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वियतनाम के पास चीन की गोलाबारी से रुकीं उड़ाने

५ अगस्त २०२२

चीन द्वारा वियतनाम के आसपास समुद्र में किए जा रहे सैन्य अभ्यास के कारण कई एयरलाइन अपनी उड़ानें रद्द कर रही हैं. चीन ने वियतनाम के पास कई मिसाइलें दागी हैं.

China CCTV Fernsehaufnahme - Militärübung
तस्वीर: CCTV/AP/picture alliance

अमेरिकी नेता नैंसी पेलोसी के वियतनाम दौरे से उखड़े चीन ने वियतनाम के नजदीक सैन्य अभ्यास के नाम पर कई मिसाइलें दागी हैं. दर्जनों लड़ाकू विमान वहां तैनात हैं और गुरुवार से चीन ने ताइवान खाड़ी में एक सैन्य अभ्यास शुरू किया है जिसमें जिंदा गोला-बारूद दागा जा रहा है. इस कारण कई विमानन कंपनियों ने अपनी उड़ानें या तो रद्द कर दी हैं या उनके रास्ते बदल दिए हैं.

वियतनाम खाड़ी के ऊपर का वायु मार्ग बहुत ज्यादा व्यस्त तो नहीं है लेकिन इसके कारण दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पूर्वी देशों को जाने वालीं उड़ानें प्रभावित हुई हैं. कोरियान एयरलाइंस ने बताया है सोल और ताइपेई के बीच शुक्रवार और शनिवार की उड़ानें रद्द कर दी गई हैं जबकि रविवार की उड़ान में भी देरी होगी.

सिंगापुर एयरलाइंस ने कहा है कि उसने ताइपेई और सिंगापुर के बीच शुक्रवार की उड़ानें रद्द कर दी हैं और हालात पर नजर रखी जा रही है जिसके मुताबिक अन्य दिनों के समय में बदलाव आदि पर फैसला किया जाएगा. जापान की एएनए होल्डिंग्स और जापान एयरलाइंस की उड़ानें पहले की तरह जारी हैं लेकिन एक प्रवक्ता ने बताया है कि सैन्य अभ्यास से प्रभावित रास्ते से बचा जा रहा है. इसके अलावा हांगकांग और दक्षिण-पूर्व एशिया को जाने वालीं उड़ानों पर भी असर पड़ा है.

चीन का सैन्य अभ्यासतस्वीर: Hong Wei /Xinhua/IMAGO

हांगकांग की कैथे पैसिफिक एयरवेज ने गुरुवार को कहा कि उसके विमान ताइवान के इर्द गिर्द के वायु क्षेत्र से बचकर निकल रहे हैं, इस कारण उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में ज्यादा समय लग रहा है.

विमानों की आवाजाही पर नजर रखने वाली सेवा फ्लाइटरेडार24 ने दिखाया है कि ताइवानी विमानन कंपनी चाइना एयरलाइंस और ईवीए एयरवेज अब भी द्वीपीय देश से सामान्य रूप से उड़ानें भर रही हैं. इसके अलावा फिलीपाइन एययरलाइंस, मालवाहक फेडएक्स कॉर्प और युनाइटेड पार्सल सर्विस के विमानों की आवाजाही में भी कोई बदलाव नहीं देखा गया है लेकिन ये विमान भी सैन्य अभ्यास वाले रास्ते से बचकर निकल रहे हैं.

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विमानन कंपनियों के समूह ओपीएसग्रूप के मुताबिक चीन के सैन्य अभ्यास का दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पूर्व एशिया पर बड़ा असर हो रहा है. इसके कारण विमान सेवाएं रद्द हुई हैं या उन्हें लंबा रास्ता तय करना पड़ राह है जिस कारण ज्यादा ईंधन जल रहा है. लेकिन मुख्य रूप से वैश्विक विमानन पर इस अभ्यास का ज्यादा असर नहीं है क्योंकि यह ज्यादा बड़ा रास्ता नहीं है.

जापान भी चिंतित

इसी हफ्ते अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी जो इस स्तर के किसी नेता की 25 साल में पहली यात्रा थी. ताइवान को अपना हिस्सा बताने वाले चीन को इस यात्रा पर सख्त ऐतराज था और उसने चेतावनी भी जारी की थी.जिस दिन पेलोसी ताइपेई पहुंचीं, उसी दिन चीन ने युद्धाभ्यास को ऐलान किया था जो गुरुवार से शुरू होकर रविवार तक जारी रहना है. यह ताइवान खाड़ी में चीन का अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है.

पेलोसी का कहना है कि उनकी यात्रा का मकसद यथास्थिति में किसी तरह का बदलाव लाना नहीं था. जापान में गुरुवार को उन्होंने कहा, "हमने शुरुआत से कहा है कि यहां होने का हमारा अर्थ ताइवान या क्षेत्र में यथास्थिति में कोई बदलाव लाना नहीं है.”

उधर चीन की मिसाइलें जापान तक पहुंच रही हैं. पांच मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरीं जिसके बाद जापान ने राजनयिक स्तर पर विरोध जताया. अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक जापान के संबंध भी चीन के साथ अच्छे नहीं है और दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ कदम उठाते रहे हैं.

जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदाय ने कहा है कि ताइवान खाड़ी में शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की जरूरत होगी. जापान के दक्षिणी द्वीप राजधानी टोक्यो के मुकाबले ताइवान के ज्यादा नजदीक हैं. टोक्यो ने कहा है कि ताइवान को चीन द्वारा धमकाना उसकी सुरक्षा के लिए भी खतरा है.

वीके/सीके (रॉयटर्स, एपी)

 

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