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संस्कृतिफलीस्तीन

गजा पट्टी में मिला रोमन काल का कब्रिस्तान

१६ दिसम्बर २०२२

उत्तरी गजा पट्टी में एक आवासीय निर्माण परियोजना के दौरान खुदाई से, रोमन साम्राज्य के दौर का, 2000 साल पुराना कब्रिस्तान मिला है. यहां 80 कब्रें मिली हैं.

तस्वीर में एक फलस्तीनी मजदूर रोमन-काल की कब्रगाह में खुदाई करता नजर आ रहा है. इसे हाल ही में उत्तरी गाजा पट्टी में खोजा गया.
तस्वीर में एक फलस्तीनी मजदूर रोमन-काल की कब्रगाह में खुदाई करता नजर आ रहा है. इसे हाल ही में उत्तरी गाजा पट्टी में खोजा गया. तस्वीर: Mohammed Talatene/picture alliance/dpa

इस साल जनवरी में, फलस्तीनी मजदूर जब इस्राएली सीमा के पास गजा पट्टी के बेत लाहिया कस्बे में काम कर रहे थे तो उन्हें वहां जमीन के नीचे खंडहर मिले. इसी जगह पर एक आवासीय प्रोजेक्ट चल रहा है. सोमवार को फलस्तीनी गुट हमस ने गजा में ऐलान किया कि भवनों के निर्माण से पहले बड़ी तादाद में मिले मकबरों के अवशेषों को धीरे धीरे जमीन से बाहर निकाला जाना है.

प्राचीन वस्तुओं और पर्यटन के मंत्रालय से जुड़ीं शोधकर्ता हियम अल-बितार ने बताया कि 63 कब्रों की पहचान की जा चुकी है. एक कब्र से मिली हड्डियां और पुरावशेष दूसरी सदी के हैं. खुदाई दल के अगुआ फस्ल अल-अतल ने बताया, "75 से 80 कब्रें मिलने की उम्मीद है." उन्होंने कहा कि ये "गजा में मिला, रोमन दौर का पहला मुकम्मल कब्रिस्तान है."

हियम अल-बितार कहती हैं कि इस जगह के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए उनका मंत्रालय फ्रांसीसी विशेषज्ञों के दल के साथ मिलकर काम कर रहा है. खुदाई की जगह को फिलहाल जनता के लिए नहीं खोला गया है. लेकिन हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए निर्माण शुरू किया जा चुका है. इस्राएल और गजा के विद्रोही गुटों के बीच मई 2021 में भड़की 11 दिनों की लड़ाई के बाद, मिस्र की आर्थिक मदद से आवासीय पुनर्निर्माण का प्रोजेक्ट इस जगह पर चलाया जा रहा है.

फिर से शुरू की गई खुदाई के दौरान, फ्रेंच बिबलिकल आर्केयोलॉजी स्कूल ऑफ येरुशलेम से जुड़े फ्रांसीसी पुरातत्वविद् रेने एल्टर ने खुदाई स्थल का दौरा किया. उन्होंने पाया कि मकबरे पर पोलीक्रोम पेंटिग्स की छाप हैं जो ताज और लॉरेल की पत्तियों की माला को दर्शाती है.

बड़े महत्व का पुरातात्विक स्थल 

रोमनों की ये कब्रगाह, प्राचीन एस्कलोन के पास यूनानी बंदरगाह एनथेडॉन के अवशेषों से ज्यादा दूर नहीं है. एस्कलोन अब गजा पट्टी की सीमा से लगा इस्राएली शहर अशकेलोन कहलाता है. प्राचीन वस्तुओं के मंत्रालय से जुड़े जमाल अबु रेडा कहते हैं कि खुदाई स्थल बड़े महत्व का है और प्राचीन एनथेडॉन का ही संभवतः विस्तार है.

इस्राएल और फलीस्तीनी भूभाग में पुरातात्विक खुदाइयां हमेशा राजनीतिक विवादों में रही हैं. इस्राएल और पश्चिमी तट से हासिल खोजों के आधार पर इलाकाई अधिकार के दावे किए जाते रहे हैं. खासकर येरुशलेम के पुराने शहर को लेकर. लेकिन गजा में चुनिंदा पुरातत्वविद् ही सक्रिय रहे हैं जबकि उसका संपन्न इतिहास रहा है. गजा में रहने वाले 20 लाख लोगों पर इस्राएली नाकाबंदी और इलाके में हथियारबंद संघर्षों के जारी रहते, ये हालात लगता नहीं कि जल्द बदलेंगे.

खुदाई के दौरान रोमन-काल की कब्र से मिली चीजें दिखाता एक फलस्तीनी मजदूर.तस्वीर: Mohammed Talatene/picture alliance/dpa

गजा का भी है वही महान इतिहास

मध्य गजा से मिले 5वीं से 7वीं सदी के बाइजेनटाइन मोजाइकों का सितंबर में परीक्षण करने वाले रेने एल्टर कहते हैं कि गजा की प्राचीन सामग्री, इस्राएल में मिली सामग्रियों जितनी ही आकर्षक है. एल्टर ने जून में कहा, "गजा में जो चीजें मिली है उनमें और इस्राएल में मिली चीजों में कोई अंतर नहीं है. ये वही महान इतिहास है." लेकिन फंडिंग की कमी से, जिसमें पर्यटन भी शामिल है, गजा पट्टी में खुदाई में मुश्किलें आती रही हैं. 2007 में हमस के सत्ता में आने के बाद से इस्राएल ने गजा की नाकाबंदी की हुई है.

एल्टर कहते हैं, "गजा में, बहुत सारे स्थल संघर्ष और निर्माण कार्यों की वजह से गायब हो चुके हैं, लेकिन ये इलाका पुरातात्विक लिहाज से बड़ा ही संपन्न है जिसके लिए विशेषज्ञों की कई टीमों की दरकार है." सहायता संगठन, प्रीमियर अरजेंस मिशन की स्थानीय इकाई के निदेशक जिहाद अबु हसन कहते हैं, "गजा की छवि आमतौर पर हिंसा से जोड़ दी जाती है. लेकिन उसका इतिहास पुरातात्विक खजाने से मालामाल है, आने वाली पीढ़ियों के लिए जिसकी हिफाजत किए जाने की जरूरत है."

रोमन कब्रिस्तान के इर्दगिर्द अब खूंटे गाड़ दिए गए हैं और बाड़ खड़ी कर दी गई है. गार्डों का पहरा लगा दिया गया है ताकि प्राचीन चीजों का अवैध कारोबार रोका जा सके.

हमास ने बताया है कि इस प्राचीन कब्रगाह में अबतक 60 से ज्यादा कब्र मिल चुकी हैं. तस्वीर: Mohammed Talatene/picture alliance/dpa

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की प्रतिबद्धता

निर्माण स्थलों पर पुरातात्विक अवशेष मिल भी जाएं तो बदकिस्मती ये है कि कई सारे डेवलपर उसे छिपा जाते हैं. अबु हसन कहते हैं, "वे डरते हैं कि उनका निर्माण कार्य रोक दिया जाएगा और मुआवजा भी नहीं मिलेगा. इस तरह हम रोजाना अपने पुरातात्विक स्थल गंवा रहे हैं." ताजा पुरातात्विक स्थल मिला था तो उस समय स्थानीय मीडिया ने लूट की खबरें प्रकाशित की थी. ठेलों में भरकर लोग बहुत सा माल उड़ा ले गए थे जैसे कि बंद कास्केट और खुदी हुई ईटें.

नाकाबंदी की वजह से भी पुरातात्विक स्थलों की खुदाई और मुश्किल हो चुकी है. सीमा पार से, जरूरी सामग्रियों को ला पाना दूभर हो जाता है. इस सबके बावजूद, सनसनीखेज पुरातात्विक खोजें एक नियमित घटना बन रही है. 2022 में गजा से मिले रोमन कब्रिस्तान और 5वीं से 7वीं सदी के मोजाइक के अलावा, अप्रैल में एक किसान ने 4500 साल पुरानी, एक प्राचीन देवी की पत्थर की मूर्ति खोजी थी.

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