फोटोग्राफरों को रखा गया. शादी के लिए डिजाइनर कार्ड बनाए गए.
तस्वीर: Nicoco Chan/REUTERS
शादी के लिए खास केक
यांग ताओ शंघाई में एक बेकरी चलाती हैं, जो पालतू जानवरों के लिए खास केक भी बनाती है. यांग कहती हैं कि शुरुआत में उन्हें आश्चर्य हुआ जब ग्राहकों ने उनसे अपने कुत्तों के लिए शादी के केक बनाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कुत्ते और बिल्ली की शादी का चलन बढ़ता रहेगा."
तस्वीर: Nicoco Chan/REUTERS
पालतू जानवरों पर खर्च करते चीनी
पालतू जानवरों की लोकप्रियता और उन पर पैसे खर्च करने की बढ़ती इच्छा इस ट्रेंड को बढ़ावा दे रही है. चीनी उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में कुत्तों और बिल्लियों पर खर्च एक साल पहले की तुलना में 3.2 प्रतिशत बढ़कर 38.41 अरब डॉलर हो गया.
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शादी कम कर रहे लोग
चीन के तेजी से बूढ़े होते समाज में विवाह दर में लगातार गिरावट को रोकने और जन्म दर बढ़ाने की सरकारी नीतियां विफल हो रही हैं.
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राज्य परिषद ने इसी साल नवंबर में स्थानीय सरकारों को साथ लाते हुए देश में जनसंख्या में गिरावट की समस्या को सुलझाने के लिए संसाधनों के सही तरीके से इस्तेमाल पर जोर दिया. स्थानीय सरकारों से कहा गया कि वे युवाओं के बीच सही उम्र में बच्चे पैदा करने और शादी के प्रति सम्मान फैलाने के लिए काम करें. हालांकि, जनसांख्यिकीविदों का कहना है कि इस कदम से चीनी युवाओं के साथ तालमेल बिठाने की संभावना नहीं है.
रोमांटिक रिश्तों से युवाओं की दूरी
चाइना पॉपुलेशन न्यूज के एक सर्वे में लगभग 57 फीसदी कॉलेज छात्रों ने कहा कि वे प्यार में नहीं पड़ना चाहते. उनका कहना है कि प्यार और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाने के लिए समय कैसे बांटा जाए. अखबार ने लिखा, "व्यवस्थित और वैज्ञानिक विवाह और प्रेम शिक्षा की कमी के कारण, कॉलेज के छात्रों को भावनात्मक रिश्तों की पूरी समझ नहीं है."
इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी जूनियर कॉलेज के छात्रों को जनसंख्या और राष्ट्रीय परिस्थितियों, नई शादी और बच्चे पैदा करने की अवधारणाओं के बारे में पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
वहीं सीनियर कॉलेज के छात्रों और ग्रैजुएशन के छात्रों को शादी और जनसंख्या को लेकर "केस स्टडी, ग्रुप डिस्कशन और रिश्ते बनाए" रखने पर पढ़ाया जा सकता है. ये कोर्स छात्रों को "विवाह और प्रेम को सही ढंग से समझने और प्रेम संबंधों को प्रबंधित करने की उनकी क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकेंगे."
चीन उन देशों में है, जहां आबादी सबसे ज्यादा तेजी से उम्रदराज हो रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, साल 2040 तक वहां 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या आबादी का लगभग 28 फीसदी होगी. आबादी में बुजुर्गों की इतनी बड़ी संख्या चीन के लिए नीतिगत स्तर पर बड़ी चुनौती है. इन्हीं चिंताओं में से एक यह है कि इतनी बड़ी आबादी को पेंशन कहां से दी जाएगी. हाल ही में चीन ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का एलान किया था.
एए/वीके (रॉयटर्स)
कहां घट रही है और कहां बढ़ रही है आबादी
दुनिया की आबादी ने भले ही आठ अरब का आंकड़ा पार कर लिया हो, लेकिन चीन समेत कई देशों की आबादी घट रही है. जानिए दुनिया के किस कोने में किस तरह के बदलाव आ रहे हैं.
तस्वीर: Roberto Paquete/DW
कम बच्चे पैदा हो रहे हैं
कई देशों की आबादी घट रही है और यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी. इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे खर्चों का बढ़ना, ज्यादा महिलाओं का नौकरी करना, लोगों का देर से बच्चे पैदा करना, आदि. इन सब की वजह से कई देशों में पहले के मुकाबले कम बच्चे पैदा हो रहे हैं.
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चीन नहीं रहेगा नंबर एक
पिछले साल चीन की आबादी 60 सालों में पहली बार घट गई, जिसकी वहज से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसी साल वो दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश की पहचान खो देगा. साल 2100 तक चीन की आबादी आज के स्तर से लगभग आधी, यानी 1.4 अरब से 77.1 करोड़ हो सकती है. भारत इसी साल चीन की जगह ले सकता है.
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यूरोप में गिरी आबादी
जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 सालों में एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले आठ देशों की आबादी कम हो गई. इनमें से अधिकांश देश यूरोप में हैं, जिनमें यूक्रेन, यूनान, इटली, पोलैंड, पुर्तगाल और रोमानिया शामिल हैं.
तस्वीर: Emmanuelle Chaze/DW
यूरोप के बाहर भी गिरावट
इस सूची में सिर्फ जापान और सीरिया गैर-यूरोपीय देश हैं. सीरिया में 2011 से युद्ध चल रहा है और उसका देश की आबादी पर गहरा असर पड़ा है. लेकिन आने वाले सालों में सीरिया की आबादी के बढ़ने का अंदाजा है. बाकी सात देशों में आबादी में आई गिरावट जारी रहेगी.
तस्वीर: Baderkhan Ahmad/AP/picture alliance
जापान में दोहरी समस्या
जापान में ज्यादा बुजुर्गों के होने की वजह से देश की कुल आबादी गिर रही है. वहां आप्रवासन भी कम हो रहा है. 2011 से 2021 के बीच जापान की आबादी में तीस लाख से ज्यादा की गिरावट आई.
तस्वीर: David Mareuil/AA/picture alliance
कई और देशों में भी आएगी गिरावट
2030 तक रूस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और स्पेन की आबादी भी घटनी शुरू हो जाएगी. 2050 तक थाईलैंड, फ्रांस, उत्तर कोरिया और श्रीलंका की आबादी भी गिरने लगेगी. कई दूसरे देशों के लिए इस सदी के दूसरे हिस्से में आबादी के गिरने का पूर्वानुमान है. इनमें भारत, इंडोनेशिया, तुर्की और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.
तस्वीर: Subrata Goswami/DW
अफ्रीका में अलग तस्वीर
जहां साल 2100 तक यूरोप, अमेरिका और एशिया की आबादी में गिरावट आ रही होगी, वहीं उस समय तक अफ्रीका में अलग तस्वीर उभरने का पूर्वानुमान है. अनुमान है कि अफ्रीका की आबादी बढ़ती रहेगी और 2100 तक 1.4 अरब से बढ़कर 3.9 अरब हो जाएगी. जहां इस समय अफ्रीका में दुनिया की आबादी करीब 18 फीसदी हिस्सा रहता है, वहीं 2100 तक यह आंकड़ा बढ़कर 38 प्रतिशत हो जाएगा.
तस्वीर: Roberto Paquete/DW
कई दशक बाद गिरेगी दुनिया की आबादी
लेकिन संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कुल मिला कर धरती की आबादी में गिरावट 2090 के दशक में शुरू होगी. गिरने से पहले पूरी दुनिया की दुनिया बढ़ कर 10.4 अरब तक पहुंच जाएगी. (एएफपी)