चीन ने अफवाह रोकने के नाम पर और बढ़ाई इंटरनेट सेंसरशिप
२४ सितम्बर २०२५
चीन के इंटरनेट रेगुलेटर 'साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना' ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर हिंसा, अफवाहों और निराशावादी टिप्पणियों पर लगाम कसने के लिए दो महीने का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है. यह कदम 22 सितंबर से लागू हुआ है.
बताया गया है कि अभियान का उद्देश्य डिजिटल दुनिया से ऐसी सामग्रियों को हटाना है, जो समाज में "नकारात्मक मानसिकता" को बढ़ावा देती हैं. इसमें न केवल हिंसक या भड़काऊ पोस्ट शामिल हैं, बल्कि चीन की धीमी अर्थव्यवस्था को लेकर की गई निराशावादी टिप्पणियां भी निशाने पर हैं.
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ट्रेंडिंग टॉपिक्स, कमेंट्स पर कड़ी नजर
'साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना' ने कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंडिंग टॉपिक्स, सुझावों और कमेंट्स पर कड़ी नजर रखेगा. उसके अनुसार, "परेशान करने वाली" सामग्री में प्रशंसक समूहों को भड़काने वाली पोस्ट, "डॉक्सिंग" के तरीकों को बेचने या सिखाने वाली सामग्री के अलावा अफवाहें और "सनसनीखेज साजिश के सिद्धांत" शामिल हैं.
'डॉक्सिंग' वह तकनीक है, जिसके जरिए किसी व्यक्ति या संगठन की जानकारी इंटरनेट पर साझा की जाती है. सरकार का तर्क है कि इस तरह के कंटेंट धीरे-धीरे लोगों में नकारात्मक मानसिकता पैदा करते हैं, जो समाज के लिए खतरनाक है.
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चीन में इंटरनेट पर कड़ी पहरेदारी
चीन में पहले से ही ऑनलाइन कंटेंट पर कड़े प्रतिबंध हैं. हालांकि, पश्चिमी प्लेटफॉर्म भी यूजर्स के व्यवहार को नियंत्रित करते हैं, लेकिन चीन की निगरानी कहीं अधिक व्यापक और सख्त मानी जाती है. अधिकारियों के अनुसार, इसका उद्देश्य सामाजिक और सार्वजनिक अशांति को रोकना है.
हाल ही में चीन ने शॉर्ट वीडियो ऐप कुआइशौ, माइक्रोब्लॉगिंग साइट वाइबो और इंस्टाग्राम से मिलता-जुलता प्लेटफॉर्म शियाओहोंगशु (जिसे रेडनोट के नाम से भी जाना जाता है) समेत प्रमुख प्लेटफार्मों के खिलाफ कंटेंट उल्लंघन को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी.
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पहले से मौजूद सेंसरशिप और नई सख्ती
सरकार की इस घोषणा का संदर्भ मशहूर अभिनेता यू मेंगलोंग की मौत से जुड़ा है. बीजिंग पुलिस ने बताया कि उनकी मौत शराब पीने के बाद गिरने से हुई, मगर सोशल मीडिया पर एक अलग कहानी फैली. अफवाह फैलाने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन लोगों ने व्यूज बढ़ाने के लिए फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. पुलिस का दावा है कि उससे "सार्वजनिक व्यवस्था बुरी तरह से बाधित हुई."
सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर जा इयान चोंग बताते हैं कि व्यक्तिगत संभावनाओं के संबंध में चीनी लोगों के भीतर "प्रेरणा की बड़ी कमी, यहां तक कि निराशावाद" दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि यह "उम्मीद करना वाजिब" है कि चीनी अधिकारी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपभोक्ताओं में भरोसा जगाने और अधिक खपत को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा, "ऐसा करने का एक तरीका ऑनलाइन जनभावनाओं को नियंत्रित करना हो सकता है."
चीन के सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा इस महीने जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त महीने में 16 से 24 वर्ष की आयु के लोगों की बेरोजगारी दर (छात्रों को छोड़कर) दो साल के उच्चतम स्तर 18.9 फीसदी पर पहुंच गई.
हाल ही में चीन की अर्थव्यवस्था पर जारी एक रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक ने बताया कि घरेलू खपत में धीरे-धीरे, लेकिन लगातार होने वाले सुधारों के लिए बदलाव के ज्यादा बड़े लक्ष्यों की जरूरत होगी.