चीन की उम्मीद, नेपाल है भारत के दिल का रास्ता
१८ अप्रैल २०१८China hopes Nepal is the way to India's heart
चीन ने बनाया समुद्र पर सबसे लंबा पुल
चीन ने बनाया समुद्र पर सबसे लंबा पुल
चीन ने दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल बांधने में सफलता हासिल कर ली है. यह पुल हांग कांग, मकाउ और चीन को जोड़ेगा. माना जा रहा है इस पुल में उतना स्टील खर्च हुआ है जितना स्टील 60 आइफिल टावर को बनाने में खर्च होता.
हांग कांग, चीन और मकाउ
55 किमी लंबा यह पुल हांग कांग को चीन के दक्षिणी शहर झूहाई और मकाउ के गैमलिंग एनक्लेव से जोड़ेगा. नौ साल से बन से रहे इस पुल की पहली झलक से चीन सरकार ने अब पर्दा उठाया है. इसमें एक अंडरवाटर टनल भी तैयार की गई है जिसे इस निर्माण कार्य का सबसे जटिल हिस्सा बताया गया है.
कारोबार में इजाफा
अधिकारियों के मुताबिक, "यह पुल अगले 120 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा." कयास लगाए जा रहे हैं कि यह पुल कारोबार में इजाफा करेगा और इससे यात्रा में लगने वाला समय 60 फीसदी तक घटेगा. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने कहा है कि इस पुल के निर्माण में 4.20 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है.
हांग कांग पर पकड़
इस परियोजना के प्लानिंग मैनेजर काओ शिनलिन कहते हैं, "6-7 किलोमीटर की अंडरवाटर टनल बनाने का सोच कर मुझे कई रात नींद नहीं आई. कई रात मैं सो नहीं सका क्योंकि निर्माण कार्य के दौरान कई मुश्किलें भी आईं." हांग कांग के विपक्षी खेमे का मानना है कि यह पुल कोई साधारण पुल नहीं है बल्कि चीन की हांग कांग पर मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश है.
15.1 अरब डॉलर का खर्च
इस पुल को बनाने पर चीन सरकार ने कितना खर्च किया है इसका सटीक आंकड़ा तो नहीं जारी किया गया है. लेकिन माना जा रहा है इसे बनाने मे तकरीब 15.1 अरब डॉलर खर्च हुए हैं. हालांकि आलोचक इसे सफेद हाथी बताकर इसकी आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
मुश्किलें कम नहीं
उम्मीद जताई जा रही थी यह परियोजना 2017 में ही पूरी हो जाएगी. लेकिन बजट बढ़ने, भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की मौतों ने इसमें देरी कर दी. इस पुल की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी जताई गई है. दरअसल एक मामले में क्रांकीट टेस्ट की नकली रिपोर्ट में 19 लैब वर्करों के शामिल होने की बात सामने आई थी. इसके बाद पिछले साल दिसंबर में एक को जेल हो गई.
पैदल सवारों के लिए नहीं
लेकिन दुनिया के इस सबसे लंबे पुल पर पैदल सवार नहीं चल सकेंगे. वहीं चीन से जाने वाली कार को हांग कांग में घुसने से पहले रोड में अपनी साइड बदलनी होगी. क्योंकि हांग कांग में भारत की तरह ट्रैफिक बायीं तरफ चलता है.