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किसी देश को रूस की मदद नहीं करने देंगेः अमेरिका

१४ मार्च २०२२

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवन ने कहा है कि अगर चीन ने रूस की मदद की तो उसे भी गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. सलीवन आज चीन के वरिष्ठ राजनयिक यांग जिएची से रोम में मिलने वाले हैं.

यूक्रेन युद्ध के विरोध में भारत में प्रदर्शन
यूक्रेन युद्ध के विरोध में भारत में प्रदर्शनतस्वीर: Sanjeev Gupta/SOPA Images/ZUMA/picture alliance

अमेरिका ने कहा है कि रूस की मदद चीन को भी भारी पड़ सकती है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवन ने चीनी राजनयिक से रोम में होने वाली मुलाकात से पहले चेतावनी दी है कि यदि प्रतिबंधों से बचने में रूस की मदद की तो चीन को भी परिणाम भुगतने होंगे. सलीवन सोमवार को यांग जिएची से मिलकर उन्हें अमेरिकी चिंताओं से अवगत कराएंगे.

अमेरिका का कहना है कि रूस ने चीन से सैन्य उपकरण मांगे हैं. इस बारे में फाइनैंशल टाइम्स अखबार ने खबर छापी है. हालांकि चीन ने इसका खंडन किया है. पूछे जाने पर वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंगयू ने कहा, "मैंने तो ऐसा कभी नहीं सुना.”

लियू ने कहा कि यूक्रेन के मौजूदा हालात से चीन परेशान है. उन्होंने कहा, "हम इस संकट के शांतिपूर्ण हल के लिए हरसंभव प्रयास का समर्थन और प्रोत्साहन करते हैं. मुश्किल स्थिति के बावजूद रूस और यूक्रेन की एक शांतिपूर्ण हल तक पहुंचने के लिए पूरी मदद की जानी चाहिए.”

किसी देश को मदद नहीं करने देंगे

इससे पहले जेक सलीवन ने समाचार चैनल सीएनएन को रविवार को बताया कि रूस की यूक्रेन पर हमले की योजना के बारे में चीन पहले से जानता था, भले ही उसे योजना के विस्तार के बारे में पूरी जानकारी ना हो. उन्होंन कहा कि अमेरिका इस बात पर नजर बनाए हुए है कि चीन किस हद तक रूस की मदद करता है और अगर ऐसा हुआ तो चीन पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

सलीवन ने कहा, "हम सीधे ही निजी तौर पर बीजिंग को सूचित कर रहे हैं कि अगर रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद की गई तो निश्चित तौर पर उसके परिणाम भुगतने होंगे. हम ऐसा किसी सूरत नहीं होने देंगे और दुनिया के किसी भी देश को रूस पर लगी पाबंदियों से बचने में मदद नहीं करने देंगे.”

चीन-अमेरिका बैठक

सलीवन सोमवार को ही चीनी अधिकारियों से मिलने वाले हैं. हालांकि यह बैठक पहले से तय थी और इसका मकसद अमेरिका और चीन की सरकारों के बीच संवाद बढ़ाना और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच प्रतिद्वन्द्विता पर चर्चा करना है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लीजियां ने कहा कि बैठक का उद्देश्य उस महत्वपूर्ण सहमति को लागू करना है जो चीनी राष्ट्रपति शी जिन पिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच नवंबर में हुई वर्चुअल बैठक में बनी थी.

क्या चीन रूस और यूक्रेन के बीच शांति कायम कर सकता है?

बीजिंग स्थित एक थिंकटैंक के प्रमुख और चीन सरकार के सलाहकार वांग हुयाओ ने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में रविवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने के लिए चीन रणनीतिक रूप से सटीक जगह पर है. वांग ने लिखा, "भले ही पश्चिम में कुछ लोगों को यह विचार अरुचिकर लगे लेकिन रूसी नेता को चीन की मदद से बाहर निकलने के लिए रास्ता दिया जाना चाहिए.”

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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