1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

चीन ने ढीले किये वीजा नियम, ग्रामीणों को शहर लाने की कोशिश

४ अगस्त २०२३

चीन कुछ विदेशियों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देगा. ग्रामीणों के लिए शहरों में बसना आसान बनाया जाएगा. अपनी अर्थव्यस्था को रफ्तार देने के लिए चीन ने ये ऐलान किये हैं.

शंघाई एयरपोर्ट
चीन जाना आसान होगातस्वीर: ALY SONG/REUTERS

चीन ने कहा है कि अब कुछ विदेशियों को उसके यहां आने और काम करने के लिए पहले से वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी और पहुंचने पर उन्हें वीजा दिया जाएगा. इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए शहरों में बसना आसान बनाया जाएगा.

सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को ये ऐलान करते हुए कहा कि ‘लोगों, वाहनों, सूचनाओं और डेटा' की ‘निर्बाध आवाजाही को प्रोत्साहित करने' के मकसद से कदम उठाये गये हैं.

कोविड महामारी के कारण दुनिया में सबसे लंबे और सख्त लॉकडाउन के बाद दक्षिण एशियाई देश चीन की अर्थव्यवस्था खासी मुश्किलों से गुजर रही है. प्रॉपर्टी बाजार से लेकर तकनीक तक और उपभोक्ता बाजार में जारी गिरावट के चलते अर्थव्यवस्था के अधिकतर मानक नीचे की ओर जा रहे हैं.

आर्थिक हालात की खातिर

पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर मात्र 0.8 फीसदी रही है. युवाओं में बेरोजगारी की दर 20 फीसदी की सर्वोच्च दर पर पहुंच चुकी है. इस स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार कई बड़े कदम उठा रही है. इसी सिलसिले में गुरुवार को 26 नये कदमों का ऐलान किया है. इनमें विदेशी उद्योगपतियों के लिए आसान और नये वीजा नियम भी शामिल हैं.

जो उद्योगपति व्यापार वार्ताओं, व्यापार मेलों, सम्मेलनों या निवेश के मकसद से चीन जाएंगे, उन्हें पहले से वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी और पहुंचने के बाद भी उन्हें वीजा मिल पाएगा, बशर्ते वे जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराएं. इससे पहले नियम ऐसा था कि व्यापारिक मकसद से चीन जाने वाले लोगों को पहले अपने देश के दूतावास में वीजा अप्लाई करना होता था.

गुरुवार को जो नये ऐलान किये गये हैं, उनमें विवादित स्थायी नागरिकता के नियमों में बदलाव भी शामिल हैं. स्थायी निवास व्यवस्था, जिसे चीन में हुकोऊ कहा जाता है, उसके तहत चीन के लोगों को शहरी या ग्रामीण के तौर पर श्रेणियों में बांटा जाता है.

हुकोऊ भी बदलेगा

दशकों से यह व्यवस्था चली आ रही है. चीनी नागरिक किसी भी जगह बसने और काम करने को स्वतंत्र हैं लेकिन हुकोऊ व्यवस्था के तहत उन्हें कुछ अपनी श्रेणी के हिसाब से कुछ सार्वजनिक सुविधाओं का लाभ मिल सकता है या उनसे महरूम रहना पड़ सकता है. यानी, जिस जगह लोग जन्मे हैं, वहां उन्हें कुछ अतिरिक्त सुविधाएं मिलती हैं.

चीन के भव्य बंगलों में सन्नाटा क्यों है

03:09

This browser does not support the video element.

यह व्यवस्था आमतौर पर अत्याधिक और बेतरतीब शहरीकरण को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती रही है, लेकिन असल में इसका नतीजा यह होता है कि बहुत से चीनी लोग शहरों में बसने से परहेज करते हैं क्योंकि तब वे बहुत सी सरकारी सुविधाओं से महरूम रह जाते हैं.

अब चूंकि चीन में प्रॉपर्टी और उपभोक्ता खरीदारी में कमी का सामना किया जा रहा है, इसलिए चीन सरकार चाहती है कि लोगों को शहरों में बसने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाबंदियां कम करके चीन "पंजीकरण की जरूरतों को कम करेगा” और "ग्रामीण इलाकों में रहने वाले उन लोगों को शहरों में बसने के लिए प्रोत्साहित किया जाए जो अपने परिवारों के साथ स्थानांतरित हो सकते हैं और वहां काम कर सकते हैं.”

वीके/एए (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें