12 या 13 साल की उम्र में शादी. बहुत से लोगों को यह सामान्य लग सकता है. मलावी में भी ऐसा ही था. लेकिन इनाला न्गुलु जैसी महिलाएं इस प्रथा को खत्म करने के लिए लड़ रही हैं.
दुनिया के तमाम देशों में बाल विवाह पर कानूनी बंदिशें हैं लेकिन इसके बावजूद रोजाना तकरीबन 20 हजार लड़कियों की शादी गैरकानूनी रूप से होती है. वहीं तकरीबन 10 करोड़ नाबालिग लड़कियों के पास इससे बचने के लिए कोई कानून नहीं है.
रोजाना 20 हजार नाबालिग बनती हैं दुल्हन
दुनिया के तमाम देशों में बाल विवाह पर कानूनी बंदिशें हैं लेकिन इसके बावजूद रोजाना तकरीबन 20 हजार लड़कियों की शादी गैरकानूनी रूप से होती है. वहीं तकरीबन 10 करोड़ नाबालिग लड़कियों के पास इससे बचने के लिए कोई कानून नहीं है.
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बाल विवाह
वर्ल्ड बैंक और बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था सेव द चिल्ड्रन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में हर साल 75 लाख लड़कियां बाल विवाह का शिकार होती हैं और सबसे अधिक बाल विवाह पश्चिमी और मध्य अफ्रीका में होते हैं.
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जिम्मेदार समाज
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे विवाहों का सबसे बड़ा कारण सामाजिक परंपराएं और धार्मिक प्रथायें हैं जिनके चलते बाल विवाह कानूनों को समाजिक स्वीकारता नहीं मिलती है और प्रथाओं के नाम पर ये समाज में बने रहते हैं.
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शिक्षा और स्वास्थ्य
रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह लड़कियों को न सिर्फ शिक्षा के अवसरों से वंचित करता है बल्कि उनकी सेहत पर भी बुरा असर डालते हैं. इन लड़कियों पर घरेलू हिंसा और यौन प्रताड़ना का खतरा भी बना रहता है.
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गरीबी बनी वजह
स्टडी में गरीबी को इसकी एक बड़ी वजह बताया गया है. कई बार अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए भी मां-बाप अपनी लड़कियों की जल्दी शादी करा देते हैं और अफ्रीका में दुल्हन पर तो कीमत भी मिलती है.
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कानून भी नहीं
वर्ल्ड बैंक ने जून 2016 की एक रिपोर्ट में कहा था कि बाल विवाह पर रोक से जनसंख्या वृद्धि दर पर लगाम लगेगी और लड़कियों के शैक्षणिक स्तर में बेहतरी आयेगी. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की तकरीबन 10 करोड़ लड़कियों के पास ऐसे विवाहों से बचने के लिए कानून नहीं है.