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यूरोपीय आयोग, परिषद और संसदः तीनों में फर्क क्या है?

१० जून २०२४

यूरोपीय संघ में अलग-अलग संस्थाएं हैं जिनके बीच फर्क कर पाना किसी विदेशी के लिए मुश्किल होता है. अब जबकि यूरोपीय संसद के लिए चुनाव हो रहे हैं, तो आप भी जानिए कि ये तीन संस्थाएं यूरोपीय संघ में क्या-क्या काम करती हैं.

यूरोपीय संसद
स्ट्रासबुर्ग में यूरोपीय संसदतस्वीर: U. J. Alexander/IMAGO

यूरोपीय संसद के लिए हुए चुनावों में अति दक्षिणपंथी पार्टियों ने संभावना से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है. इसका मतलब है कि यूरोपीय संसद में उनकी ताकत बढ़ेगी और वे 27 देशों वाली यूरोपीय संघ की नीतियां प्रभावित करने में कामयाब होंगी.

लेकिन यूरोपीय संघ की नीतियां सिर्फ संसद से तय नहीं होतीं. वहां दो और संस्थाएं हैं जिनकी अहम भूमिकाएं हैं. वे हैं यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग. लेकिन इन तीनों संस्थाओं के कामों में फर्क होता है.

यूरोपीय आयोग

यूरोपीय आयोग असल में संघ की कार्यपालिका है. यूरोपीय संघ के लिए कानूनों का प्रस्ताव आयोग में ही लाया जा सकता है. संघ के देशों में कानूनों को लागू कराने की जिम्मेदारी भी इसी संस्था की है. इसके अलावा व्यापारिक वार्ताओं में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व भी आयोग करता है.

यूरोपीय आयोग की भूमिका संघ में नियामक की होती है. उसके पास व्यापारिक प्रतिद्वन्द्विता संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के मामलों की जांच करने और जुर्माने लगाने की शक्ति है. यूरोपीय संघ के आकार और धन को देखते हुए वहां लागू होने वाले प्रतिद्वन्द्विता नियम पूरी दुनिया को प्रभावित करते हैं. इसे ‘ब्रसेल्स इफेक्ट' कहा जाता है.

यूरोपीय आयोग का एक अध्यक्ष होता है और वहां लगभग 32 हजार लोग काम करते हैं. इन सभी को कैबिनेट के बजाय ‘कॉलेज' कहा जाता है. हर सदस्य देश से वहां एक कमिश्नर होता है.

यूरोपीय संघ की स्थापना के लिए जो संधि हुई थी, उसके तहत सदस्य देश मिलकर अध्यक्ष का चुनाव करते हैं लेकिन इसमें यूरोपीय संसद के चुनावों के नतीजों को ध्यान में रखा जाता है. अध्यक्ष की नियुक्ति को यूरोपीय संसद की अनुमति जरूरी होती है और ऐसी परंपरा है कि आयोग का अध्यक्ष उसी राजनीतिक दल का होना चाहिए, जिसे सबसे ज्यादा मत मिले हों.

फिलहाल यूरोपीय पीपल्स पार्टी की उर्सुला फॉन डेय लाएन यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष हैं. जर्मनी की रहने वालीं फोन डेय लाएन पांच साल के एक और कार्यकाल की उम्मीद कर रही हैं.

आयोग में एक उच्च-प्रतिनिधि भी होता है जो विभिन्न सदस्य देशों के बीच यूरोपीय संघ की विदेश नीति को लेकर तालमेल बिठाने का काम करता है. फिलहाल यह पद योसेप बोरेल के पास है.

यूरोपीय संसद

संसद, यूरोपीय संघ का एकमात्र अंग है जिसके सदस्यों का चुनाव सीधे मतदान से जनता द्वारा किया जाता है. इसका चुनाव पांच साल के लिए होता है. लेकिन इसका अध्यक्ष या स्पीकर ढाई साल के लिए चुना जाता है.

मौजूदा संसद में 705 सदस्य हैं लेकिन अगले यूरोपीय संसद में 720 सदस्य होंगे जो संघ की आबादी में हुए बदलाव के कारण है.

यूरोपीय संसद के सदस्यों का काम होता है व्यापारिक समझौतों, ऊर्जा, पर्यावरण, माइग्रेशन और यूरोप के बजट जैसे मुद्दों पर लाए गए कानूनों पर बहस करना. इन्हीं बहसों के जरिए कानूनों को अंतिम रूप दिया जाता है. इन बहसों के दौरान संसद के सदस्य यूरोपीय परिषद और आयोग के साथ कानून के मसौदे में बदलावों के लिए चर्चा करते हैं.

यूरोपीय संसद का मुख्यालय फ्रांस के स्ट्रासबुर्ग शहर में है, जहां लगभग हर महीने में एक हफ्ते के लिए संसद सत्र होता है. लेकिन संसद का रोजमर्रा का कामकाज बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स से चलता है.

यूरोपीय परिषद

यूरोपीय परिषद संघ के सदस्य देशों के सरकारी प्रमुखों की संस्था है. ये सदस्य देश एक साल में चार बार ब्रसेल्स में मिलते हैं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं. कई बार ये बैठकें कई-कई दिन तक जारी रह सकती हैं.

इन बैठकों में यूरोपीय संघ से जुड़े नीतिगत मामलों और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा होती है. हाल के सालों में सदस्य देशों के बीच मतभेद बढ़े हैं जिसके बाद यूरोपीय परिषद की भूमिका अहम हो गई है. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और कोरोना वायरस महामारी जैसे मुद्दों पर मतभेदों को सुलझाने में परिषद को खासी मशक्कत करनी पड़ी है.

इन तीन प्रमुख संस्थाओं के अलावा भी कई संगठन हैं जो यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बीच अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हैं. मसलन, काउंसिल ऑफ द ईयू नाम का संगठन यूरोपीय संघ की मंत्रिपरिषद है. इसका अध्यक्ष पद हर छह महीने पर एक नए देश को मिलता है, जो बैठकों की अध्यक्षता करता है.

यूरोपीय कोर्ट ऑफ जस्टिस, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और यूरोपीय मेडिसिंस एजेंसी जैसी संस्थाएं अलग-अलग भूमिकाओं में यूरोपीय संघ का काम करती हैं. इनके अलावा यूरोपीयन डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड और यूरोपीय फूड सेफ्टी अथॉरिटी भी नियमों को लागू करवाने का काम करती हैं. फंडामेंटल राइट्स एजेंसी, यूरोपीयन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस और यूरोपीयन एंटी-फ्रॉड ऑफिस भी यही भूमिकाएं निभाते हैं.

वीके/एए (एएफपी)

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