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चीन ने लिथुआनिया से कई उत्पादों का आयात रोका

११ फ़रवरी २०२२

चीन ने लिथुआनिया से होने वाले मांस, दूध और बीयर के आयात पर रोक लगा दी है. ताइवान का साथ देने का कारण यूरोपीय देश लिथुआनिया पर चीन की भृकुटी तनी हुई है.

लिथुआनिया की राजधानी विलिनस में ताइवान का दूतावास खुलने से नाराज है चीन
लिथुआनिया की राजधानी विलिनस में ताइवान का दूतावास खुलने से नाराज है चीनतस्वीर: Volha Kavalenkava/PantherMedia/imago images

चीन ने लिथुआनिया के खिलाफ कुछ कड़े कदम उठाए हैं. लिथुआनिया में जानवरों से संबंधी उत्पादों के लिए जिम्मेदार एक सरकारी एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि चीन ने उनके गोमांस, दुग्ध-उत्पादों और बीयर के आयात पर रोक लगा दी है.

एजेंसी के मुताबिक चीन के कस्टम विभाग ने उन्हें सूचित किया है कि ‘दस्तावेजों की कमी' के कारण निर्यात रोका जा रहा है. एक बयान जारी कर एजेंसी ने कहा, "ऐसा नोटिस हमें पहली बार मिला है क्योंकि अगर कोई सूचना उपबल्ध नहीं होती तो जो देश आयात कर रहे होते हैं वे पहले उस सूचना के बारे में पूछताछ करते हैं.” गुरुवार को ही चीन की एजेंसी ने बिना कोई वजह बताए बस इतना कहा था कि लिथुआनिया से गोमांस का आयात रोका जा रहा है.

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पिछले कुछ समय से दोनों देशों के संबंध तनावग्रस्त हैं. इसकी शुरुआत तब हुई जब लिथुआनिया ने ताइवान को अपने यहां अनौपचारिक दूतावास खोलने की इजाजत दे दी. यह कदम चीन को नागवार गुजरा क्योंकि वह ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. उधर ताइवान में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार राज करती है.

‘सीनाजोरी का जवाब दें'

ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रहे लिथुआनिया के विदेश मंत्री गैब्रिएलस लैंसबर्गिस ने बुधवार को कहा था कि व्यापार को बदला लेने के तौर पर इस्तेमाल करने वाले देशों को "एक जैसी सोच रखने वाले देशों द्वारा याद दिलाया जाना चाहिए कि उनके पास इस तरह की सीनाजोरी का जवाब देने के तौर-तरीके और नियम-कायदे हैं.”

ब्रिटेन ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह भी विश्व व्यापार संगठन में चीन के खिलाफ यूरोपीय संघ की शिकायत में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की तरह साथ देगा. यूरोपीय आयोग का कहना है कि संघ के सदस्य देश लिथुआनिया का चीन के साथ व्यापार पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले दिसंबर में 91 प्रतिशत तक कम हो गया.

लिथुआनिया की एजेंसी ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत से ही उनके देश ने चीन को गोमांस समेत अन्य खाद्य उत्पादों का निर्यात नहीं किया है. वहां की प्रधानमंत्री इंगरीदा सिमोनाइट ने गुरुवार को कहा, "जहां तक मैं जानती हूं, चीन के इस कदम से कोई व्यवहारिक समस्या पैदा होने वाली नहीं है क्योंकि अब हम चीन को ये उत्पाद निर्यात नहीं करते. निर्यातक अन्य बाजारों की ओर बढ़ गए हैं. जैसा कि चीन कह रहा है, अगर समस्या प्रक्रिया से जुड़ी है या प्रशासनिक है तो उसे बहुत आसानी से हल कर लिया जाएगा.”

‘गलतियां सुधारें'

गोमांस पर लगाई गई रोक पर तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लीजियां ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने लिथुआनिया को अपनी गलतियां सुधारने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "लिथुआनिया को सच्चाई का सामना करना चाहिए, अपनी गलतियां सुधारनी चाहिए और सही रास्ते पर आकर ‘एक चीन' के सिद्धांत का पालन करना चाहिए. उसे गलत और सही के बीच घालमेल से बचना चाहिए.”

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ताइवान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जोएन वू ने चीन के इस कदम की आलोचना की है. उन्होंने इसे ‘एकतरफा' और ‘दादागीरी' बताया और आरोप लगाया कि यह नई मिसाल है कि चीन कैसे लिथुआनिया की विदेश नीति बदलने की कोशिश कर रहा है.

चीन की पाबंदियों से राहत पहुंचाने के लिए ताइवान ने लिथुआनिया से अपना आयात बढ़ा दिया है. हाल ही में उसने रम का आयात शुरू किया है.

चीन दुनिया का सबसे बड़ा गोमांस आयातक है लेकिन लिथुआनिया से उसका आयात नाममात्र ही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2021 में उसने लिथुआनिया से 775 टन गोमांस का आयात किया था जबकि उसका कुल आयात 23.6 करोड़ टन था.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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