आसमान में चीनी विमानों की कार्रवाई के खतरनाक संकेत
विवेक कुमार
९ जून २०२२
ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने आरोप लगाया है कि चीन के लड़ाकू विमानों ने उनके सैन्य विमानों का रास्ता रोका. चीन ने इसे आत्मरक्षा की कार्रवाई बताया है. लेकिन ये कार्रवाइयां खतरनाक संकेत दे रही हैं.
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चीन ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी है कि साउथ चाइना सी में "अतिसक्रिय" कार्रवाइयां बंद कर दे. हाल ही में चीन और ऑस्ट्रेलिया के विमान आमने-सामने आ गए थे जिसके बाद दोनों देशों पर गंभीर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है.
एक दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि चीन ने उसके निगरानी विमान का रास्ता रोका. हालांकि चीन की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई थी लेकिन बुधवार को उसने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी जारी की जिसे घटना की पुष्टि के रूप में भी देखा जा रहा है.
रविवार को ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि 26 मई को चीन का जे-16 लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना के पी-8 विमान के बेहद करीब आ गया था. ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि उसका समुद्री निगरानी करने वाला विमान अंतरराष्ट्रीय उड़ान क्षेत्र में रूटीन पट्रोलिंग कर रहा था, जब यह घटना घटी.
ताइवान में लोग क्यों ले रहे हथियार चलाने की ट्रेनिंग
यूक्रेन पर रूस के हमले से सबक लेते हुए ताइवान के लोग भी बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. उन्हें डर है कि जिस तरह से रूस ने यूक्रेन के साथ किया है कहीं चीन भी ताइवान के साथ न कर दे.
तस्वीर: Ann Wang/REUTERS
ताइवान में भी युद्ध की आशंका
ताइवान के कई लोगों को अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक बड़ा पड़ोसी अपने छोटे पड़ोसी पर हमला कर सकता है. उनमें से कई लोगों का मानना है कि चीन ताइवान पर कभी भी हमला कर सकता है और ऐसे में चूंकि उसे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना है, इसलिए बेहतर होगा कि अभी से तैयारी शुरू कर दी जाए. इसे ध्यान में रखते हुए कई लोगों ने पहले ही बंदूक प्रशिक्षण में दाखिला ले लिया है.
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ताइवान पर बढ़ता दबाव
चीन ताइवान को अपना इलाका मानता है और उसे अपने अधीन लाने का प्रण ले चुका है. रूस ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था तब से ताइवानियों के बीच बंदूक प्रशिक्षण में रुचि अभूतपूर्व दर से बढ़ी है. राजधानी ताइपेई के पास पोलर लाइट ट्रेनिंग सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैक्स चियांग ने कहा कि बहुत से लोग जिन्होंने अपने जीवन में कभी बंदूक नहीं देखी है, वे इसका इस्तेमाल करना सीख रहे हैं.
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बंदूक के साथ लड़ना सीख रहे
पिछले तीन महीनों में ताइवान में सभी उम्र और व्यवसायों के लोगों में बंदूक प्रशिक्षण में रुचि बढ़ी है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक देश के टुअर गाइड से लेकर टैटू आर्टिस्ट तक लगभग हर कोई एक विशेष परिस्थिति के लिए तैयार रहने के लिए शूटिंग में कुशल होना चाहता है.
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नेता भी सहमे
यूक्रेन में जो हालात हैं उनसे ताइवान के नेताओं का एक बड़ा वर्ग भी चिंतित है. उनमें से कुछ ने तो युद्ध की तैयारी भी शुरू कर दी है. सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के एक नेता लिन पिंग-यू ने कहा कि अगर युद्ध छिड़ता है तो उसके लिए उन्होंने अपने परिवार के लिए आपातकालीन खाद्य आपूर्ति और बैट्री जमा कर ली है.
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टैटू कलाकार भी मैदान में
चीन से खतरे के खिलाफ तैयारी करने वालों में 39 साल के टैटू कलाकार सु चुन भी हैं. वे एयर गन चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. वे कहते हैं, "मैं युद्ध के कुछ कौशल सीखना चाहता हूं, जिसमें सिर्फ हथियार चलाने की ट्रेनिंग नहीं बल्कि किसी भी तरह की स्थिति पर प्रतिक्रिया देने की ट्रेनिंग शामिल हो."
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ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी विमान ने उसके विमान के पास से गुजरते हुए चिंगारियां छोड़ीं. उसके बाद जे-16 ऑस्ट्रेलियाई विमान के एकदम सामने आ गया और उसके ऊपर राख फेंकी. मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस राख में एल्युमिनियम के बारीक कण भी शामिल थे जो ऑस्ट्रेलियाई विमान के इंजन में चले गए.
ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी
चीनी मंत्रालय के प्रवक्ता तान केफाई ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई विमान पार्सल आईलैंड्स के पास उस अंतरराष्ट्रीय वायुसीमा में तो नहीं घुसा, जिस पर चीन दावा करता है लेकिन उसने "चीन की संप्रभुता और सुरक्षा को गंभीर खतरा" पैदा कर दिया था. तान ने कहा, "चीनी सेना ने जो कदम उठाया वह पेशेवराना, सुरक्षित, तार्किक और वैध था."
तान ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी जारी करते हुए कहा, "ऑस्ट्रेलिया का पक्ष एकदम स्पष्ट हो चुका है. वे बार-बार गलत जानकारियां फैला रहे हैं और विवाद को उकसा रहे हैं. चीन इसका विरोध करता है. हम ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी देते हैं कि इस तरह के खतरनाक भड़काऊ कार्रवाइयां बंद करे और अपनी नौसेना व वायु सेना पर सख्त नियंत्रण रखे. नहीं तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे."
साउथ चायना सी में बहुत से ऐसे छोटे-छोटे द्वीप हैं जिन्हें चीन अपना बताता है और उनके आसपास के समुद्र को अपनी सीमा में मानता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लीजियां ने सोमवार को कहा था कि ऑस्ट्रेलिया को चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों का सम्मान करना चाहिए.
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ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंधों में तनाव
ऑस्ट्रेलिया के लिए यह नाजुक स्थिति है क्योंकि हाल ही में नई सरकार ने कामकाज संभाला है. नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी पर चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने चीन के प्रति नरम होने के आरोप लगाए थे, जिनका उन्होंने पुरजोर खंडन किया था. प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने चीन के प्रति सख्त बयान भी दिया था, ताकि घरेलू स्तर पर संकेत दे सकें कि वह चीन को लेकर किसी तरह की नरमी नहीं बरतेंगे.
इस हफ्ते वह इंडोनेशिया के दौरे पर थे, जबकि चीनी विमान से ऑस्ट्रेलियाई विमान के आमने-सामने होने की खबर आई. उन्होंने इस कार्रवाई को आक्रामकता का खतरनाक कदम बताया. अल्बानीजी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया की सरकार का, हमारे रक्षा मंत्रालय का रुख यही है कि यह (चीनी विमान की कार्रवाई) सुरक्षित नहीं था. हमने चीन की सरकार को उचित संदेश दे दिया है और अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं."
सबसे शक्तिशाली देश
सक्रिय सैन्य शक्ति के विभिन्न मानकों जैसे सैनिकों की संख्या, कुदरती संसाधन, एयरपोर्ट और बजट आदि पर परखने के बाद थिंक टैंक 'ग्लोबल फायर पावर' ने सबसे शक्तिशाली देशों की सूची बनाई है. टॉप 10 देश हैं...
तस्वीर: Eraldo Peres/AP/picture alliance
सबसे शक्तिशाली है अमेरिका
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है. उसका रक्षा बजट 801 अरब डॉलर का है. उसके पास करीब 14 लाख से ज्यादा सैनिक हैं, जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है.
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रूस
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत रूस के पास 10 लाख से ज्यादा सैनिकों की जमात है. उसके पास हथियारों का विशाल जखीरा है.
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चीन
चीन को सैन्य शक्ति के रूप में तीसरे नंबर पर रखा गया है. उसकी सेना दुनिया में सबसे बड़ी है. चीन के पास लगभग 22 लाख सक्रिय सैनिक हैं.
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भारत
कुल सैन्य शक्ति में भारत चीन से थोड़ा ही पीछे माना गया है. चौथे नंबर की शक्ति भारत के पास परमाणु हथियारों का भी फायदा है.
जापान के पास सैनिकों की संख्या भले ही ज्यादा ना हो लेकिन वह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, अपनी तकनीक और हथियारों के बल पर. उसके पास एक हजार के करीब तो लड़ाकू विमान हैं. 2021 में उसका रक्षा बजट दुनिया में छठा सबसे बड़ा था.
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दक्षिण कोरिया
उत्तर कोरिया से युद्ध का खतरा झेलना वाला दक्षिण कोरिया भी बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में तैयार है. उसके पास करीब छह लाख सक्रिय जवान हैं, जो दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी सेना बनाते हैं.
तस्वीर: Kim Jae-Hwan/AFP
फ्रांस
फ्रांस हथियारों के निर्माण में सबसे बड़े देशों में से एक फ्रांस के आधुनिक हथियार उसे सातवीं सबसे बड़ी शक्ति बनाते हैं.
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ब्रिटेन
रक्षा बजट के मामले में टॉप 5 देशों में शामिल ब्रिटेन की सेना दुनिया की सबसे पुरानी सेनाओं में से एक है. हालांकि उसके पास सक्रिय जवानों की बहुत बड़ी संख्या नहीं है लेकिन परमाणु और अन्य आधुनिक हथियार उसे ताकत देते हैं.
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पाकिस्तान
भारत का पड़ोसी और प्रतिद्वन्द्वी पाकिस्तान नौवें नंबर पर है. उसके पास भी परमाणु हथियार हैं जो उसे शक्तिशाली देशों में शामिल करते हैं.
तस्वीर: Anjum Naveed/AP/picture alliance
ब्राजील
ब्राजील दुनिया का दसवां सबसे ताकतवर देश माना गया है. उसके पास चार लाख से कम सक्रिय सैनिक हैं और विदेशों से खरीदे व घरेलू स्तर पर बनाए गए उसके ताकतवर हथियार उसकी ताकत हैं.
तस्वीर: Eraldo Peres/AP/picture alliance
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ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार के शपथ लेने के बाद चीन ने अल्बानीजी को बधाई देते हुए कहा था कि दोनों देशों के संबंधों को दोबारा सही रास्ते पर लाने की जरूरत है. ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत शाओ कियान ने कहा था कि संबंधों की बेहतरी के लिए पिछले कदमों की समीक्षा की जरूरत है. हालांकि चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में उन्होंने कहा जब तक राजनीतिक संबंधों में सुधार नहीं होता, तब तक व्यापार प्रतिबंध नहीं हटाए जा सकते.
चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार है. लेकिन बीते तीन साल से दोनों देशों के बीच संबंध लगातार खराब होते गए हैं. चीन ने ऑस्ट्रेलिया के कई अहम उत्पादों पर प्रतिबंध लगा रखा है जिनकी कीमत 20 अरब डॉलर से भी ज्यादा बनती है. ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि ये प्रतिबंध हटाए जाएं और एंथनी अल्बानीजी यह मांग भी कर चुके हैं.
कनाडा ने भी लगाए थे आरोप
जैसे आरोप ऑस्ट्रेलिया ने लगाए हैं, वैसे ही आरोप पिछले हफ्ते की शुरुआत में कनाडा ने चीन पर लगाए थे. कनाडा की सेना ने कहा था कि चीन के लड़ाकू विमान अंतरराष्ट्रीय समुद्र में उसके विमानों से उलझने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर कोरिया की निगरानी में तैनात कनाडाई विमानों ने यह शिकायत की थी.
कनाडा ने कहा है कि उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के उल्लंघन से रोकने के लिए निगरानी करने वाले उसके विमानों को चीन की सेना परेशान कर रही है. कनाडा की सेना का कहना है कि कई बार चीनी विमान उसके विमानों के रास्ते में आ गए जिस कारण उन्हें अपना रास्ता बदलना पड़ा. उसका आरोप है कि 26 अप्रैल से 26 मई के बीच पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के विमानों ने कई बार रॉयल कनेडियन एयर फोर्स के सीपी-140 औरॉरा पट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का रास्ता रोका. बुधवार को जारी एक बयान में कनाडा की सेना ने कहा कि एक महीने के भीतर ऐसा एक से ज्यादा बार हुआ.
भारत और चीन की सैन्यशक्ति की तुलना
पड़ोसी और प्रतिद्वन्द्वी भारत और चीन की सैन्य ताकत को आंकड़ों के आधार पर समझा जा सकता है. यूं तो भारत चीन से सिर्फ एक कदम पीछे, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है लेकिन शक्ति में अंतर बड़ा है.
तस्वीर: Xinhua/imago Images
भारत और चीन की तुलना
थिंकटैंक ग्लोबल फायर पावर ने चीन को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति माना है और भारत को चौथी. यह तुलना 46 मानकों पर परखने के बाद की गई है, जिनमें से 38 में चीन भारत से आगे है.
तस्वीर: Manish Swarup/AP/picture alliance
सैनिकों की संख्या
चीन के पास 20 लाख से ज्यादा बड़ी सेना है जबकि भारत की सेना में 14 लाख 50 हजार जवान हैं. यानी चीन की सेना साढ़े पांच लाख ज्यादा जवानों के साथ मजबूत है.
तस्वीर: Ding Kai/Xinhua/picture alliance
अर्धसैनिक बल
भारत में 25 लाख 27 हजार अर्धसैनिक बल हैं जबकि चीन में मात्र छह लाख 24 हजार. यानी भारत 19 लाख तीन हजार अर्धसैनिक बलों के साथ हावी है.
तस्वीर: Sourabh Sharma
रक्षा बजट
भारत रक्षा मद में 70 अरब डॉलर यानी लगभग साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये खर्चता है. इसके मुकाबले चीन का बजट तीन गुना से भी ज्यादा यानी लगभग 230 अरब डॉलर है.
तस्वीर: Stringer/ Photoshot/picture alliance
लड़ाकू विमान
चीन के पास 1,200 लड़ाकू विमान हैं जबकि भारत के पास 564. चीन के पास कुल विमान भी ज्यादा हैं. भारत के पास कुल 2,182 विमान हैं जबकि चीन के पास 3,285.
तस्वीर: Nie Haifei/Xinhua/picture alliance
टैंक
भारत के पास 4,614 टैंक हैं जो चीन के 5,250 टैंकों से कम हैं. बख्तरबादं गाड़ियां भी चीन के पास ज्यादा हैं. उसके पास 35,000 बख्तरबंद गाड़ियां हैं जबकि भारत के पास 12,000.
तस्वीर: Satyajit Shaw/DW
विमानवाहक युद्धक पोत
भारत के पास सिर्फ एक विमानवाहक पोत है जबकि चीन के पास दो. भारत के पास 10 डिस्ट्रॉयर जहाज हैं और चीन के पास 41.
तस्वीर: Zuma/picture alliance
पनडुब्बियां
भारत के पास 17 पनडुब्बियां हैं और चीन के पास 79.
तस्वीर: Xinhua/imago Images
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चीन की वायुसेना की कार्रवाई को "भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना" बताया था. इसके जवाब में चीन ने कनाडा पर भी भ्रामक जानकारियां फैलाने का आरोप लगाया. लीजियां ने कहा कि कनाडा को तथ्यों का सम्मान करना चाहिए और गलत सूचनाएं नहीं फैलानी चाहिए. उन्होंने कहा, "कनाडा के लड़ाकू विमानों का चीन की टोह लेना पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ है. किसी भी बहाने से चीन की संप्रभुत और सुरक्षा को खतरा पहुंचाने का हम सख्त विरोध करते हैं."