भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच ना सिर्फ संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, बल्कि मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. इसके अलावा संक्रमण के तेज प्रसार की चपेट में आने वाले जिलों की संख्या भी बढ़ रही है.
तस्वीर: Satyajit Shaw/DW
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भारत में पिछले 24 घंटों में लगभग 2.50 लाख नए मामले सामने आए और 380 लोगों की मौत हो गई. इनमें से 176 मौतों के आंकड़े अकेले केरल से आए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि केरल में पिछले कई दिनों से पुराने आंकड़ों की जांच करके कुल आंकड़ों को ठीक किया जा रहा है.
यानी यह केरल में ताजा मौतों की संख्या नहीं है बल्कि पुराने आंकड़ों का सामने आना है. लेकिन केरल को देश के आंकड़ों से हटा भी दें तो भी ताजा मौतों का आंकड़ा चिंताजनक है. कई राज्यों में मरने वालों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है.
कई राज्यों में बढ़ोतरी
दिल्ली में ताजा आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों में 40 लोगों की मौत हो गई. उसके एक दिन पहले 23 लोगों की मौत हुई थी और उसके एक दिन पहले 17. एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे दिल्ली में जनवरी में अभी तक मरने वाले कोविड संक्रमित लोगों की संख्या 133 हो गई है.
दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिल नाडु, और पंजाब में मरने वालों की संख्या बढ़ रही हैतस्वीर: Satyajit Shaw/DW
यानी पिछले छह महीनों में राजधानी में जितने लोगों की मृत्यु हुई थी, उससे ज्यादा लोगों की मृत्यु सिर्फ पिछले 12 दिनों में हो गई.
यह आश्चर्यजनक है क्योंकि अभी तक भारत समेत दुनिया भर में संक्रमण की नई लहर लाने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में माना यही जा रहा है कि यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार नहीं करता है. ऐसे में भारत में मरने वालों की संख्या में होने वाली बढ़ोतरी का कोई सीधा स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है.
दिल्ली के अलावा पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 32, पश्चिम बंगाल में 23, तमिल नाडु में 19 और पंजाब में 10 लोगों की मौत हो गई. दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक करीब 20 राज्यों में एक भी मृत्यु का मामला सामने नहीं आ रहा था. अब ऐसे सिर्फ 10 राज्य बचे रह गए हैं.
हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी इन मौतों में कोई पैटर्न नहीं देख रहे हैं. उनका कहना है कि मरने वालों में अधिकांश लोगों को कोई न कोई गंभीर बीमारी थी.
कोविड टीका न लगवाने वालों पर कैसी-कैसी सख्तियां
कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच विश्व के कई देशों में टीकाकरण को बढ़ावा देने के अलावा टीका ना लगवाने वालों पर कई तरह से कार्रवाई हो रही है.
कनाडा के क्यूबेक प्रांत में कोविड का टीका नहीं लगवाने वालों पर नया स्वास्थ्य कर लगेगा. क्यूबेक के प्रीमियर फ्रांस्वा लगू ने 11 जनवरी को यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि टीका न लगवाने वालों के चलते प्रांतीय अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है जिससे सभी नागरिकों आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. जुर्माने की रकम 100 डॉलर से तो ऊपर ही होगी. वहीं किसी मेडिकल कारण से टीका न लगवाने वालों को इससे छूट मिलेगी.
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इंडोनेशिया
फरवरी 2021 में इंडोनेशिया ने कोविड वैक्सीन न लगवाने वालों पर कार्रवाई का एलान किया. राष्ट्रपति द्वारा जारी इस आदेश में दंड तय करने का अधिकार स्थानीय प्रशासन को दिया गया था. इसके बाद राजधानी जर्काता में प्रशासन ने बताया कि टीका न लगवाने वालों को स्थानीय मुद्रा में 50 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा, या वे सरकार से मिलने वाली वेलफेयर राशि नहीं पा सकेंगे.
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ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में जनवरी 2016 से 'नो जैब, नो पे' पॉलिसी लागू है. इसके मुताबिक, 19 साल तक के बच्चों को अनिवार्य टीके न लगने पर उनके परिवारों को दी जाने वाली सरकारी सहायता राशि रोक दी जाएगी. साथ ही, उन बच्चों के माता-पिता को टैक्स छूट भी नहीं मिलेगी. वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया स्टेट ने सर्विस सेक्टर में काम करने वालों के लिए टीका अनिवार्य बना दिया. नॉदर्न टैरेटरी में भी यह नियम लागू है.
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ऑस्ट्रिया
15 नवंबर, 2021 से यहां बिना टीका लगवाए गए लोगों पर सार्वजनिक जगहों के इस्तेमाल की पाबंदी लगा दी गई. रेस्तरां, बार, होटल समेत ज्यादातर सार्वजनिक जगहों के लिए यह नियम लागू किया गया, जिसका काफी विरोध भी हुआ. दिसंबर में लॉकडाउन खत्म होने के बाद वहां टीका न लगवाने वालों पर प्रतिबंध जारी रहे. फरवरी 2022 से यहां कोविड वैक्सीन अनिवार्य है.
नवंबर 2021 में ग्रीस ने एलान किया कि अब वहां भी कोविड वैक्सीन न लगाने वालों पर कार्रवाई होगी. इसके मुताबिक, 60 साल से अधिक उम्र के वे लोग, जो कोविड टीका नहीं लगवा रहे हैं, उन पर करीब 100 यूरो का जुर्माना लगाया जाएगा. यह नियम जनवरी 2022 के दूसरे पखवाड़े से लागू होना है.