चीन ने शिकायत की है कि उसके अंतरिक्ष स्टेशन ने अगर सही समय पर कार्यवाही ना की होती तो एलन मस्क की सैटेलाइटों के साथ टक्कर हो जाती. अब चीन के नागरिक भी इंटरनेट पर मस्क के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं.
तस्वीर: Joan Cros/NurPhoto/picture alliance
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कुछ ही दिनों पहले चीन ने संयुक्त राष्ट्र की अंतरिक्ष संस्था को बताया कि मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के एक प्रभाग स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज की सैटेलाइटें दो बार चीन के अंतरिक्ष स्टेशन के बहुत पास आ गई थीं. यह घटनाएं एक जुलाई और 21 अक्टूबर को हुईं.
संयुक्त राष्ट्र के आउटर स्पेस अफेयर्स के दफ्तर की वेबसाइट पर छपी चीन की इस शिकायत के मुताबिक, "सुरक्षा कारणों की वजह से, चीन के अंतरिक्ष स्टेशन ने टक्कर से बचने के कदम लागू कर दिए." इन शिकायतों का स्वतंत्र रूप से सत्यापन नहीं हुआ है.
स्पेसएक्स की सैटेलाइटें
स्पेसएक्स ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. चीन में ट्विटर के जैसे माइक्रोब्लॉगिंग मंच वीबो पर एक यूजर ने लिखा कि स्टारलिंक की सैटेलाइटें "सिर्फ कबाड़ का एक टुकड़ा हैं". एक और यूजर ने उन्हें "अमेरिका के अंतरिक्ष युद्ध के अस्त्र" बताया.
अंतरिक्ष में मलबे की कंप्यूटर से बनाई तस्वीरतस्वीर: gemeinfrei
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि धरती के इर्द गिर्द करीब 30,000 सैटेलाइटें और बाकी मलबा चक्कर लगा रहे हैं. उन्होंने सरकारों से कहा है कि वो अंतरिक्ष में विध्वंसकारी टक्कर होने से बचाने के लिए जानकारी साझा करते रहें.
अकेले स्पेसएक्स ने ही अपने स्टारलिंक ब्रॉडबैंड नेटवर्क के लिए अभी तक लगभग 1,900 सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में तैनात कर दिया है. उसकी और सैटेलाइटों को भेजने की योजना है.
चीन का अंतरिक्ष स्टेशन
वीबो पर चेन हाइयिंग नाम से एक यूजर ने कहा, "स्टारलिंक के खतरे अब धीरे धीरे उजागर हो रहे हैं, उनकी व्यापारिक गतिविधियों की कीमत पूरी मानव जाती को चुकानी पड़ेगी." नवंबर के अंत में नासा को अंतरिक्ष के मलबे की वजह से मजबूरन एक स्पेसवॉक को अचानक रद्द करना पड़ा था.
चीन के अंतरिक्ष यात्री स्टेशन से एक वीडियो लिंक के जरिए चीन के बच्चों से बात करते हुएतस्वीर: CCTV/AP Photo/picture alliance
मस्क ने इसके जवाब में ट्वीट किया कि टक्कर की संभावना को ध्यान में रखते हुए स्टारलिंक की कुछ सैटेलाइटों की कक्षा को बदला गया है. चीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण अप्रैल में शुरू कर दिया था.उस समय उसने अपने तीनों मॉड्यूलों में से एक तियांहे का प्रक्षेपण किया था.
उम्मीद है कि टीम की चार अंतरिक्ष यात्राओं के बाद स्टेशन पूरा बन कर तैयार हो जाएगा. मस्क चीन में एक जाने माने व्यक्ति बन गए हैं. हालांकि उनकी कंपनी टेस्ला के इलेक्ट्रिक गाड़ियों के व्यापार के खिलाफ नियामकों की जांच बढ़ गई है.
सीके/एए (रॉयटर्स)
हबल दूरबीन की बेमिसाल तस्वीरों की एक झलक
तीस साल से अंतरिक्ष को निहारने वाली हबल दूरबीन के जरिए हमें ब्रह्मांड के सुदूर कोनों की अद्भुत तस्वीरें हासिल होती रही हैं. यहां एक निगाह डालते हैं उस दूरबीन की भेजी चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों पर.
तस्वीर: NASA/ESA/TScI
दुरुस्त हुई कम्प्यूटर की एक गड़बड़ी
नासा की हबल स्पेस दूरबीन 13 जून से 15 जुलाई 2021 तक तस्वीरें नहीं भेज पाई थी. कम्प्यूटर के मेमरी सिस्टम की एक खराबी से टेलिस्कोप का काम अटक गया था. नासा के रिटायर हो चुके जानकारों ने ये खराबी दूर की और दूरबीन को फिर से चालू किया. पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से हबल, दूरस्थ तारों और आकाशगंगाओं की विहंगम तस्वीरें जुटाती रही है.
तस्वीर: ESA
जहां जन्म लेते हैं सितारे
अपने जीवनकाल में हबल दूरबीन जिन अशांत, अस्थिर नक्षत्रीय नर्सरियों को टटोल पाई थी, ये तस्वीर उसका एक सबसे खूबसूरत नजारा है. इसमें विशाल नेबुला एनजीसी 2014 और उसका पड़ोसी तारा, एनजीसी 2020 देखा जा सकता है. दोनों मिलकर, बड़ी मैजेलैनीय मंदाकिनी में एक विशाल नक्षत्र क्षेत्र का हिस्सा बनाते हैं. करीब 1,63,000 प्रकाश वर्ष दूर ये मंदाकिनी हमारी आकाशगंगा का चक्कर काटती है.
तस्वीर: NASA/ESA/TScI
अंतरिक्ष के पर्दे पर 'स्टार वॉर्स' की तलवार
2015 में ज्यों ही स्टार वॉर्स का नया एपिसोड सिनेमाघरों में आया, हबल ने वहां अंतरिक्ष से भी लाइटसेबर तलवार की तस्वीर उतार ली. यह खगोलीय आकार 1300 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. यहां एक तारा प्रणाली जन्म लेती है- एक शिशु तारे और कुछ तारों के बीच की धूल से दो कॉस्मिक बौछारें फूटती हैं. दूरबीन ने सांस रोक देने वाली तस्वीरें उतारीं. और भी देखिए...
तस्वीर: NASA/ESA/Hubble
अंतरिक्ष पे निगाहें
1990 से अंतरिक्षी दूरबीनों की रानी, हबल 27 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 550 किलोमीटर की ऊंचाई से धरती का चक्कार काटती आ रही है. हबल 11 किलोमीटर लंबी है और इसका वजन है 11 टन. भार और आकार में एक स्कूल बस जितनी.
तस्वीर: NASA/Getty Images
अंतरिक्षीय बुलबुलों को टटोलती तस्वीरें
तारों और ग्रहों की पैदाइश को समझने में, ब्रह्मांड की उम्र का अंदाज़ा लगाने में और डार्क मैटर की प्रकृति को परखने में हबल दूरबीन ने हमारी मदद की है. इस तस्वीर में सुपरनोवा यानी एक बड़े तारे में विस्फोट से बनी गैस का एक विशाल गोला दिख रहा है.
तस्वीर: AP
पल दो-पल में फना होते रंग
अलग अलग तरह की गैसें अलग अलग रंग छोड़ती हैं. लाल रंग वाली होती है सल्फर गैस. हरा है तो हाइड्रोजन और नीला है तो ऑक्सीजन.
हबल की भेजी पहली तस्वीरें तो बरबाद थीं. हालांकि उसकी वजह ये थी कि उसका मुख्य कांच गलत आकार में गढ़ा गया था. 1993 में इंडेवर अंतरिक्षयान कुछ जानकारों को हबल के पास उसकी खराबी दूर करने ले गया. उसे नये चश्मे मुहैया कराए गए. कई वर्षों की सक्रियता में हबल दूरबीन की कुल पांच जांचों में से ये भी एक थी. आखिरी 2009 में हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa
अंतरिक्ष का बालविहार
हबल ने ये अविस्मरणीय तस्वीर दिसंबर 2009 में खींची थी. नीले धब्बे बहुत युवा तारे हैं, कुछ लाख साल पुराने. तारों की ये बगिया विशाल मैजेलैनीय मंदाकिनी में मिली थी. ये मंदाकिनी हमारी आकाशगंगा का उपग्रह है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa
और ये तितली है ना?
अंतरिक्ष में खींची इस तस्वीर के बारे में क्या ख्याल है? कोई ठीक ठीक नहीं जानता कि हबल ने अपने लेंस में आखिर ये क्या उतारा था लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि शॉट में दम नहीं था. ये उन 30,000 तस्वीरों में एक है जो सालों से हबल खींचती आ रही है.
तस्वीर: NASA/ESA/ Hubble Heritage Team
मैक्सिकन टोप- साम्ब्रेरो जैसी एक गैलेक्सी
निहायत ही आला दर्जे की ये तस्वीर- हबल की अन्य बहुत सी तस्वीरों की तरह- बहुत सारे एकल शॉट्स का कम्पोजिशन है- एक मिलीजुली प्रस्तुति. साम्ब्रेरो गैलेक्सी, वर्गो यानी कन्या तारामंडल में स्थित एक उन्मुक्त घुमावदार गैलेक्सी है और धरती से बस दो करोड़ 80 लाख प्रकाश-वर्ष दूर है.
तस्वीर: NASA/ESA/ Hubble Heritage Team
हाड़मांस के हबल
हबल दूरबीन को ये नाम, अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पॉवेल हबल (1889-1953) से मिला था. ब्रह्मांड फैल रहा है- ये देखने वाले पहले व्यक्ति वही थे. उनके पर्यवेक्षणों की बदौलत ही आज हम अपनी ये खगोलीय समझ कायम कर पाए हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति महाविस्फोट से हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
अंतरिक्ष में गड़े सृष्टि-स्तंभ
ये स्तंभ सरीखी संरचनाएं ईगल नेबुला में पाई गई हैं. धरती से करीब 7,000 प्रकाश-वर्ष दूर. हबल ने इनका बारीकी से मुआयना किया और दुनिया भर में इन्हें “पिलर्स ऑफ क्रिएशन” यानी सृष्टि-स्तंभ के रूप में मान्यता दिलाई.
तस्वीर: NASA, ESA/Hubble and the Hubble Heritage Team
शुरुआती अड़चनें
हबल की मजबूती लौट आई है, फिर से. अपनी लगातार धंसती कक्षा के चलते, दूरबीन 2024 में धरती के वायुमंडल में दाखिल होगी और भस्म हो जाएगी. लेकिन उसकी वारिस पहले से तैयार हैः नाम है जेम्स वेब. यहां एक थर्मल वैक्यूम चैंबर में उसकी टेस्टिंग चल रही है. उसे इसी साल लॉन्च किया जाएगा. धरती से करीब दस-साढ़े दस लाख किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में उसका ठिकाना होगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa/Chris Gunn
अंतरिक्ष में उकेरी एक मुस्कान
ये भी हबल की नायाब नजर का कमाल है- स्पेस स्माइली! किसने उकेरी अंतरिक्ष में ये मुस्कान? सीधी सी बात है- तिरछे होते प्रकाश यानी अपवर्तन ने ये छटा उभारी है.