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समाज

चीन में मनोरंजन उद्योग पर कड़ाई बढ़ी

२ सितम्बर २०२१

चीन ने मनोरंजन उद्योग पर नकेल को और ज्यादा कस दिया है. प्रसारकों से "गलत राजनीतिक रुख" वाले कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने को कहा गया है और "देशभक्ति का माहौल" बनाए जाने की जरूरत बताई है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/Imaginechina/P. Zhiwei

चीन के नेशनल रेडियो ऐंड टेलीविजन एडमिनिस्ट्रेशन (NRTA) ने एक ऑनलाइन नोटिस में कहा है कि सांस्कृति कार्यक्रमों के बारे में नियमों को और कड़ा किया जाएगा. कथित अस्वस्थ सामग्री पर नकेल कसते हुए नियामक ने सितारों को मिलने वाले भुगतान और कर चोरी पर भी निगाहें कड़ी की हैं.

हाल के दिनों में चीन के नियामकों ने अलग-अलग उद्योगों पर पाबंदियां बढ़ाई हैं. तकनीक से लेकर शिक्षा तक के क्षेत्र पर कड़े नियम लागू किए गए हैं. 30 अगस्त को ही बच्चों के लिए वीडियो गेम खेलने का समय तीन घंटे तय करने वाला नियम आया था.

ताजा निशाना मनोरंजन उद्योग

इन पाबंदियों का ताजा निशाना मनोरंजन उद्योग है. हाल ही में कई बड़ी हस्तियों के कर चोरी और यौन शोषण में शामिल होने की खबरें आई थीं. पिछले हफ्ते चीन के इंटरनेट नियामक ने कहा था कि अव्यवस्थित हो चुके ‘सेलिब्रटी फैन कल्चर' के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

NRTA ने कहा है कि एक्टर और मेहमानों को होने वाले भुगतान पर लगाई गई सीमा को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए और उन्हें जन कल्याण के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और सामाजिक जिम्मेदारियां संभालने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. नोटिस में कहा गया है कि कर चोरी पर कड़ी सजा होगी.

नोटिस के मुताबिक अदाकारों और मेहमानों के चुनाव को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया जाना चाहिए और राजनीतिक साक्षरता और नैतिक व्यवहार भी चुनाव की कसौटियों में शामिल होने चाहिए.

‘महिलाओं जैसे व्यवहार' पर पाबंदी

एनआरटीए ने कार्यक्रमों में ‘महिलाओं से व्यवहार' जैसे ‘विकृत' अंदाज दिखाने से बचने को भी कहा है. इंटरनेट से मशहूर हुई "अश्लील” हस्तियों, स्कैंडल और अपने धन के दिखावे जैसी चीजों को भी खारिज करने को कहा गया है.

देखिएः सबसे ज्यादा निगरानी करने वाले शहर

नियामक चाहता है कि वोटिंग वाले कार्यक्रमों को सख्ती से नियंत्रित किया जाए. और प्रशंसकों को वोटिंग के लिए पैसा खर्चने को बढ़ावा देने पर सख्त रोक होनी चाहिए.

चीन ने वीडियो गेम से लेकर फिल्मों और संगीत तक हर तरह की सामग्री पर पाबंदियां लगाई हैं और ऐसी हर तरह की सामग्री को सेंसर किया जा रहा है, जिसे ‘समाजवादी मूल्यों' का उल्लंघन माना जाता है.

पिछले कुछ समय से अधिकारी और सरकारी मीडिया में इस तरह की चर्चा चल रही है कि देश के लड़कों को किस तरह ज्यादा मर्दाना बनाया जाए. इस वजह से भारी मेकअप करने वाले और महिलाओं जैसी छवि पेश करने वाले पुरुष सितारों को आलोचना झेलनी पड़ी है.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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