चीन में महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ आंदोलन चलाने वाली पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता ह्वांग शुएकिन को पांच साल की कैद सुनाई गई है.
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चीन की मानवाधिकार कार्यकर्ता ह्वांग शुएकिन के समर्थकों ने कहा है कि शुक्रवार को एक अदालत ने उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई है. दक्षिणी चीन की एक अदालत ने उन्हें राष्ट्रद्रोह के मामले में दोषी करार दिया.
35 साल की शुएकिन एक स्वतंत्र पत्रकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं. उनके समर्थकों ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी. इस मुकदमे में मानवाधिकार कार्यकर्ता वांग जियांबिंग भी एक आरोपी थे. उन्हें तीन साल छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई.
इन दोनों कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए अभियान चलाने वाले एक समूह ‘ह्वांग शुएकिन और वांग जियांबिंग को रिहा करो' के प्रवक्ता ने कहा, "उन्हें अनुमान से कहीं ज्यादा सजा दी गई है.”
बड़े नामों की फेहरिस्त बना #MeToo
सोशल मीडिया के #MeToo अभियान ने भारत में कई नामी लोगों को गिरफ्त में लिया है. महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोपों से घिरी इन हस्तियों में से कुछ ने माफी मांगी हैं तो कुछ आरोप लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं.
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बिनी बंसल
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली भारतीय ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट के सीईओ बिनी बंसल ने यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. फ्लिपकार्ट के ई-कॉमर्स ऑपरेशन को संभालने वाले कल्याण कृष्णमूर्ति अब कार्यवाहक सीईओ होंगे. वॉलमार्ट ने आरोप के बारे में विस्तार से नहीं बताया लेकिन कहा कि बिनी के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण और चुनौतीपूर्ण स्थिति है.
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नाना पाटेकर
मीटू में सबसे पहला नाम अभिनेता नाना पाटेकर का आया, जिन पर अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने गंभीर आरोप लगाए. पूर्व मिस इंडिया तनुश्री का कहना है कि 10 साल पहले नाना पाटेकर ने एक फिल्म के सेट पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था.
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एमजे अकबर
पत्रकार से केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय करने वाले एमजे अकबर पर करीब 10 महिलाओं ने यौन शोषण और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है. अकबर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन महिलाओं के खिलाफ अदालत का रास्ता अपनाया है.
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आलोक नाथ
लेखिका और निर्माता विनता नंदा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि बॉलीवुड में "संस्कारी" कहे जाने शख्स ने उनके साथ 19 साल पहले दुष्कर्म किया. उनके आरोप अभिनेता आलोक नाथ पर थे. नंदा के बाद अभिनेत्री संध्या मृदुल और दीपिका अमीन ने भी आलोक नाथ पर संगीन आरोप लगाए हैं.
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विनोद दुआ
पत्रकार विनोद दुआ पर फिल्म निर्माता निष्ठा जैन ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. जैन ने कहा कि 1989 में जब वह दुआ के पास जॉब इंटरव्यू के लिए गईं थीं तो उन्होंने बेहद ही अभद्र कमेंट पास किया. जैन ने लिखा कि दूसरी जगह नौकरी लगने के बाद भी दु्आ उन्हें परेशान करते रहे.
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विकास बहल
चर्चित फिल्म 'क्वीन' फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल पर फिल्म प्रॉडक्शन कंपनी फैंटम से जुड़ी एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले के बाद क्वीन की अभिनेत्री रही कंगना रनौत ने भी अपने साथ हुए घटना के बारे में बताया था.
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कैलाश खेर
कैलाश खेर पर एक पत्रकार और गायिका सोना महापात्रा ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. एक अन्य महिला ने यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर बताया था कि वह कैलाश खेर को अपना गुरू मानती थी लेकिन उन्होंने उसके साथ गलत व्यवहार किया.
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अभिजीत
अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले गायक अभिजीत भट्टाचार्य पर एक महिला ने पब में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह महिला एक फ्लाइट अटेंडेंट हैं जिसके साथ यह वाकया 20 साल पहले कोलकाता के एक पब में हुआ था.
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साजिद खान
फिल्म डायरेक्टर साजिद खान के लिए मीटू में आरोपों का सिलसिला थम ही नहीं रहा है. खान के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर चुकी सलोनी अरोड़ा ने उन पर अश्लील व्यवहार का आरोप लगाया है. अभिनेत्री बिपाशा बासु के अलावा कई महिलाओं ने भी साजिद के खराब व्यवहार पर खुलकर बोला है.
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रघु दीक्षित
गायक और संगीतकार रघु दीक्षित पर भी अभद्र व्यवहार के आरोप लगे हैं. गायिका चिन्मई श्रीपदा ने एक महिला द्वारा लगाए आरोपों को ट्विटर पर शेयर किया. महिला का आरोप है कि जब वह रिकॉर्डिंग के लिए गई थी तो रघु ने उसे जबरदस्ती किस करने की कोशिश की.
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सुभाष घई
राजकपूर के बाद बॉलीवुड के दूसरे शोमैन कहे जाने वाले सुभाष घई पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है. महिला ने कहा कि उसे घई ने नशीला पदार्थ दिया और फिर उसका रेप किया. पीड़िता के साथ बातचीत के स्क्रीन शॉट्स लेखिका महिमा कुकरेजा ने सोशल मीडिया पर शेयर किए थे.
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सुहेल सेठ
सेलेब्रिटी कंसल्टेंट और लेखक सुहेल सेठ पर चार महिलाओं ने गलत और अभद्र व्यवहार के आरोप लगाए हैं. इनमें से दो महिलाओं ने सेठ पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं.
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चेतन भगत
मीटू मूवमेंट में लेखक चेतन भगत का भी नाम सामने आया था, जिसके बाद उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग ली. हालांकि अब भगत ने एक स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया. उन्होंने लिखा है कि महिला ने उन्हें "किस यू मिस यू" लिखा था.
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रजत कपूर
अभिनेता रजत कपूर पर एक महिला पत्रकार ने अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया था. इस आरोप के बाद कपूर ने अपने ट्वीट में लिखा, "पूरी जिंदगी मैंने एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश की है. अगर मेरे शब्दों या हरकत से किसी को भी दुख पहुंचा हो तो मैं पूरे दिल से माफी मांगता हूं."
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सीपी सुरेंद्रन
पत्रकार और लेखक सीपी सुरेंद्रन पर भी अभद्र व्यवहार के आरोप लग रहे हैं. न्यूजपोर्टल स्क्रॉल ने अपनी एक रिपोर्ट में 11 पीड़िताओं की आपबीती बयान करते हुए लिखा है कि सुरेंद्रन उन्हें गलत ढंग से छूते थे और भद्दे कमेंट करते थे.
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और भी कई नाम
न्यूज पोर्टल द क्विंट के पत्रकार मेघनाद बोस, हिंदुस्तान टाइम्स के पत्रकार प्रशांत झा के अलावा, कमेडियन तन्मय भट्ट, गुरुशरण खंभा और महिला कमेडियन अदिति मित्तल का नाम भी मीटू मूवमेंट में सामने आया है.
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इस समर्थक समूह के अधिकतर सदस्य विदेशों में रहते हैं. समूह के इस प्रवक्ता ने सुरक्षा कारणों से अपना नाम प्रकाशित नहीं करने का अनुरोध किया. उसने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इतनी कड़ी सजा दी जानी चाहिए थी और यह बिल्कुल गैरजरूरी है. इसलिए हम शुएकिन की अपील करने की मंशा का समर्थन करते हैं.”
क्यों लगा राष्ट्रद्रोह का आरोप?
शुएकिन और वांग को सितंबर 2021 में हिरासत में लिया गया था. पिछले साल ही उनके ऊपर आरोप दायर किए गए और मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई. समर्थकों के मुताबिक बंद कमरे में हुई सुनवाई में दोनों कार्यकर्ताओं ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था.
इन दोनों पर राष्ट्रद्रोह के आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों का आधार उन बैठकों को बनाया गया, जो उन्होंने चीनी युवाओं के साथ की थीं. इन बैठकों में वे युवाओं के साथ विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा किया करते थे.
हजारों देवदासियां आज भी झेल रही है शोषण
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मुकदमे का फैसला आने से पहले जारी एक बयान में समर्थक समूह ने कहा, "मजदूरों, महिलाओं और समाज के अन्य तबकों के अधिकारों के लिए उनकी कोशिशों और प्रतिबद्धता को सिर्फ इस अन्यायपूर्ण मुकदमे से खारिज नहीं किया जाएगा, ना ही समाज उनके योगदान को भूलेगा. इसके उलट, जैसे-जैसे अन्याय और दमन बढ़ेगा, उनकी तरह के और कार्यकर्ता खड़े होंगे.”
दोनों कार्यकर्ताओं को ग्वांगजू की पीपल्स इंटरमीडिएट कोर्ट में सजा सुनाई गई. शुक्रवार सुबह से ही वहां पुलिस की भारी मौजूदगी थी और सुरक्षाबल आने-जाने वाले लोगों से भी सवाल-जवाब कर रहे थे.
कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे
चीन में अक्सर सरकार का विरोध करने वालों को राष्ट्रद्रोह के मुकदमे झेलने पड़ते हैं. हालांकि अगर आरोपी किसी समूह का नेता नहीं है या उसने कोई गंभीर अपराध नहीं किया है तो इन मामलों में अधिकतम पांच साल की सजा होती है.
19 सितंबर 2021 को जब ह्वांग शुएकिन को गिरफ्तार किया गया था, उससे एक दिन पहले ही उन्हें ब्रिटेन जाना था, जहां वह ससेक्स यूनिवर्सिटी में ब्रिटिश सरकार की एक स्कॉलरशिप पर मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई करने वाली थीं.
ह्वांग शुएकिन ने चीन में मीटू (MeToo) आंदोलन पर कई खबरें और लेख लिखे थे. उन्होंने 2019 में हांगकांग में हुए सरकार विरोधी आंदोलनों की भी रिपोर्टिंग की थी.
उनके समर्थकों के मुताबिक हिरासत में लिए जाने के बाद दोनों कार्यकर्ताओं को महीने तक काल-कोठरियों में अकेले बंद रखा गया. ग्वांगजू पुलिस ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की.
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क्या था #MeToo अभियान?
#MeToo आंदोलन महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न और यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने का एक वैश्विक अभियान था. यह 2006 में अमेरिकी एक्टिविस्ट तराना बर्क द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन 2017 में सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैल गया जब कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए. "मीटू" हैशटैग का उपयोग करते हुए, महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन शोषण की घटनाएं सार्वजनिक रूप से बताईं. इस आंदोलन ने कई प्रमुख व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और सामाजिक बहिष्कार को जन्म दिया. यह आंदोलन महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.
चीन में #MeToo आंदोलन ने 2018 में बड़ा रूप लिया, जब महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलना शुरू किया. चीन में यह आंदोलन कई प्रमुख हस्तियों और शिक्षाविदों को उजागर करने में सफल रहा. पेकिंग विश्वविद्यालय की छात्रा लो शियाओशू ने अपने प्रोफेसर द्वारा किए गए यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई, जिससे देशभर में महिलाओं को साहस मिला. एक अन्य मामले में, टीवी होस्ट झू जुन और गायक-एक्टर क्रिस वू पर गंभीर आरोप लगे और उनकी आलोचना हुई.