हरियाणा के पलवल में हुई एक पंचायत में भड़काऊ भाषण दिए जाने की खबर है. नूंह में जिस 'ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा' के दौरान हिंसा हुई थी, उसे 28 अगस्त को बिना प्रशासन की इजाजत के दोबारा निकालने की भी घोषणा की गई.
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पलवल में रविवार 13 अगस्त को हरियाणा के करीब 50 गांवों से आये लोगों की एक पंचायत आयोजित की गई थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पंचायत में करीब 1,000 लोगों ने हिस्सा लिया और वहां कई वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण दिए.
इस पंचायत का आयोजन शुरू में हिंसा प्रभावित नूंह में ही करने की योजना थी, लेकिन प्रशासन से इसकी इजाजत ना मिलने के बाद आयोजकों ने पंचायत का आयोजन नूंह-पलवल रोड से थोड़ी दूर पलवल जिले में किया.
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प्रशासन को चुनौती
यह जगह नूंह से करीब 50 किलोमीटर दूर है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रशासन ने इस पंचायत में सिर्फ 500 लोगों को शामिल करने की इजाजत दी थी, लेकिन इसमें भाग लिया करीब 1,000 लोगों ने. इसके अलावा बैठक सिर्फ दिन के दो बजे तक करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बैठक शाम के चार बजे तक चली.
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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पंचायत में भड़काऊ भाषण भी दिए गए. पंचायत में कुलभूषण भारद्वाज नाम के एक अधिवक्ता ने एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया और उनके आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की मांगकी. भारद्वाज के खिलाफ पहले से भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में एफआईआर दर्ज है.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में उन्हें बजरंग दल का नेता भी बताया गया है. उन पर छह अगस्त को गुरुग्राम जिले के तिगरा गांव में आयोजित की गई एक पंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उन्होंने पलवल पंचायत में प्रशासन को उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज करने की चुनौती दी.
उन्होंने 28 अगस्त को 'ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा' को पूरा करने की घोषणा भी की और लोगों से यात्रा में भाग लेने के अपील की. सोशल मीडिया पर उनके भाषण के वीडियो के अंश भी मौजूद हैं.
यात्रा को दोबारा निकालने की मांग विश्व हिंदू परिषद ने भी की है. पंचायत में भाषण देने वाले कुछ वक्ताओं ने मेवात के हिंदुओं को ज्यादा ज्यादा से बंदूकों के लाइसेंस देने की मांगकी.
नहीं रुक रहे भड़काऊ भाषण
पलवल के पुलिस प्रमुख लोकेंद्र सिंघ ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि पंचायत की इजाजत देते समय आयोजकों को कड़ाई से कहा गया था कि नफरती भाषण नहीं दिए जाने चाहिए.
उन्होंने बताया कि पुलिस अब भाषणों के वीडियो देखेगी और अगर किसी के द्वारा दिया गया सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भाषण पाया गया तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.
इसी तरह की पंचायतछह अगस्त को गुरुग्राम जिले के तिगरा गांव में भी आयोजित की गई थी. यह आयोजन ऐसे समय में किया गया था जब उस इलाके में धारा 144 लगी हुई थी.
उस बैठक में भी कई भड़काऊ भाषण दिए गए थे. बैठक से चार दिन पहले दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि राज्य में कहीं भड़काऊ भाषण नहीं दिए जाएं.
इस पंचायत में दिए गए भाषणों की खबर आने के बाद पुलिस ने कुलभूषण भारद्वाज समेत कुछ लोगों के खिलाफ समुदायों के बीच सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश के आरोप में मामले दर्ज किये थे.
भारत में लगातार हो रही है सांप्रदायिक हिंसा
2020 के दिल्ली दंगों के बाद भी भारत के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली है. गुजरात से लेकर त्रिपुरा तक और दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक, जानिये कहां कहां भड़की हिंसा.
तस्वीर: IANS
बेंगलुरु, 2020
अगस्त 2020 में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. हिंसा में पुलिस स्टेशन भी जला दिए गए थे और पुलिस की फायरिंग में तीन लोग मारे गए थे. 200 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
तस्वीर: AFP/M. Kiran
त्रिपुरा, 2021
अक्टूबर 2021 में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हुई हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने त्रिपुरा में कई जगह रैलियां निकालीं, जिनके दौरान कई मुस्लिमों के घर और दुकानें जला दी गईं और चार मस्जिदों पर हमला किया गया.
तस्वीर: Panna Ghosh/AP Photo/picture alliance
कर्नाटक, 2021
कर्नाटक के कई इलाकों में 2021 में चर्चों, पादरियों और आम ईसाईयों पर हमले किये गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे साल में कर्नाटक में इस तरह के हमलों के कम से कम 30 मामले सामने आये. कई अन्य राज्यों को मिला कर इस तरह के 300 से ज्यादा मामले दर्ज किये गए.
तस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance
कर्नाटक, 2022
फरवरी, 2022 में कर्नाटक में कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं की हिजाब पहनने की आजादी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसे लेकर कई महीनों तक राज्य में तनाव बना रहा. कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा भी हुई.
तस्वीर: DW
कई राज्य, 2022
अप्रैल 2022 में रामनवमी पर निकाली गई यात्राओं के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें कई लोग घायल हो गए. गुजरात में हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रामनवमी पर मांसाहारी भोजन खिलाए जाने को लेकर छात्र परिषद्व और एबीवीपी के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसमें 16 छात्र घायल हो गए.
तस्वीर: PRABHAKAR/DW
अयोध्या, 2022
अयोध्या पुलिस ने बताया कि 11 लोगों ने मिल कर शहर में सांप्रदायिक तनाव बनाने के लिए शहर की कई मस्जिदों में आपत्तिजनक पोस्टर, सूअर का मांस और कुरान के फटे हुए पन्ने डाल दिए थे. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया था.
तस्वीर: Narinder Nanu/AFP/Getty Images
दिल्ली, 2022
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अप्रैल 2022 में ही हनुमान जयंती पर निकाली गई एक यात्रा के दौरान हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया. हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए.
तस्वीर: Amarjeet Kumar Singh/AA/picture alliance
पैगम्बर पर टिप्पणी विवाद, 2022
मई 2022 में भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर आयोजित एक टीवी डिबेट में हिस्सा लेते हुए पैगंबर मोहम्मद पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. टिप्पणी को लेकर कई हफ्तों तक देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा हुई. कई मुस्लिम देशों ने भी शर्मा की टिप्पणी की निंदा की.
तस्वीर: Ajay Aggarwal/Hindustan Times/imago
राजस्थान, 2022
मई, 2022 में राजस्थान के जोधपुर में ईद के ठीक पहले अलग अलग झंडे लगाने को लेकर दो समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई. पथराव के बीच कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए जिसके बाद इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.
तस्वीर: ANI/REUTERS
महाराष्ट्र, 2023
फिल्म 'द केरला स्टोरी' पर छिड़े विवाद की वजह से देश में कई स्थानों पर हिंसा हुई. महाराष्ट्र के अकोला में विवाद ने दंगे का रूप ले लिया जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
तस्वीर: Payel Samanta/DW
मणिपुर, 2023
मार्च 2023 में मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर विचार करने के लिए कहा था, जिसके बाद से राज्य में तनाव पैदा हो गया. अप्रैल में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गए. जुलाई तक हिंसा में 100 से भी ज्यादा लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हो गए.
तस्वीर: ADNAN ABIDI/REUTERS
हरियाणा, 2023
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को एक धार्मिक यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जो धीरे धीर सोहना, पलवल, गुरुग्राम समेत कई इलाकों तक फैल गई. कम से कम छह लोग मारे भी गए, कई दुकानों और एक मस्जिद को जला दिया गया और कई मस्जिदों पर हमले किये गए.