1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीआईए प्रमुख बोले, श्रीलंका ने चीन पर ‘बेवकूफाना दांव’ लगाए

२१ जुलाई २०२२

सीआईए प्रमुख का कहना है कि श्रीलंका को डुबोने में चीनी निवेश एक बड़ा कारण बना. उन्होंने कहा कि इससे बाकी देश भी सबक ले सकते हैं.

श्रीलंका में कई हफ्ते चले विरोध प्रदर्शन
श्रीलंका में कई हफ्ते चले विरोध प्रदर्शनतस्वीर: Eranga Jayawardena/AP Photo/picture alliance

अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए के प्रमुख बिल बर्न्स ने कहा है कि श्रीलंका ने चीन पर ‘बेवकूफाना दांव' लगाए, जो उसके आर्थिक पतन का एक कारण बना. बर्न्स ने कहा कि अन्य देशों के लिए यह एक चेतावनी की तरह होना चाहिए.

ऐस्पन सिक्यॉरिटी फोरम को संबोधन में बर्न्स ने श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट को बाकी दुनिया के लिए चेतावनी के रूप में पेश किया. उन्होंने कहा, "चीन के पास लोगों को प्रभावित करने के लिए बहुत कुछ है और वे अपने निवेश के लिए बहुत आकर्षक पेशकश दे सकते हैं. लेकिन देशों को आज श्रीलंका जैसी जगह को देखना चाहिए जो चीन के भारी कर्जे में दबा है, जिसने अपने आर्थिक भविष्य के बारे में कुछ बेहद बेवकूफाना दांव खेले और राजनीतिक और आर्थिक रूप से बहुत विनाशक परिणाम झेल रहा है."

यह भी पढ़ेंः क्या भारत और श्रीलंका की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना की जा सकती है?

बर्न्स ने कहा कि मध्य और दक्षिण एशिया ही नहीं पूरी दुनिया के बहुत सारे देशों के लिए यह एक कड़ा सबक होना चाहिए कि इस तरह के समझौते करते वक्त अपनी आंखें पूरी तरह खुली रखें.

चीन ने श्रीलंका में भारी निवेश किया था. हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण जगह पर स्थित है. भारत के करीब बसे श्रीलंका को चीन अपने लिए भी अहम मानता है और उसके पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के साथ मिल जुलकर काम कर रहा था.

देश की अर्थव्यवस्था के डूबने के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप गोटाबाया राजपक्षे पिछले हफ्ते कोलंबो छोड़कर भाग गए थे. उनकी जगह पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. देश के पास खाना, तेल और दवाएं जैसी मूलभूत चीजें खरीदने के लिए भी संसाधन नहीं बचे हैं.

श्रीलंका ने अपने यहां मूलभूत ढांचा खड़ा करने के वास्ते शुरू की योजनाओं के लिए चीन से बड़ा कर्ज लिया था. उन योजनाओं में से कई सफेद हाथी साबित हुईं. 2017 में श्रीलंका देश के दक्षिण में एक बंदरगाह के निर्माण के लिए लिया 1.4 अरब डॉलर का कर्ज चुका नहीं पाया था जिसके चलते वह बंदरगाह एक चीनी कंपनी को 99 साल के लिए लीज पर मिल गई.

उस बंदरगाह के पास ही राजपक्षे एयरपोर्ट है जिसे चीन से 20 करोड़ डॉलर उधार लेकर बनाया गया था. इस एयरपोर्ट का इतना कम इस्तेमाल होता है कि एक वक्त तो यह अपना बिजली का बिल भरने लायक पैसा भी नहीं कमा पाया था. आज देश पर लगभग 7 अरब डॉलर का अंतरराष्ट्रीय कर्ज है और वह अपना ब्याज भी नहीं चुका पा रहा है.

श्रीलंका और चीन की दोस्ती

श्रीलंका और चीन की दोस्ती देश में गृह युद्ध खत्म होने के बाद शुरू हुई जब जगह-जगह चीनी परियोजनाएं नजर आने लगीं. चीनी कंपनियां वहां पुल, सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे आदि बनाने लगीं. चीन ने देश में विशेष आर्थिक क्षेत्र, एलनजी पावर प्लांट और ओद्योगिक शहर बनाने जैसी पेशकश भी कीं. लेकिन कई विशेषज्ञों ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि चीन का यह निवेश श्रीलंका को कुछ नहीं दे रहा है क्योंकि उससे नए संसाधन पैदा नहीं हो रहे थे.

श्रीलंका: सोचा नहीं था, 'मेरे देश' का यह हाल होगा

03:47

This browser does not support the video element.

इस निवेश के लिए चीन को विशेष सुविधाएं दी गईं जिसके लिए नीतियों में बड़े बदलाव किए गए. मसलन, ढांचागत निवेश के लिए चीन से होने वाले आयात को करमुक्त कर दिया गया. नवंबर 2010 में हंबांटोटा बंदरगार बनने से लेकर 2020 में कोलंबो पोर्ट सिटी के लिए जमीन के अधिग्रहण तक चीनी कंपनियों ने सालों तक आयात कर में छूट का लाभ उठाया.

इन परियोजनाओं में बड़ी संख्या में चीनी कर्मचारी ही काम कर रहे थे लिहाजा स्थानीय लोगों के लिए कोई बहुत बड़े रोजगार भी पैदा नहीं हुए. चीन की खातिर श्रीलंका ने भारत और जापान के साथ भी तल्खी अपनाई. ईस्ट कंटेनर टर्मिनल परियोजना जापान और भारत के साथ एक साझा उपक्रम था जिसे श्रीलंका ने रद्द कर दिया, क्योंकि वहां की ट्रेड यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किए थे. बाद में यह परियोजना चाइना हार्बर इंजीनियरंग कंपनी को दो दी गई. लेकिन चीनी निवेश देश में विदेशी मुद्रा भंडार लाने में नाकाम रहा और श्रीलंका कर्ज तले दबता चला गया.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें