कोविड-19 महामारी के दौरान कई बच्चों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. कई बच्चे अपने माता-पिता दोनों को ही खो चुके हैं और कई बच्चों के अभिभावक अस्पातलों में भर्ती हैं.
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अनाथ हुए बच्चों की आवश्यक जरूरतों और समस्याओं को दूर करने के लिए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने पहल की है. डीसीपीसीआर ने ऐसे बच्चों और परिवार के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी की है. डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि ऐसे बच्चों पर नजदीक से नजर रखें और हेल्पलाइन के जरिए 24 घंटे मदद सुनिश्चित की जाए.
अनुराग कुंडू के मुताबिक, "ऐसे समय में बच्चे सबसे कमजोर होते हैं क्योंकि वे दूसरों पर निर्भर होते हैं. हेल्पलाइन के जरिए ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें बच्चे अभिभावकों को खो चुके हैं और उन्हें तत्काल देखभाल की आवश्यकता है. आयोग ऐसे सभी मामलों को 24 घंटे से कम समय में हल करने के लिए प्रतिबद्ध है."
हेल्पलाइन के जरिए आने वाले सभी तात्कालिक फोन पर डीसीपीसीआर 24 घंटे के अंदर मदद करता है. बच्चों के लिए दवाइयां, भोजन, आश्रय, कपड़े आदि आवश्यक जरूरतों की आपूर्ति की जाती है. हेल्पलाइन के जरिए डीसीपीसीआर के संज्ञान में कई मामले आए हैं जिनमें कोविड-19 के कारण बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है. दूसरे अन्य मामलों में बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है, जबकि दूसरा अस्पताल में भर्ती है. ऐसे हालात बच्चों को कमजोर कर देते हैं और डरावनी स्थिति पैदा हो जाती है.
आयोग को एक मामला मिला जिसमें दोनों बच्चों ने एक ही दिन में अपने माता-पिता को खो दिया था. इसके बाद आयोग ने गैर सरकारी संगठन की मदद से बच्चों के साथ बातचीत कर काउंसलिंग की. रिश्तेदार और पड़ोसी अब बच्चों की देखभाल कर रहे हैं. वहीं आयोग रोज उनकी जानकारी ले रहा है.
जबकि एक अन्य मामले में कोविड 19 की वजह से दो बच्चों ने अपने पिता को खो दिया और बच्चों के पास आश्रय का कोई स्थान नहीं था. बच्चों को नहीं पता था कि अब आगे क्या करना है. आयोग ने उनके पिता का दाह संस्कार करवाया. इसके अलावा रिश्तेदारों के पहुंचने से पहले उन्हें चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई. इसके अलावा आयोग ने दोनों बच्चों की कोविड जांच भी सुनिश्चित की.
ऐसी स्थितियों का बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसलिए ऐसी स्थितियों में बच्चों की चिंता, अकेलेपन को दूर करने के लिए एक पैनल गठित किया जा रहा है.
आईएएनएस/एए
संकट के समय में भारत के साथ खड़ा हुआ विश्व
भारत इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी बड़ी लहर से जूझ रहा है. क्या मरीज और क्या अस्पताल, सभी ऑक्सीजन की किल्लत से कराह रहे हैं. मुश्किल घड़ी में भारत के साथ कई देश खड़े हो गए हैं. वे ऑक्सीजन, दवा और वैक्सीन भेज रहे हैं.
तस्वीर: High Commission of India for Singapore/REUTERS
अमेरिका
भारत की कोविड से जंग जारी है और इस दौरान भारत की मदद के लिए अमेरिका ने हाथ बढ़ाया है. 30 अप्रैल को अमेरिका से पहली आपात मेडिकल सप्लाई पहुंची. अमेरिका ने भारत को 400 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर, रैपिड कोरोना टेस्ट किट और अन्य चिकित्सा उपकरण भेजे. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोविड-19 से लड़ाई में भारत का साथ देने की प्रतिबद्धता जताई थी.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने कोरोना से लड़ाई में भारत की मदद तो की है लेकिन उसने कहा है कि उसके पास कोरोना वैक्सीन के अतिरिक्त टीके देने के लिए मौजूद नहीं है. ब्रिटेन फिलहाल कोरोना संकट में अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है. भारत को 495 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 120 नॉन-इनवेजिव वेंटिलेटर्स और 20 मैनुअल वेंटिलेटर्स की सप्लाई की जा चुकी है.
तस्वीर: ANI/REUTERS TV
जर्मनी
जर्मनी ने अपने पुराने दोस्त भारत की मदद करने के लिए कई फैसले लिए हैं. जर्मनी ने भारत की मानवीय सहायता के लिए दवाएं और वेंटिलेटर भेजे हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की पहली खेप भी भारत पहुंच चुकी है. भारत में जर्मन राजदूत वाल्टर लिंडनर ने कहा है कि महामारी में भारत ने टीकों और दवाओं का उत्पादन करके दुनिया और हमारी मदद की. अब हमें मुश्किल में फंसे दोस्तों की मदद करने की जरूरत है.
तस्वीर: Christoph Soeder/dpa/picture alliance
चीन
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वादा किया कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में उनका देश भारत की हरसंभव मदद करेगा और कहा कि चीन में बनी महामारी रोधी सामग्री ज्यादा तेज गति से भारत पहुंचाई जा रही है.
तस्वीर: Wang Yuguo/XinHua/picture alliance
सऊदी अरब
मुसीबत के इस समय में भारत की मदद के लिए सऊदी अरब ने भी हाथ बढ़ाया है. सऊदी अरब ने मुश्किल घड़ी में भारत को 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भेजी है. भारत ने ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए कई देशों से मदद मांगी है.
तस्वीर: Foreign, Commonwealth & Development Office/AFP
सिंगापुर
सिंगापुर सरकार महामारी से जूझ रहे भारत की मदद के लिए आगे आई है. सिंगापुर ने भारत की मदद के लिए ऑक्सीजन और सिलेंडरों की खेप भेजी है.
तस्वीर: High Commission of India for Singapore/REUTERS
फ्रांस
फ्रांस ने भी भारत के लिए 'एकजुटता अभियान' की घोषणा है. जिसके तहत वह कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ने में भारत की मदद के लिए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, वेंटीलेटर्स और अन्य चिकित्सा सामान भेजने जा रहा है.