भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से अंग्रेजी में भी देश का नाम 'इंडिया' की जगह भारत लिखना शुरू कर दिया है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या संविधान में बदलाव किये बिना देश का नाम बदला जा सकता है.
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इस विषय पर चर्चा की शुरुआत जी20 सदस्य देशों के नेताओं के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए निमंत्रण को लेकर हुई. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस निमंत्रण की तस्वीर एक्स (ट्विटर) पर साझा की.
निमंत्रण के अंग्रेजी हिस्से में मुर्मू को 'प्रेजिडेंट ऑफ भारत' लिखा हुआ है. साथ ही बीजेपी नेता संबित पात्रा ने एक्स पर आसियान-भारत बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे से संबंधित एक सूचना की तस्वीर साझा की जिस पर अंग्रेजी में 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत' लिखा हुआ है.
इसके बाद कुछ पत्रकारों ने दावा किया कि कुछ ही दिनों पहले मोदी की दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्राओं के दौरान भी उनके नाम के आगे इसी तरह 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत' लिखा गया था.
आरएसएस का आह्वान
'इंडिया' और भारत दोनों ही भारत के आधिकारिक नाम हैं, लेकिन सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों में अंग्रेजी में भी भारत लिखना नई बात है. भारतीय नागरिकों के पासपोर्ट पर 'रिपब्लिक ऑफ इंडिया' और 'भारत गणराज्य' दोनों लिखा होता है.
हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से अपनी शब्दावली में 'भारत' और 'हिंदुस्तान' नामों का प्रयोग करता रहा है. संघ के मुखिया मोहन भागवत ने कुछ ही दिनों पहले कहा था देश के लोगों को अब 'इंडिया' नाम का इस्तेमाल करना बंदकर देना चाहिए.
भागवत ने कहा था, "हमारा देश भारत है और हमें इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करना पड़ेगा. हमें हर क्षेत्र में भारत नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए, तभी बदलाव आएगा. हमें अपने देश को भारत बुलाना पड़ेगा और दूसरों को भी समझाना पड़ेगा."
हालांकि इस पहल को विपक्षी पार्टियों द्वारा अपने गठबंधन को 'इंडिया' नाम देने से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. विपक्ष ने जब से अपने गठबंधन के नाम की घोषणा की है, तब से खुद मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं ने इस नाम पर कई टिप्पणियां की हैं.
मोदी ने इसे "घमंडिया" गठबंधन भी बताया है और अन्य बीजेपी नेताओं ने 'इंडिया' छोड़ कर 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करने की अपील भी की है. लेकिन राजनीतिक शब्दावली में बदलाव और संवैधानिक बदलाव दो अलग अलग चीजेंहैं.
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विपक्ष की भूमिका
अगर सरकार आधिकारिक रूप से देश का नाम बदल कर सिर्फ 'भारत' करना चाहती है तो उसके लिए संविधान में बदलाव करना होगा. इसके लिए सरकार को एक अधिनियम लाना होगा, उसे संसद में दो-तिहाई बहुमत से पारित करवाना होगा और फिर देश की कम से कम आधी विधान सभाओं से भी पारित करवाना होगा.
इन्हें नहीं रहना भारत के भरोसे
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देश में इस समय 31 विधान सभाएं हैं, जिनमें से एक (जम्मू और कश्मीर) निलंबित है. एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए इस समय 15 राज्यों में सत्ता में है, लेकिन सभी राज्यों में उसके पास इस तरह का बहुमत नहीं है कि इस तरह के विधेयक को निर्विरोध पारित करवा सके.
विपक्षी पार्टियों ने इस कदम का समर्थन भी नहीं किया है. कांग्रेस ने संविधान की प्रस्तावना की एक तस्वीर साझा करते हुए एक्स पर कहा है कि 'इंडिया' को मिटाना नामुमकिन है.
ऐसे में अभी यह स्पष्ट रूप से कहा नहीं जा सकता है कि केंद्र सरकार इस कदम की तरफ आगे बढ़ रही है. लेकिन संसद का जो विशेष सत्र बुलाया गया है, उसका एजेंडा अभी तक सामने नहीं लाया गया है. ऐसे में एजेंडा को लेकर जो कई अटकलें चल रही हैं उनमें यह कवायद भी शामिल हो गई है.
नाम में क्या रखा है: मोदी सरकार में किस किस को मिला नया नाम
2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने दिल्ली और देश के कई इलाकों में सड़कों, शहरों और कई स्थानों के नाम बदल दिए हैं. इस पूरी कवायद में मुगलों की विरासत विशेष रूप से शिकार हुई है.
जनवरी 2023 को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन परिसर के बगीचे का नाम मुगल गार्डन से बदल कर अमृत उद्यान कर दिया गया. मुगल गार्डन को मुगलों ने नहीं बनाया था. 1911 में जब अंग्रेजों ने दिल्ली को अपनी नई राजधानी बनाने का फैसला किया तब सर एडविन लुट्येन्स ने नई राजधानी, राष्ट्रपति भवन और उसके अंदर मुगल गार्डन का डिजाइन बनाया. बागीचे का नाम मुगलों के नाम पर रखा क्योंकि उसका डिजाइन मुगलों की शैली से प्रेरित था.
उत्तर प्रदेश की न्यायिक राजधानी के रूप में जाने जाने वाले इलाहाबाद का नाम मुगलों की देन था. कहा जाता है कि मुगल सम्राट अकबर ने इसे इलाहाबास यानी 'अल्लाह का घर' नाम दिया था, जिसे बाद में उनके बेटे शाह जहां ने बदल कर इलाहाबाद कर दिया. 2018 में इसका नाम बदल कर प्रयागराज कर दिया. माना जाता है कि प्राचीन भारत में इसका यही नाम था.
तस्वीर: Sanjay Kanojia/Getty Images/AFP
मुगलसराय
मुगलसराय उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा के करीब एक छोटा सा शहर है. यहां का रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शनों में से एक है. फरवरी, 1968 में इसी स्टेशन के बाहर आरएसएस नेता दीनदयाल उपाध्याय की लाश मिली थी. सितंबर 2017 में शहर का नाम बदल कर 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर' कर दिया गया. 2018 में रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन' कर दिया गया.
तस्वीर: Hindustan Times/imago images
औरंगजेब रोड
नई दिल्ली में कई आलीशान कोठियों और दफ्तरों वाली औरंगजेब रोड का नाम मुगल साम्राज्य के छठे सम्राट औरंगजेब के नाम पर रखा गया था. 2015 में इसका नाम बदल कर 'डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड' कर दिया गया. नामकरण के प्रस्ताव को लाने वाले बीजेपी सांसद महेश गिरी ने तब कहा था कि औरंगजेब के नाम से क्रूरता और यातनाएं याद आती हैं जब कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम के नाम से देश के प्रति उनके प्रेम की याद आती है.
तस्वीर: picture alliance/CPA Media Co. Ltd
फैजाबाद
फैजाबाद उत्तर प्रदेश का वो जिला है जिसकी राजधानी है अयोध्या शहर. इसके इस नाम का मुगलों से कोई संबंध नहीं है. फैजाबाद शहर को अवध के नवाबों ने बसाया था. माना जाता है कि नवाब सफ्दर जंग के समय इसका नाम फैजाबाद पड़ा. 2018 में पूरे जिले का ही नाम बदल कर अयोध्या कर दिया गया.
तस्वीर: Rajesh Kumar Singh/AP/picture alliance
डलहौजी रोड
मुगलों की विरासत से मुंह मोड़ने की कवायद के बीच एक मुगलई नाम अपना लेने की शायद यह एकलौती मिसाल है. अंग्रेजों के गवर्नर-जनरल लार्ड डलहौजी के नाम से जानी जाने वाली दिल्ली की डलहौजी रोड का नाम 2017 में दारा शिकोह रोड कर दिया गया था. दारा शिकोह शाहजहां के बड़े बेटे थे जिनका औरंगजेब ने कत्ल करवा दिया था. कहा जाता है कि वो सूफी इस्लाम और वेदांत के बीच समन्वय के हिमायती थे.
तस्वीर: picture alliance / CPA Media Co. Ltd
राजपथ
गणतंत्र दिवस की परेड के लिए मशहूर राजपथ दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक जाने वाली सड़क का नाम हुआ करता था. भारत की आजादी से पहले अंग्रेजों ने इसका नाम 'किंग्सवे' रखा था. आजादी के बाद इसका नाम 'राजपथ' रख दिया गया. 2022 में इसे बदल कर 'कर्त्तव्य पथ' नाम दे दिया गया.
तस्वीर: Mayank Makhija/NurPhoto/picture alliance
रेस कोर्स रोड
प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के करीब से गुजरने वाली सड़क को रेस कोर्स रोड के नाम से जाना जाता था. 2016 में इसे 'लोक कल्याण मार्ग' का नया नाम दे दिया गया.
तस्वीर: Sergei Bobylev/Sputnik/Kremlin Pool Photo/AP/picture alliance