चीन के अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा यात्रियों का नया दल
३० नवम्बर २०२२बुधवार सुबह चीन के तीन अंतरिक्ष यात्री अपने देश के अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे. यहां वे अगले कई दिनों तक रहेंगे. स्टेशन पर पहले से ही 3 और सदस्य मौजूद हैं. तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर चीन के अंतरिक्षयान की डॉकिंग सुबह 5 बज कर 42 मिनट पर हुई. शेनझू-15 अंतरिक्ष यानी करीब लॉन्ग मार्च 2एफ रॉकेट के सहारे अंतरिक्ष में पहुंचने के करीब 6.30 घंटे बाद स्टेशन पर पहुंचा. मंगलवार को जिउकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से इसे अंतरिक्ष की ओर रवाना किया गया था.
छह महीने का मिशन
छह महीने के इस मिशन के कमांडर फेइ जुनलोंग हैं और क्रू सदस्यों में डेंग किंगमिंग और झांग लू शामिल हैं. चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी के मुताबिक यह अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण का आखिरी चरण है. इसी महीने स्टेशन का आखिरी मॉड्यूल यहां पहुंचा था. चीन पृथ्वी की कक्षा में अपने अंतरिक्ष यात्रियों के जरिये लगातार मौजूद रहना चाहता है.
शेनझू-15 के सदस्य तियांगोंग स्टेशन पर अगले कई दिन वहां पहले से मौजूद तीन सदस्यों के साथ बिताएंगे उसके बाद पहले से मौजूद सदस्य धरती पर वापस लौटेंगे. 57 साल के फेइ 2995 में शेनझू 6 मिशन में चार दिन तक अंतरिक्ष में रहे थे. तब चीन ने दूसरी बार अंतरिक्ष में इंसानों को भेजा था. डेंग और झांग की यह पहली अंतरिक्ष यात्रा है.
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स्टेशन अब अपने पूरे विस्तार पर पहुंच चुका है. तीन मॉड्यूल और तीन अंतरिक्ष यानों के साथ इसका वजन करीब 100 टन है. तियांगोंग में छह अंतरिक्ष यात्री रह सकते हैं और नये यात्रियों को वहां का चार्ज लेने में करीब एक हफ्ता लगेगा. चीन के अंतरिक्ष स्टेशन पर पहली बार यात्रियों का रोटेशन पूरा हुआ है.
चीन का टेलिस्कोप
चीन ने यह जानकारी नहीं दी है कि स्टेशन बनाने का काम पूरा करने के लिए और क्या करने की जरूरत है. अगले साल चीन शुनिटियान स्पेस टेलिस्कोप लॉन्च करने की योजना बना रहा है. हालांकि यह तियांगोंग का हिस्सा नहीं होगा. यह टेलिस्कोप कक्षा में स्टेशन की सीक्वेंस के हिसाब से मौजूद रहेगा और कभी कभार मरम्मत के लिए स्टेशन पर डॉक कर सकता है.
बिना अंतरिक्ष यानों के चीन के स्पेस स्टेशन का वजन करीब 66 टन है. 1998 में लॉन्च किया गया अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन इससे काफी बड़ा और 465 टन वजनी है. अंतरिक्ष स्टेशन की उम्र 10-15 साल होती है. अगले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को रिटायर करने की योजना है तब अंतरिक्ष में केवल चीन का अंतरिक्ष स्टेशन ही मौजूद रहेगा.
अपने संसाधनों से अंतरिक्ष पहुंचा चीन
चीन के क्रू सदस्यों के साथ अंतरिक्ष कार्यक्रम को आधिकारिक रूप से इस साल केवल तीन दशक हुए हैं. 2003 में चीन दुनिया का तीसरा ऐसा देश बना जिसने अपने संसाधनों के दम पर अंतरिक्ष में इंसान को भेजा. इससे पहले सिर्फ अमेरिका और रूस ही ऐसा कर सके थे.
चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम सत्ताधारी पार्टी की सैन्य शाखा पीपल्स लिबरेशन आर्मी चला रही है. इसने बिना किसी बाहरी मदद के अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम तैयार किया है. अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से चीन को अलग कर दिया था क्योंकि चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम में सेना की प्रमुख भूमिका है. हालांकि चीन कुछ देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सीमित सहयोग में शामिल रहा है.
चीन की सफलताएं
चीन ने मानवरहित अंतरिक्ष मिशन भी सफलता से पूरे किए हैं. चीन का यूटू 2 रोवर चांद के एक सुदूर हिस्से पर उतरने वाला पहला रोवर था. इस हिस्से के बारे में पहले बहुत कम जानकारी थी. इसी तरह चीन का चांग 5 प्रोब दिसंबर 2020 में धरती पर चांद के चट्टान लेकर वापस लौटा. 1970 के दशक के बाद पहली बार चीन ने ही यह काम किया. चीन का एक और रोवर मंगल ग्रह पर जीवन के निशान ढूंढ रहा है.
चीन के अंतरिक्ष विभाग के अधिकारी चांद के लिए एक मानवरहित मिशन के बारे में विचार कर रहे हैं लेकिन इसके समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
इस बीच नासा आर्टेमिस के साथ चांद के सतह की खोजबीन करने पर आगे बढ़ रहा है. पिछले हफ्ते ही उसने अपना यान चांद की ओर भेजा है.
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चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम वैसे तो बहुत मोटे तौर पर आराम से ही चल रहा है लेकिन कुछ विवाद भी हुए हैं. चीन ने अपने रॉकेट के हिस्सों को अनियंत्रित रूप से हिंद महासागर में गिरने दिया था और इसकी शिकायतों से पल्ला झाड़ लिया. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक चीन एक बेहद खुफिया अंतरिक्ष यान तैयार कर रहा है.
एनआर/वीके (एपी)