चीन ने एक बार में 1,400 यात्रियों को मंजिल तक पहुंचा सकने वाली बस का रोड टेस्ट किया. ट्रांजिट एलिवेटेड बस मेट्रो रेल की तुलना में बहुत सस्ती और इको फ्रेंडली बताई जा रही है.
विज्ञापन
ट्रांजिट एलिवेटेड बस (टीईबी-1) को हेबेई प्रांत के क्विनहुआनग्दाओ शहर में टेस्ट किया गया. चीन के सरकारी अखबार पीपल्स डेली के मुताबिक 22 मीटर लंबी और 7.8 मीटर चौड़ी बस के लिए सड़क पर खास ट्रैक बनाया गया. यह बस चलते समय अपने नीचे एक सुरंग सी बनाती है, जिसमें कारें आराम से चल सकती हैं. 1,400 यात्री क्षमता वाली टीईबी-1 वायु प्रदूषण को भी कम करती है.
इसी साल मई में चीन की कंपनी ने इस बस की तस्वीरें पहली बार सार्वजनिक कीं. इसे लैंड एयरबस नाम भी दिया गया. बस असल में दो लेनों के बराबर चौड़ी है. सीटिंग कंपार्टमेंट सड़क से बहुत ऊपर है. नीचे इतनी जगह रहती है कि दो लेन की कारें आराम से गुजर सकें. बस खड़ी भी रहे तो भी कारें नीचे से गुजर सकती हैं. खास ट्रैक पर चलने वाली यह बस अधिकतम 60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार हासिल कर सकती है.
टीईबी प्रोजेक्ट मुख्य इंजीनियर एसोंग योउझोउ के मुताबिक, "इस बस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये सड़क पर बहुत ज्यादा जगह बचाती है." बस, मेट्रो की तरह ही काम करती है. मेट्रो के मुकाबले इस बस को चलाने का खर्च 84 फीसदी कम है. टीईबी के लिए ढांचा खड़ा करना रेल के मुकाबले काफी सस्ता है. इसमें समय भी ज्यादा नहीं लगता.
एक टीईबी, 40 सामान्य बसों के बराबर है. 40 बसों के खर्चे से तुलना की जाए तो एक साल में टीईबी 800 टन तेल बचाएगी. कार्बन उत्सर्जन में भी 2,480 टन की कमी आएगी. चीन के कई शहरों ने इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है. अगले एक दशक में चीन के कई शहरों में टीईबी दौड़ती नजर आएगी.
(देखिये: इंजीनियरिंग के जबरदस्त नमूने)
इंजीनियरिंग के जबरदस्त नमूने
ब्रह्मपुत्र के विशाल फैलाव के ऊपर सवा नौ किलोमीटर लंबा पुल बांधकर भारत ने इंजीनयरिंग का बेहतरीन नमूना पेश किया. एक नजर दुनिया भर के जबदरदस्त पुलों पर.
तस्वीर: DW/Prabhakar
भूपेन हजारिका सेतु
यह भारत का सबसे लंबा (9.15 किमी) सड़क पुल है. तीन लेन वाला यह पुल असम को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ता है. पुल की वजह से अब 24 घंटे आवाजाही संभव है. इस पुल के चलते यात्रा का समय पांच घंटे कम हुआ है.
तस्वीर: DW/Prabhakar
भूकंपरोधी पुल
भूपेन हजारिका पुल ताकतवर भूकंप का सामना करने में सक्षम है. पुल के चलते हर दिन 10 लाख रुपये के पेट्रोल और डीजल की बचत होगी. पुल बनने से पहले बरसात में ब्रह्मपुत्र को पार करना बहुत मुश्किल होता था.
तस्वीर: DW/Prabhakar
क्विंगशुई सस्पेंशन ब्रिज
क्विंगशुई झूला पुल 406 मीटर ऊंचा और 1,130 मीटर लंबा है. ऊंचाई के लिहाज से यह दूसरे नंबर पर आएगा. सबसे ऊंचा पुल चीन की सिदु नदी पर है जो 496 मीटर ऊंचा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Xinhua/Wu Dongjun
जबरदस्त शॉर्ट कट
क्विंगशुई पुल को बनाने में दो साल का वक्त लगा और खर्च आया करीब 24 करोड़ डॉलर. यह पुल दो शहरों की 160 किलोमीटर की दूरी को घटाकर सिर्फ 36.8 किलोमीटर कर देगा.
तस्वीर: Imago/Xinhua
ओरेसुंड ब्रिज
ये यूरोप का सबसे लंबा रेल रोड पुल है. यह डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन को स्वीडन के शहर मालमो से जोड़ता है. समुद्र पर बने इस पुल की लंबाई करीब 8 किलोमीटर है.
तस्वीर: picture alliance / Tetzlaft/Helga Lade
एशिया और यूरोप का मिलन
तुर्की के शहर इस्तांबुल का बोस्फोरस पुल 165 मीटर ऊंचा है. 1973 में बना यह पुल यूरोप और एशियाई महाद्वीप को जोड़ता है. अक्टूबर में इस पुल पर अंतर्महाद्वीप मैराथन होती है.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
तबियत ब्रिज
यह ईरान में पदयात्रियों का सबसे लंबा पुल है. 270 मीटर लंबा ये पुल एक हाईवे के ऊपर से गुजरता हुआ दो पार्कों को जोड़ता है. इसे कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
तस्वीर: MEHR
वेरैजानो ब्रिज
न्यूयॉर्क का यह पुल ब्रुकलिन इलाके को एक द्वीप से जोड़ता है. 16वीं सदी में इटली के नाविक जोवानी दा वेरैजानो न्यूयॉर्क के तट पर पहुंचने वाले पहले यूरोपीय बने. पुल उन्हीं के नाम पर है.
तस्वीर: Getty Images
पुलों का राजा
गोल्डन गेट, सैन फ्रांसिस्को शहर के गोल्डन गेट ब्रिज को पुलों का राजा कहा जाता है. 1,280 मीटर लंबा और 227 मीटर ऊंचा यह पुल भले ही सबसे लंबा या ऊंचा न हो, लेकिन इसकी खूबसूरती इसे जादुई सा बनाती है.