एयरबस और बोइंग को टक्कर देने उड़ा चीन का अपना विमान
१९ फ़रवरी २०२४
एयरबस और बोइंग जैसी विमान बनाने वालीं विशालकाय बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जवाब में चीन ने अपना यात्री विमान बाजार में उतार दिया है. इस विमान ने पहली बार चीन के बाहर उड़ान भरी.
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चीन के बनाए पहले यात्री विमान ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में दस्तक दे दी है. सी919 को सिंगापुर के एयरशो में दुनियाभर के सामने पेश किया गया है. विमान को चीन की कमर्शल एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (कॉमसैक) ने बनाया है.
यात्री विमानों के बाजार पर फिलहाल अमेरिका और यूरोप की दो कंपनियों का ही कब्जा है. चीन ने इस कब्जे को चुनौती देने के लिए भारी निवेश किया है. इसके लिए सी919 को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भेजने की तैयारी चल रही है.
हालांकि अभी इस विमान को सिर्फ चीन में उड़ान की ही इजाजत है और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस ही इसे इस्तेमाल कर रही है. पिछले साल से एयरलाइंस ने सी919 विमान को व्यवसायिक यात्री उड़ानों के लिए प्रयोग कर रही है.
विशाल विमान ए 380 की जीवनलीला
15 अक्टूबर 2007 को जब एयरबस ने पहले ए380 विमान की डिलीवरी दी तो इसे विमानन उद्योग के लिए एक बड़ी घटना माना गया. अब जब यह विशाल विमान अपने लिए खरीदार नहीं ढूंढ पा रहा है तो एयरबस ने इसका निर्माण बंद करने की घोषणा कर दी.
तस्वीर: Master Films/P. Pigeyre
आकाश में उड़ता महल
जब ए 380 पेश किया गया तो एयरफील्ड में मौजूद सारे प्रतिद्वंद्वी इसके साये के नीचे आ गये. 72.7 मीटर की लंबाई वाले इस विमान के डैनों का विस्तार 79.8 मीटर तक है और ऊंचाई 24 मीटर से ज्यादा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Matthews
पहला खरीदार
ए 380 को सबसे पहले अपने बेड़े में सिंगापुर एयरलाइंस ने शामिल किया. खरीदारों के लिए यह गर्व की बात थी. उस वक्त तक यही माना जाता था कि एक बार में ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को ले जाना ही मुनाफे का मंत्र है.
तस्वीर: Airbus
850 सवारियों की क्षमता
सुपरजम्बो तीन अलग अलग वर्गों में 500 से ज्यादा यात्रियों को लेकर जा सकता है जो उसके प्रतिद्वंद्वी विमानों की तुलना में करीब 100 यात्री ज्यादा है. इस विमान में यात्रियों के लिए डेक और फर्स्ट क्लास सुईट में बिस्तर भी हैं. अगर विमान को केवल इकोनॉमी क्लास का बना दिया जाए तो 850 से ज्यादा यात्री जा सकते हैं.
तस्वीर: AP
आलीशान उड़ान
ए 380 को उसके ज्यादा जगह, बड़ी खिड़कियों, ऊंची छतों और खामोश इंजनों के लिए भी जाना जाता है. कुछ एयरलाइनों ने तो इनमें शॉवर, लाउंज, ड्यूटी फ्री शॉप और दोनों डेक पर बार भी बना रखे हैं. यात्री अपने निजी सुईट में सफर करने का विकल्प भी चुन सकते हैं.
तस्वीर: Emirates Airline
दिखने लगी दरारें
2011 और 2012 में ए 380 के कई विमानों में तकनीकी दिक्कतें आईं. क्वांटस, एमिरेट्स और सिंगापुर एयरलाइंस को उड़ानों की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. जनवरी 2012 में क्वांटस और सिंगापुर एयरलाइंस ने विमान के डैनों में दरार की शिकायत की. जांच पर पता चला कि यह मैटीरियल और निर्माण की समस्या है जिसे ठीक करने में 26.3 करोड़ यूरो का खर्च आया.
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खाली रहने लगी सीटें
दुर्भाग्य से ए 380 की जिस खूबी को सबसे ज्यादा लुभावना माना गया था वही उसकी सबसे बड़ी समस्या बन गई. एयरलाइनों का कहना है कि अगर सारी सीटें नहीं भरेंगी तो विमान को चलाने में घाटा है. एयरलाइनों के मैनेजर ए 380 से घबराने लगे.
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रद्द होने लगे सौदे
2019 के जनवरी और फरवरी में एयरबस के दो भरोसेमंद ग्राहकों एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलियन एयरलाइन क्वांटस ने ए 380 के आर्डर रद्द कर दिए. एमिरेट्स ने इसकी बजाय एयरबस के छोटे विमान खरीदना चाहा जबकि क्वांटस ने आठ ए 380 का ऑर्डर वापस ले लिया.
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और नहीं बनेंगे ए 380
विशाल विमानों को बेचने में मुश्किलें उठाने के बाद यूरोपीय विमान बनाने वाली कंपनी ने ग्राहकों की कमी के कारण एलान किया है कि 2021 में विमान का निर्माण बंद कर देगी.
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लेकिन अब चीन अपने इस विमान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ाना चाहता है. विश्लेषकों का मानना है कि यह उसके लिए सही मौका भी है क्योंकि विमानन उद्योगतेजी की ओर है और एयरबस और बोइंग अपने ऑर्डर्स पूरे करने में ही संघर्ष कर रही हैं.
भारी निवेश की योजना
चीनी मीडिया के मुताबिक कॉमसैक ने कहा है कि वह आने वाले तीन से पांच साल में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर अरबों डॉलर का निवेश करने जा रही है. पिछले महीने ही चीन की एविएशन अथॉरिटी ने कहा था कि वह इस साल सी919 के लिए यूरोप में उड़ने की इजाजत की प्रक्रिया तेज करेगी. हालांकि इसकी कोशिश 2018 से ही हो रही है लेकिन इस साल अथॉरिटी यूरोपीयन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) से यह इजाजत पा लेना चाहती है.
एशिया के सबसे बड़े एयर शो, सिंगापुर एयर शो में रविवार को सी919 ने एयरबस के बगल में उड़ान भरकर दिखाई. बोइंग ने इस साल एयर शो में कोई व्यवसायिक विमान पेश नहीं किया है.
कॉमसैक के पास दो यात्री विमान हैं. एआरजे21 एक छोटा क्षेत्रीय विमान है जबकि सी919 दो इंजनों वाला बड़ा विमान है. इसमें 158 से 192 सीटें हैं. इसका सीधा मुकाबला एयरबस के ए320नियो और बोइंग के 737 मैक्स 8 से है.
पिछले साल दिसंबर में सी919 ने चीन के बाहर अपनी पहली व्यवसायिक उड़ान भरी थी जब वह हांग कांग गया था. एरआरजे21 विमान को पहले ही अंतरराष्ट्रीय खरीददार मिल चुके हैं. इंडोनेशिया की ट्रांसनूसा एयर इन विमानों को इस्तेमाल कर रही है.
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सी919 की चुनौतियां
सी919 विमानों को लेकर अभी भी विमानन उद्योग में बहुत ज्यादा भरोसा नहीं है. उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि अब तक सिर्फ चार विमान बने हैं, जो चीन में ही उड़ रहे हैं. एक चिंता यह भी है कि इन विमानों को बनाने के लिए कॉमसैक अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन पर निर्भर है.
फिर भी कॉमसैक को लेकर उद्योग जगत में उत्सुकता है क्योंकि बोइंग और एयरबस दोनों ही कंपनियां सप्लाई की दिक्कतों से जूझ रही हैं और अपने ऑर्डर पूरे करने में उन्हें दिक्कत हो रही है.
सबसे बड़े कार्गो विमान
दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो विमान 25 ट्रकों के बराबर सामान एक बार में ढो सकता है. दुनिया भर में कई भारी मशीनें ऐसे ही विमानों से पहुंचाई जाती हैं. एक नजर इन विमानों पर.
एल्टन एविएशन कंसल्टेंसी के एडम काउबर्न कहते हैं, "हमने देखा है कि सी919 को अपने बेड़े में शामिल करने को लेकर ग्राहकों का रुझान बढ़ रहा है.”
एक अन्य एविएशन कंसल्टेंसी आईबीए का अनुमान है कि 2024 में सात से दस सी919 विमान बिक सकते हैं. आईबीएस के माइक यीमांस कहते हैं, "एयरबस और बोइंग के ए320नियो और 737 मैक्स इस दशक तक के लिए लगभग पूरी तरह बिक चुके हैं. इसलिए सी919 के पास बाजार में हिस्सा लेने का बड़ा मौका है, खासकर घरेलू बाजार में. कॉमसैक के लिए मौजूदा चुनौती घरेलू मांग को पूरा करना और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इजाजत हासिल करना है.”