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चीन के चिड़ियाघर ने कहा, इंसान नहीं है हमारा भालू

स्वाति मिश्रा
२ अगस्त २०२३

बीते दिनों चीन के एक चिड़ियाघर का वीडियो वायरल हुआ. इसमें एक सीधे खड़े भालू को देखकर लोग गड़बड़ी की आशंका जताने लगे. अब चिड़ियाघर के उस भालू की ओर से बयान जारी किया गया है.

सन बेयर संरक्षित जीव है.
मूलरूप से दक्षिणपूर्वी एशिया से ताल्लुक रखने वाली इस प्रजाति के पूरे शरीर पर काले रंग का फर होता है, लेकिन छाती पर गहरे नारंगी, सुनहरे या मलाई के रंग का एक पैच होता है. इसके बारे में मान्यता है कि यह निशान उगते सूरज का प्रतीक है. इसी वजह से इस भालू के नाम में सन यानी सूरज जुड़ा है.तस्वीर: Artush/Imago Images

चीन के एक चिड़ियाघर ने बयान जारी किया है कि उसके यहां मौजूद भालू, असल में भालू ही हैं. इंसान नहीं हैं.

इस बयान का ताल्लुक एक वायरल वीडियो से है. इसमें चिड़ियाघर का एक सन बेयर अपनी पिछली टांगों पर खड़ा है. वह पत्थर के ऊपर सीधा खड़ा है और अपने पिंजड़े से बाहर देख रहा है. उसके खड़े होने का अंदाज बड़ा ही सहज है.

लोगों ने कहा, भालू नहीं इंसान है

यह क्लिप वायरल हो गई और कई लोग कयास लगाने लगे कि शायद यह भालू है ही नहीं, भालूके भेष में कोई इंसान है. खबरों के मुताबिक, चीन में लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाइबो पर भी इससे जुड़े वीडियो खूब शेयर हुए.

कई लोगों ने लिखा कि भालू बिल्कुल सीधा खड़ा है और उसके पीछे की ओर फर में ढीलापन भी है. लोग संदेह जताने लगे कि शायद यह असली भालू नहीं है, बल्कि कोई इंसान है.

इन्हें मलयन सन बेयर भी कहा जाता है. ये काफी शर्मीले जीव माने जाते हैं. ये भालुओं में सबसे छोटे आकार के होते हैं, तकरीबन चार से पांच फीट लंबे. तस्वीर: Hanneke Wetzer/Imago Images

बयान में क्या कहा गया?

वायरल वीडियो में दिख रहे भालू का नाम एंजेला है. यह सन बेयर प्रजाति का जीव है. चिड़ियाघर ने सोशल मीडिया पर चल रही कयासबाजियों को खारिज किया है. चिड़ियाघर के बयान भी भाषा यूं है मानो भालू अपना पक्ष दे रहा हो.

इसमें कहा गया है, "मैं हूं एंजेला, सन बेयर. कल काम के बाद चिड़ियाघर के प्रमुख ने मुझे बुलाया और पूछा कि क्या मैंने आज आलस में अपना काम नहीं किया और अपनी जगह लेने के लिए कोई इंसान खोज लिया. मैं एक बार सबके आगे दोहरा रहा हूं कि मैं एक सन बेयर हूं. ना कि ब्लैक बेयर, या कुत्ता, मैं सन बेयर हूं!"

बयान में यह भी लिखा है, "कुछ लोगों ने सोचा कि मेरे खड़े होने का तरीका इंसानों जैसा है. तो मैं फिर जोर देकर कहूंगा कि मैं एक सन बेयर हूं!"

चीन में इससे मिलते-जुलते प्रकरण पहले भी हो चुके हैं. पहले भी कुछ चिड़ियाघरों पर आरोप लग चुके हैं कि उन्होंने अपने यहां ऐसे जानवर रखे हैं, जो उस प्रजाति के नहीं हैं जिसके बताए जाते हैं.

मसलन,  2013 में एक चिड़ियाघर पर तिब्बतन मैस्टिफ प्रजाति के एक कुत्ते को शेर बताने की कोशिश करने का इल्जाम लगा. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चिड़ियाघर आए लोग जब कथित शेर के पिंजड़े के पास पहुंचे, तो उन्होंने उसके भौंकने की आवाज सुनी.

संरक्षित प्रजाति है सन बेयर

मूलरूप से दक्षिणपूर्वी एशिया से ताल्लुक रखने वाली इस प्रजाति के पूरे शरीर पर काले रंग का फर होता है, लेकिन छाती पर गहरे नारंगी, सुनहरे या मलाई के रंग का एक पैच होता है. इसके बारे में मान्यता है कि यह निशान उगते सूरज का प्रतीक है. इसी वजह से इस भालू के नाम में सन यानी सूरज जुड़ा है.

इन्हें मलयन सन बेयर भी कहा जाता है. ये काफी शर्मीले जीव माने जाते हैं. ये भालुओं में सबसे छोटे आकार के होते हैं, तकरीबन चार से पांच फीट लंबे. बड़े कुत्तों के आकार का होने की वजह से इन्हें "डॉग बेयर" भी कहा जाता है. इनके फर बहुत मोटे नहीं होते क्योंकि इनका कुदरती परिवेश ट्रॉपिकल है.

यह एक संरक्षित प्रजाति है. इनके फर और शरीर के हिस्सों के लिए पोचर इनका शिकार करते हैं. वहीं कुदरती आवास खत्म होने के कारण इंसानी बसाहटों के संपर्क में आकर भी इन्हें नुकसान पहुंचता है. तेजी से कटते जंगलों, पोचिंग और वन्यजीवों की तस्करी के कारण पिछले कुछ दशकों में इनकी संख्या काफी कम हुई है.

पोलैंड के लकड़ी उद्योग से खतरा का सामना कर रहे भालू

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