पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची और चीन के बीच सीधी रेल सेवा शुरू हो गई है. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि बुधवार को एक मालगाड़ी युन्नान प्रांत के कुनमिंग से कराची के लिए रवाना हुई.
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पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई की वेबसाइट पर लगी खबर के अनुसार 500 टन माल के साथ यह ट्रेन कनुमिंग से रवाना हुई. इस नए रूट के जरिए परिवहन पर आने वाली लागत आधी हो जाएगी. ये रेल सेवा पश्चिमी चीन को जोड़ने वाली मैरीटाइम सिल्क रोड़ इनिशिएटिव परियोजना का हिस्सा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना भी इसी का विस्तार है जिसके तहत चीन के कशगर को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है.
एक चीनी कंपनी एनटी न्यू टेक्नोलजीज लिमिटेड के ली शिआओयू ने कहा कि कुनमिंग-कराची रूट के जरिए चीनी सामान को आसानी से एक बड़े बाजार में पहुंचाया जा सकेगा. उनके अनुसार ये ट्रेन सेवा युन्नान को जानने के लिए नए रास्ते खोलेगी. न्यू सिल्क रूट युन्नान लिमिटेड कंपनी के वु चियानली ने कहा, "सामान पहले गुआंगजू में आएगा और फिर उसे पाकिस्तान भेजा जाएगा."
देखिए दुनिया से सबसे लंबे पुल
दुनिया के सबसे लंबे पुल
दुनिया का सबसे लंबा पुल 165 किलोमीटर लंबा है. यानी दिल्ली से कुरुक्षेत्र जितना दूर. यह चीन में है. देखिए, दुनिया के सबसे लंबे पुल...
46 अरब डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना से पाकिस्तान में बड़े विदेशी निवेश और बुनियादी ढांचे के व्यापक निर्माण की उम्मीद है. इसके तहत तीन हजार किलोमीटर लंबा सड़क, रेल और पाइपलाइनों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा. इन पाइपलाइनों के जरिए तेल और गैस को ग्वादर से चीन के कशगर तक पहुंचाया जाना है.
2013 में अपने पाकिस्तान दौरे में चीनी प्रधानमंत्री ली कछियांग ने इस परियोजना का प्रस्ताव रखा था. कॉरिडोर परियोजना उस नए मैरिटाइम सिल्क रूट में एक पुल का काम करेगी जिसके जरिए एशिया, अफ्रीका और यूरोप के तीन अरब लोगों को जोड़ने की कोशिश हो रही है. चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर समझौते पर हस्ताक्षर मई 2016 में हुए जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पाकिस्तान के दौरे पर थे.
ये हैं इंजीनियरिंग के कुछ जबरदस्त नमूने
इंजीनियरिंग के जबरदस्त नमूने
ब्रह्मपुत्र के विशाल फैलाव के ऊपर सवा नौ किलोमीटर लंबा पुल बांधकर भारत ने इंजीनयरिंग का बेहतरीन नमूना पेश किया. एक नजर दुनिया भर के जबदरदस्त पुलों पर.
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भूपेन हजारिका सेतु
यह भारत का सबसे लंबा (9.15 किमी) सड़क पुल है. तीन लेन वाला यह पुल असम को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ता है. पुल की वजह से अब 24 घंटे आवाजाही संभव है. इस पुल के चलते यात्रा का समय पांच घंटे कम हुआ है.
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भूकंपरोधी पुल
भूपेन हजारिका पुल ताकतवर भूकंप का सामना करने में सक्षम है. पुल के चलते हर दिन 10 लाख रुपये के पेट्रोल और डीजल की बचत होगी. पुल बनने से पहले बरसात में ब्रह्मपुत्र को पार करना बहुत मुश्किल होता था.
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क्विंगशुई सस्पेंशन ब्रिज
क्विंगशुई झूला पुल 406 मीटर ऊंचा और 1,130 मीटर लंबा है. ऊंचाई के लिहाज से यह दूसरे नंबर पर आएगा. सबसे ऊंचा पुल चीन की सिदु नदी पर है जो 496 मीटर ऊंचा है.
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जबरदस्त शॉर्ट कट
क्विंगशुई पुल को बनाने में दो साल का वक्त लगा और खर्च आया करीब 24 करोड़ डॉलर. यह पुल दो शहरों की 160 किलोमीटर की दूरी को घटाकर सिर्फ 36.8 किलोमीटर कर देगा.
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ओरेसुंड ब्रिज
ये यूरोप का सबसे लंबा रेल रोड पुल है. यह डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन को स्वीडन के शहर मालमो से जोड़ता है. समुद्र पर बने इस पुल की लंबाई करीब 8 किलोमीटर है.
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एशिया और यूरोप का मिलन
तुर्की के शहर इस्तांबुल का बोस्फोरस पुल 165 मीटर ऊंचा है. 1973 में बना यह पुल यूरोप और एशियाई महाद्वीप को जोड़ता है. अक्टूबर में इस पुल पर अंतर्महाद्वीप मैराथन होती है.
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तबियत ब्रिज
यह ईरान में पदयात्रियों का सबसे लंबा पुल है. 270 मीटर लंबा ये पुल एक हाईवे के ऊपर से गुजरता हुआ दो पार्कों को जोड़ता है. इसे कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
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वेरैजानो ब्रिज
न्यूयॉर्क का यह पुल ब्रुकलिन इलाके को एक द्वीप से जोड़ता है. 16वीं सदी में इटली के नाविक जोवानी दा वेरैजानो न्यूयॉर्क के तट पर पहुंचने वाले पहले यूरोपीय बने. पुल उन्हीं के नाम पर है.
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पुलों का राजा
गोल्डन गेट, सैन फ्रांसिस्को शहर के गोल्डन गेट ब्रिज को पुलों का राजा कहा जाता है. 1,280 मीटर लंबा और 227 मीटर ऊंचा यह पुल भले ही सबसे लंबा या ऊंचा न हो, लेकिन इसकी खूबसूरती इसे जादुई सा बनाती है.