बेंगलुरु में सितंबर 2022 में आई बाढ़ में शहर के कई हिस्से डूब गए थे. अब एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शहर निरंकुश शहरीकरण और आबादी में अनुमानित उछाल की वजह से बार बार बाढ़ आने के खतरे का सामना कर रहा है.
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प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी बारिश, शहरीकरण और बढ़ती आबादी की वजह से शहर की जलनिकासी प्रणाली तनाव में है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी से हुए विकास की वजह से भारी बारिश की निकासी के लिए बनी नालियों को जो नुकसान पहुंचा है उसकी मरम्मत के लिए अधिकारियों को 28 अरब रुपयों की जरूरत पड़ सकती है.
भारत के सिलिकॉन वैली के नाम से जाने जाने वाले बेंगलुरु में 3,500 से भी ज्यादा आईटी कंपनियां सक्रिय हैं. एक अध्ययन के मुताबिक 2021-22 में भारत में जितनी नौकरियां निकलीं उनमें 18 प्रतिशत बेंगलुरु में थीं. इस आर्थिक विस्तार की वजह से बड़ी संख्या में लोग शहर में आएहैं.
फिर डूब सकता है शहर
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2031 तक शहर की आबादी के बढ़ कर 1.8 करोड़ हो जाने का अनुमान है. 1995 के मुकाबले 2011 में शहर का क्षेत्रफल भी तीनगुना से ज्यादा बढ़ कर 741 वर्ग किलोमीटर हो गया था. शहर में इमारतें इतनी बढ़ीं कि हरियाली कम हो गई. जहां 2002 में शहर की सिर्फ 37 प्रतिशत जमीन का इस्तेमाल हो रहा था वहीं 2020 में यह बढ़ कर 93 प्रतिशत हो गया.
ट्रैफिक से बेहाल बेंगलुरू, साइकिल बनेगी सहारा
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रिपोर्ट के मुताबिक, "जलवायु परिवर्तन की वजह से, कम अवधि की लेकिन तीव्र बारिश भी हुई है जिसकी वजह से शहर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ को रोकने के लिए शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर भी सीमित है." रिपोर्ट ने मुंबई का उदाहरण देते हुए बेंगलुरु के स्थानीय अधिकारियों से अपील की है कि वो बाढ़ संभावित इलाकों में जल जमाव कम करने और पानी के स्वछंद बहाव को सुनिश्चित करने के लिए एक मास्टर प्लान बनाएं.
सितंबर 2022 में जो बारिश हुई थी वो 2014 के बाद सबसे ज्यादा भारी बारिश थी. उस समय शहर के कई हिस्से कमर तक पानी में डूब गए थे, आईटी उद्योग उथल पुथल हो गया था और शहर के "टेक हब" की साख को बहुत नुकसान पहुंचा था.
सीके/एए (रॉयटर्स)
बाढ़ से त्रस्त बेंगलुरू
बेंगलुरू में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के कारण कई इलाकों में पानी भर गया. कुछ प्रमुख सड़कों पर पानी पूरी तरह से भरा रहा जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
तस्वीर: NITIN KUMAR SRIVASTAVA/ REUTERS
जानलेवा बनी बारिश
बेंगलुरू में रविवार रात और सोमवार सुबह हुई भारी बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर गया. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि सोमवार को पानी से भरी सड़क पर एक 23 वर्षीय महिला की करंट लगने से मौत हो गई. महिला अपने दफ्तर से घर लौट रही थी.
तस्वीर: REUTERS
बिजली सप्लाई ठप्प, सड़क पर नाव
जलभराव के कारण कई इलाकों में मंगलवार को बिजली की सप्लाई ठप्प रही. बारिश का पानी घरों और दफ्तरों में घुस आया है और लोगों को घर पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए नाव की मदद लेनी पड़ी.
तस्वीर: Kashif Masood/AP/picture alliance
ट्रैक्टर ही सहारा
मेगा शहर कहे जाने वाला बेंगलुरू अभूतपूर्व बारिश के बाद एक के बाद एक कई समस्याओं का सामना कर रहा है. महंगी सी महंगी गाड़ियां पानी में डूब गई और लोगों को रेस्क्यू करने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा.
तस्वीर: ANI/REUTERS
सामान्य से पांच गुणा ज्यादा बारिश
बेंगलुरू नगर निमग के मुताबिक 30 अगस्त से चार सितंबर तक सामान्य से पांच गुणा ज्यादा बारिश हुई.
तस्वीर: Kashif Masood/AP/picture alliance
नालियों पर अतिक्रमण
शहर में जलभराव ने अनियोजित शहरीकरण के परिणामों की ओर ध्यान खींचा है. बेंगलुरु नगर निगम ने ऐसी 500 अतिक्रमण नालियों की पहचान की है जो बारिश का पानी बहने में मदद करती है. अतिक्रमण के कारण शहर पानी में डूबा हुआ है.
तस्वीर: Kashif Masood/AP/picture alliance
कंपनियों ने कहा घर से करो काम
शहर की कई मुख्य सड़कें डूबीं हुईं है और ट्रैफिक का बुरा हाल है, ऐसे में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से घर से ही काम करने को कहा है.
तस्वीर: SAMUEL RAJKUMAR/REUTERS
बाढ़ के लिए खराब प्लानिंग जिम्मेदार
पर्यावरणविदों ने शहर में बाढ़ के लिए खराब योजना को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि शहर का विस्तार हुआ है और कुछ असर जलवायु परिवर्तन का भी नजर आ रहा है.
तस्वीर: NITIN KUMAR SRIVASTAVA/ REUTERS
सोशल मीडिया पर लोग निकाल रहे भड़ास
भारी बारिश के बाद शहर का इस तरह से हाल देख वहां के रहने वाले लोग सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ गुस्सा निकाल रहे हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर तरह तरह के मीम पोस्ट किए जा रहे हैं.