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चीन ने देश छोड़ने पर लगे प्रतिबंध का दायरा और बढ़ाया

३ मई २०२३

अधिकार समूह सेफगार्ड डिफेंडर्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीन तेजी से लोगों को देश छोड़ने से रोक रहा है. चीन ऐसे लोगों को भी देश से बाहर जाने से रोक रहा है जिनमें विदेशी अधिकारी शामिल हैं.

नागरिकों को बाहर जाने से रोकने के लिए चीन ने उठाए सख्त कदम
नागरिकों को बाहर जाने से रोकने के लिए चीन ने उठाए सख्त कदमतस्वीर: Imago/H. Lucas

सेफगार्ड डिफेंडर्स की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक चीनी और विदेशी नागरिक चीन के निकास प्रतिबंधों के जाल में फंस गए हैं. जबकि समाचार एजेंसी रॉयटर्स के विश्लेषण में यह भी पाया गया कि हाल के सालों में इस तरह के प्रतिबंधों से संबंधित अदालती मामलों में वृद्धि हुई है और विदेशी व्यापार लॉबी अब इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त कर रही है.

देश से बाहर जाने से रोकने के लिए कानूनी सहारा

सेफगार्ड डिफेंडर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, "जब से शी जिनपिंग ने 2012 में सत्ता संभाली है, चीन ने देश छोड़ने पर प्रतिबंध के लिए कानूनी परिदृश्य का विस्तार किया है और कभी-कभी कानूनी औचित्य के बाहर उनका इस्तेमाल किया है."

समूह की अभियान निदेशक लॉरा हर्थ के मुताबिक, "2018 से इस साल अब तक कम से कम पांच नए कानून या मौजूदा कानूनों में संशोधन किए गए हैं जो निकास प्रतिबंधों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं. अभी तक इस संबंध में कुल 15 कानून अस्तित्व में आ चुके हैं."

सिविल मामलों में भी देश छोड़ने पर प्रतिबंध

चीन के यात्रा प्रतिबंध पर ध्यान ऐसे समय में आया है जब व्यापार और सुरक्षा विवादों को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है. और मौजूदा स्थिति चीन के संदेश के विपरीत है कि वह कोविड-19 महामारी के कारण वर्षों के प्रतिबंधों के बाद अब विदेशी निवेश और पर्यटन के लिए खुल रहा है.

चीन के सुप्रीम कोर्ट डेटाबेस में एग्जिट बैन डेटा के रॉयटर्स विश्लेषण ने 2016 और 2022 के बीच ऐसे प्रतिबंधों से जुड़े मामलों की संख्या में आठ गुना वृद्धि दिखाई है.

इस डेटाबेस में देश छोड़ने से रोकने के अधिकांश मामले सिविल थे, आपराधिक नहीं. रॉयटर्स के मुताबिक किसी भी मामले में कोई विदेशी शामिल नहीं था या किसी राजनीतिक या राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा नहीं था. इसके उलट अमेरिका या यूरोपीय संघ के देश अपराधों में शामिल कुछ संदिग्धों पर यात्रा प्रतिबंध लगाते हैं, लेकिन सिविल मामलों में नहीं.

अधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों पर शिकंजा

चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने विदेशियों समेत चीनी नागरिकों पर लगे एग्जिट बैन पर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है.

सेफगार्ड डिफेंडर्स की रिपोर्ट कहती है कि जिन लोगों को चीन छोड़ने से रोक दिया गया है उनमें वित्तीय विवादों में फंसे चीनी नागरिकों के साथ-साथ राइट्स ऐक्टिविस्ट, वकील और उइगर जैसे जातीय अल्पसंख्यक शामिल हैं.

सेफगार्ड डिफेंडर्स ने चीनी न्यायिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि 2016 और 2018 के बीच 34,000 लोगों को पैसा बकाया होने के कारण देश से बाहर जाने से रोक दिया गया, जो तीन साल पहले की समान अवधि से 55 फीसदी अधिक है.

कुछ अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि चीन से बाहर निकलने पर प्रतिबंध का व्यापक इस्तेमाल राष्ट्रपति शी के तहत कड़े सुरक्षा उपायों को दर्शाता है.

चीनी अधिकार कार्यकर्ता शियांग ली कहती हैं, "वे आपको देश छोड़ने से रोकने के लिए कोई भी कारण ढूंढ सकते हैं." ली को दो साल तक देश छोड़ने से रोक दिया गया था और आखिरकार वे 2017 में चीन से भागने में सफल रहीं जिसके बाद उन्होंने अमेरिका में शरण ली. ली ने कैलिफोर्निया से फोन पर रॉयटर्स से कहा, "चीन में कानून का राज नहीं है."

उन्होंने कहा, "कानून का इस्तेमाल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए होता है. यह बहुत प्रभावी है."

चीन ने पिछले हफ्ते अपने जासूसी विरोधी कानून में भी सुधार किया, जो किसी भी चीनी या विदेशी को देश छोड़ने से प्रतिबंधित कर सकता है.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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