दुनियाभर से लड़कियां पुरूष बनने सर्बिया जा रही हैं
८ दिसम्बर २०१६
सर्बिया में हाल के दिनों में सेक्स चेंज के लिए दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं. इसकी वजह है यूरोप और अमेरिका के मुकाबले बेहद कम खर्च में ऑपरेशन.
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जिस देश में गे प्राइड परेड आयोजित कराने के लिए भारी-भरकम सुरक्षा उपलब्ध करानी पड़ती है, जहां आधे से ज्यादा लोग मानते हों कि समलैंगिकता एक बीमारी है, उस देश में दुनियाभर के समलैंगिक सेक्स चेंज कराने पहुंच रहे हैं.
इटली की एक महिला सेक्स चेंज करवाकर पुरुष बनना चाहती थी. 14 साल पहले उसने प्रक्रिया शुरू की थी. उसने बेल्जियम, ब्रिटेन और जर्मनी में भी डॉक्टर खोजे. आखिरकार 38 साल साल की इस महिला की तलाश सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में खत्म हुई जहां उन्हें यूरोलोजिस्ट सर्जन मीरोस्लाव जोर्जेविच मिले. जोर्जेविच ने उनकी जेनिटल रीकन्सट्रक्टिव सर्जरी की. सर्जरी के बाद दाढ़ी उगाए कोमल आवाज वाले इस पुरूष ने बताया, "मैंने बहुत रिसर्च की थी. बहुत सारे अस्पतालों से बात की. और मैंने पाया कि जिससे भी बात की है, लगभग सारे ही डॉ. जोर्जेविच के स्टूडेंट थे. तो मैं इस ज्ञान के मूल केंद्र पर जाना चाहता था."
तस्वीरों से जानिए, LGBT की एबीसीडी
LGBTQ की ABCD
भारत समेत कई देशों में समलैंगिक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे हैं. लेकिन जिन्हें हम एक शब्द "समलैंगिक" में समेट देते हैं, वे खुद को एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी कहते हैं. आखिर क्या है LGBTQ?
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एल से लेस्बियन
लेस्बियन यानी वे महिलाएं जो महिलाओं की ओर आकर्षित होती हैं. 1996 में आई फिल्म फायर ने जब इस मुद्दे को उठाया तब काफी बवाल हुआ. आज 20 साल बाद भी यह मुद्दा उतना ही संवेदनशील है.
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जी से गे
गे यानी वे पुरुष जो पुरुषों की ओर आकर्षित होते हैं. दोस्ताना और कल हो ना हो जैसी फिल्मों में हंसी मजाक में समलैंगिक पुरुषों के मुद्दे को उठाया गया, तो हाल ही में आई अलीगढ़ में इसकी संजीदगी देखने को मिली.
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बी से बायसेक्शुअल
बायसेक्शुअल एक ऐसा व्यक्ति है जो महिला और पुरुष दोनों की ओर आकर्षित महसूस करे. ऐंजेलिना जोली और लेडी गागा खुल कर अपने बायसेक्शुअल होने की बात कह चुकी हैं.
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टी से ट्रांसजेंडर
एल, जी और बी से अलग ट्रांसजेंडर को उनके लैंगिक रुझान के अनुसार नहीं देखा जाता. भारत में जिन्हें हिजड़े या किन्नर कहा जाता है, वे भी ट्रांसजेंडर हैं और बॉलीवुड में जानेमाने बॉबी डार्लिंग जैसे वे लोग भी जो खुद अपना सेक्स बदलवाते हैं.
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क्यू से क्वीयर
इस शब्द का मतलब होता है अजीब. इसके जरिये हर उस व्यक्ति की बात की जा सकती है जो "सामान्य" नहीं है. चाहे जन्म से उस व्यक्ति में महिला और पुरुष दोनों के गुण हों और चाहे वह किसी की भी ओर आकर्षित हो.
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और भी हैं
यह सूची यहां खत्म नहीं होती. कई बार एलजीबीटीक्यू के आगे ए भी लगा दिखता है. इसका मतलब है एसेक्शुअल यानी ऐसा व्यक्ति जिसकी सेक्स में कोई रुचि ना हो. इनके अलावा क्रॉसड्रेसर भी होते हैं यानी वे लोग जो विपरीत लिंग की तरह कपड़े पहनना पसंद करते हैं.
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डॉ. जोर्जेविच हर साल लगभग 100 अंतरराष्ट्रीय मरीजों का सेक्स चेंज ऑपरेशन कर रहे हैं. इनमें जापान, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के भी मरीज हैं. लगभग 20 मरीज यूगोस्लावियाई इलाके के हैं. उनके मरीजों में 85 फीसदी ऐसे हैं जो महिलाओं से पुरूष बनना चाहते हैं. मेडिकल साइंस के मुताबिक यह बेहद जटिल प्रक्रिया है. पुरुष से महिला बनना इसके मुकाबले आसान है.
ऐसा नहीं है कि सर्बिया में मेडिकल सेवाएं बहुत अच्छी हैं. और ऐसा भी नहीं है कि विदेशी यहां हर चीज का इलाज कराने आते हैं. हालांकि दांतों की सर्जरी के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय मरीज यहां आते हैं क्योंकि खर्च कम होता है. इटली के जिस मरीज ने यहां सर्जरी कराई, उसका पूरा खर्च 15 हजार यूरो का था. अगर यही सर्जरी उसने ब्रिटेन में कराई होती तो उसे 60 हजार यूरो खर्च करने होते. लंदन के यूरोलॉजिस्ट, जो पुरुष जननांग बनाने के विशेषज्ञ हैं, मानते हैं कि लोग पैसे बचाने के लिए ही सर्बिया जा रहे हैं.
देखिए, समलैंगिकता की आजादी वाले इस्लामिक देश
समलैंगिकता की आजादी वाले इस्लामी देश
कई इस्लामी देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता अपराध नहीं है. हालांकि कानूनी दर्जा मिलने के बावजूद भेदभाव इनके हिस्से में आ ही जाता है...
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तुर्की
1858 में ओटोमन खिलाफत ने समान सेक्स संबंधों को मान्यता दी थी. तुर्की आज भी उसपर कायम है. यहां समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को मान्यता दी जाती है. हालांकि संविधान से रक्षा ना मिलने के कारण इनके साथ भेदभाव आम है.
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माली
माली उन चुनिंदा अफ्रीकी देशों में से है जहां एलजीबीटी संबंधों को कानूनी दर्जा प्राप्त है. हालांकि यहां के संविधान में सामाजिक स्थलों पर यौन संबंध पर मनाही है. लेकिन माली में भी एलजीबीटी समुदाय के साथ बड़े स्तर पर असामनता का व्यवहार किया जाता है.
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जॉर्डन
एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में जॉर्डन का संविधान सबसे प्रगतिशील माना जाता है. 1951 में समान सेक्स संबंधों के कानूनी होने के बाद सरकार ने समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के सम्मान के लिए होने वाली हत्याओं के खिलाफ भी सख्त कानून बनाए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
इंडोनेशिया
1945 का कानून साफ तौर पर यौन संबंध पर पाबंदी नहीं लगाता. इंडोनेशिया में एशिया की सबसे पुरानी एलजीबीटी संस्था है जो कि 1980 से सक्रिय है. भेदभाव के बावजूद यहां का समलैंगिक समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़नें में पीछे नहीं रहता.
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अलबेनिया
हालांकि अलबेनिया मुस्लिम देश है, इसे दक्षिणपूर्वी यूरोप में एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए अहम माना जाता है. इस गरीब बालकान देश में समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को असमानता से बचाने के लिए भी कई अहम कानून हैं.
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बहरैन
इस खाड़ी देश में समान सेक्स के बीच संबंध को 1976 में मान्यता मिली. हालांकि अभी भी बहरैन में क्रॉस ड्रेसिंग यानि लड़कों का लड़कियों की तरह कपड़े पहनना मना है.
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फलीस्तीन
गाजा पट्टी में समान सेक्स के बीच संबंध आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित हैं. लेकिन ऐसा पश्चिमी छोर पर नहीं है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि यहां समलैंगिकों के अधिकारों की रक्षा की जाती है. फलीस्तीन में एलजीबीटी पर पाबंदी हमास से नहीं इंगलैंड से आई थी जब यह इलाका ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था.
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वह कहते हैं, "आखिर में तो सबको वही चीज मिलनी है." लेकिन जोर्जेविच ऐसा नहीं मानते. 51 साल के जोर्जेविच कहते हैं, "गालस्टोन का इलाज हमारे यहां जर्मनी से 5 गुना ज्यादा सस्ता है लेकिन यह इलाज कराने हमारे यहां कोई नहीं आता." जोर्जेविच ने अपना अस्पताल 2006 में शुरू किया था. दुनिया में ऐसे 20 से कम अस्पताल हैं जहां महिला से पुरूष बनने का ऑपरेशन होता है. और जोर्जेविच का अस्पताल इस मायने में भी अलग है कि यहां "पूरी प्रक्रिया एक ही बार में पूरी हो जाती है." वह बताते हैं, "ब्रेस्ट हटाने, अंदरूनी जननांग हटाने और पुरुष जननांग पैदा करने का काम एक ही बार में कर देते हैं."