दुनिया के कुछ सबसे बड़े कचरा उत्पादकों में से एक भारत में हर साल छह करोड़ टन से ज्यादा कचरा पैदा होता है. ऐसे में भी दक्षिण भारत का मैसुरु शहर 'जीरो-वेस्ट' के लक्ष्य की ओर काम कर रहा है, देखिए.
तस्वीर: Imago/robertharding
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South Africa counts the costs of the Zuma years
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भारत समेत कुछ देश दुनिया भर का प्लास्टिक कचरा और ज्यादा खरीदने लगे हैं. एक नजर 2017 में सबसे ज्यादा प्लास्टिक स्क्रैप खरीदने वाले देशों पर.
सबसे ज्यादा प्लास्टिक स्क्रैप खरीदने वाले देश
भारत समेत कुछ देश दुनिया भर का प्लास्टिक कचरा और ज्यादा खरीदने लगे हैं. एक नजर 2017 में सबसे ज्यादा प्लास्टिक स्क्रैप खरीदने वाले देशों पर.
तस्वीर: Getty Images/AFP
6. तुर्की
बॉटलिंग में इस्तेमाल होने वाला पीईटी (पॉलीएथेलिन ट्रेफले): 5,354 मीट्रिक टन.
तस्वीर: Getty Images/AFP
5. थाइलैंड
पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलियोलिफिन: 10,153 मीट्रिक टन और बॉटलिंग में इस्तेमाल होने वाला पीईटी: 18,384 मीट्रिक टन.
तस्वीर: Getty Images/J. Aznar
4. ताइवान
पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलियोलिफिन: 16,575 मीट्रिक टन
तस्वीर: Getty Images/J. Aznar
3. मलेशिया
पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलियोलिफिन: 37,778 मीट्रिक टन और बॉटलिंग में इस्तेमाल होने वाला पीईटी: 13,551 मीट्रिक टन.
तस्वीर: WWF-UK/Shoot The Earth/Georgina Goodwin
2. वियतनाम
पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलियोलिफिन: 44,716 मीट्रिक टन और बॉटलिंग में इस्तेमाल होने वाला पीईटी: 18,384 मीट्रिक टन.
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/S. Edison
1. भारत
पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलियोलिफिन: 88,155 मीट्रिक टन और बॉटलिंग में इस्तेमाल होने वाला पीईटी: 5,101 मीट्रिक टन.