पटना के महावीर मंदिर पर स्वामित्व का दावा पेश कर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के साधुओं ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. यह मंदिर उत्तर भारत के जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर के बाद सबसे अधिक आय वाला मंदिर बताया जाता है.
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इस मंदिर की आमदनी से महावीर कैंसर अस्पताल, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर नेत्रालय जैसे सात बड़े अस्पताल चलाए जा रहे हैं. साथ ही पश्चिम चंपारण जिले के केसरिया में दुनिया के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. महावीर मंदिर ट्रस्ट के द्वारा ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में जुटे कारसेवकों के लिए राम रसोई तथा सीतामढ़ी में सीता रसोई चलाई जाती है.
इसके अलावा अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए महावीर मंदिर की ओर से दो करोड़ की सहयोग राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है. देश के किसी मंदिर में दलित को पुजारी बनाने वाला यह अकेला मंदिर है. मनोकामना मंदिर के रूप में प्रख्यात इस मंदिर के संबंध में कहा जाता है कि यहां आने वाले हरेक व्यक्ति की मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है.
यही वजह है कि कोरोना महामारी के पहले यहां सप्ताह के अन्य दिनों में दस हजार, शनिवार को तीस हजार, मंगलवार को पचास हजार तथा रामनवमी जैसे विशेष अवसर पर दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए आते रहे हैं.
प्रतिदिन पांच लाख की आमदनी
राजधानी पटना के महावीर मंदिर की प्रतिदिन की आमदनी पांच लाख रुपये है. हालांकि कोरोना काल में इसमें काफी कमी आई है. कोविड महामारी के पहले दान-पुण्य, पूजन-अर्चन व प्रसाद के रूप में नैवेद्यम लड्डू की बिक्री से मंदिर की प्रतिवर्ष औसतन 35 करोड़ रुपये की आय थी.
एक रिपोर्ट के अनुसार महावीर मंदिर ट्रस्ट का वार्षिक बजट 150 करोड़ रुपये का है. अकेले नैवेद्यम की बिक्री बंद होने से दो करोड़ से ज्यादा की राशि का प्रतिमाह नुकसान हुआ है. इस लड्डू को तिरुपति के 55 कारीगरों की टीम बनाती है. कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन के पहले यहां प्रसाद के रूप में 80,000 किलो नैवेद्यम प्रतिमाह बनाए जाते थे.
आज हालत यह है कि महावीर मंदिर ट्रस्ट को सभी संस्थानों व मंदिरों में काम करने वाले 800 लोगों को वेतन देने के लिए अपनी फिक्सड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की राशि से एक प्रतिशत अधिक देकर पांच करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ा है. जानकार बताते हैं कि स्वामित्व के इस विवाद की जड़ में कहीं न कहीं इस मंदिर का वैभव ही है.
हनुमानगढ़ी के साधुओं ने लिखा पत्र
अयोध्या के हनुमानगढ़ी के साधुओं ने पटना के महावीर मंदिर पर अपना दावा ठोका है. इस संबंध में इन साधुओं ने वहां एक माह तक हस्ताक्षर अभियान चलाया था. इसी को आधार बनाते हुए हनुमानगढ़ी अयोध्या के गद्दीनशीं महंत प्रेमदास ने कहा है कि हनुमानगढ़ी के रामानंद संप्रदाय के वैरागी बालानंद जी ने ही 300 साल पहले पटना के महावीर मंदिर की स्थापना की थी.
महावीर मंदिर में प्रारंभ से ही महंत की परंपरा रही. यहां शुरू से ही हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत भगवान दास जी बतौर महंत नियुक्त किए गए थे. इसलिए रामानंदी अखाड़ा हनुमानगढ़ी अयोध्या से ही महावीर मंदिर का संचालन होता था. महंत की परंपरा खत्म किए जाने के बाद भी वहां हनुमानगढ़ी अयोध्या के पुजारी सेवा में रहते आ रहे हैं.
इन मंदिरों पर चले अदालती आदेश
भारत में धार्मिक स्थल और इससे जुड़ी मान्यताओं को लोगों की आस्था के साथ जो़ड़ कर देखा जाता है. लेकिन देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं, जो किसी न किसी कारण अदालती मामलों में उलझे तो किसी पर अदालत ने कोई आदेश दिया.
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राम जन्मभूमि
एक लंबे अरसे से चले आ रहे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2019 को आदेश दिया था कि विवादित स्थल पर राम मंदिर ही बनेगा और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए कहीं ओर पांच एकड़ भूमि दी जाएगी. अदालत ने यह भी कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद का गिराया जाना गैर कानूनी था.
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केरल का सबरीमाला मंदिर
केरल के सबरीमाला मंदिर का मामला प्रवेश मान्यताओं से जुड़ा था. यहां 10-50 साल की उम्र वाली महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. मामला लंबे समय से उच्चतम न्यायालय में है, जिसे हाल में उच्चतम न्यायलय ने संवैधानिक बेंच को भेजा है.
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हाजी अली दरगाह, मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित हाजी अली दरगाह का मसला भी बंबई उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है. दरगाह में पहले महिलाओं का प्रवेश वर्जित था लेकिन न्यायालय ने अगस्त 2016 में इस प्रतिबंध को महिलाओं के मौलिक अधिकारों के खिलाफ मानते हुए राज्य को महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया. साथ ही हाजी अली ट्रस्ट को भी महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के आदेश दिये.
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शनि सिंगनापुर मंदिर
महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित इस शनि मंदिर में पिछले साल तक महिलाओं का प्रवेश वर्जित था, जिसके चलते मामला बंबई उच्च न्यायालय पहुंचा. न्यायालय ने आदेश दिया कि पूजा स्थलों में जाना महिलाओं का मौलिक अधिकार है. अदालत के इस फैसले के बाद मंदिर ट्रस्ट ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी.
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त्रयंबकेश्वर मंदिर, नासिक
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल त्रयंबकेश्वर मंदिर के अंदर महिलाओं का प्रवेश वर्जित था. लेकिन बंबई उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा कि अगर महिलाओं को मंदिर के भीतरी भाग में प्रवेश की अनुमति नहीं है तो वहां पुरूषों का प्रवेश भी वर्जित होना चाहिए. जिसके बाद से अब महिलाएं और पुरुष दोनों ही मंदिर के भीतरी भाग में नहीं जाते.
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर देश का सबसे अमीर मंदिर है. इस मंदिर का रखरखाव त्रावणकोर का पूर्व शाही परिवार करता है. पूरा मसला इसकी दौलत से जुड़ा है. मंदिर ट्रस्ट धार्मिक मान्यताओं का हवाला देते हुए इसकी तिजौरी खोलने के पक्ष में नहीं है, लेकिन सरकार इसकी दौलत का ब्यौरा चाहती है.
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ज्ञानवापी मस्जिद
अप्रैल 2021 में बनारस के जिला सिविल कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को मस्जिद का विस्तार से सर्वेक्षण करने के लिए कहा और एक पांच सदस्यीय समिति के गठन का भी आदेश दिया जिसका काम यह पता लगाना होगा कि मस्जिद जहां है वहां उसके पहले कोई हिन्दू मंदिर था या नहीं. मस्जिद को लेकर एक याचिका दायर कर दी गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि वो जिस भूमि पर स्थित है वो मूल रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा थी.
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बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को पत्र लिखकर महावीर मंदिर के स्वामित्व का अधिकार मांगा गया है. कुछ साधुओं ने परिषद के कार्यालय में पहुंचकर भी अपनी मांग रखते हुए मामले की सुनवाई का अनुरोध किया है. वहीं इस संबंध में बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष एके जैन ने कहा है कि जल्द ही महावीर मंदिर न्यास समिति तथा हनुमानगढ़ी के साधुओं को नोटिस जारी किया जाएगा. दोनों को अपना-अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा.
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किशोर कुणाल ने दावे को बेबुनियाद बताया
महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने हनुमानगढ़ी के साधुओं के दावे को बेबुनियाद बताया है. उनकी मांग को खारिज करते हुए वे कहते हैं, "महावीर मंदिर द्वारा किए जा रहे जनकल्याणकारी कार्य तथा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में किया जा रहा सहयोग कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है. ऐसे तत्व हनुमानगढ़ी के साधुओं को आगे कर महावीर मंदिर पर फर्जी दावा पेश करने के लिए अभियान चला रहे हैं."
इस मंदिर में दलित पुजारी के रूप में सूर्यवंशी दास फलाहारी को अयोध्या स्थित संत रविदास मंदिर के गद्दीनशीं महंत घनश्यामपत दिवाकर महाराज ने वर्ष 1993 में नियुक्त कर भेजा था. आचार्य कुणाल द्वारा उन्हें राम मंदिर न्यास में ट्रस्टी बनाने का तथा हरिद्वार कुंभ में उन्हें महामंडलेश्वर बनाने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत हरि गिरि जी से भी अनुरोध किया गया.
हनुमानगढ़ी की चर्चा कहीं भी नहीं
महावीर मंदिर न्यास समिति का कहना है कि किसी भी अदालती आदेश या दस्तावेज में हनुमानगढ़ी का जिक्र नहीं है. आचार्य किशोर कुणाल ने महंत प्रेमदास के दावे को भी निराधार बताते हुए कहा है, "हनुमानगढ़ी की नियमावली में सात-आठ स्थानों पर उसके मंदिरों का जिक्र है, किंतु उसमें महावीर मंदिर का जिक्र कहीं भी नहीं है."
1985 में मंदिर को भगवान दास और उनके शिष्य रामगोपाल दास के हवाले किया गया. भगवान दास भी नेपाल से आए साधु थे जो बहुत ही कम समय तक अयोध्या में रहकर यहां आए थे. 1987 में महावीर मंदिर न्यास समिति गठन किया गया, जिसके खिलाफ रामगोपाल दास हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गए. लेकिन दोनों ही जगह मुकदमा हार गए.
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कुछ हिंदू नेताओं का दावा है कि इसी साल मुगल शासक बाबर ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी.
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1853
इस जगह पर पहली बार सांप्रदायिक हिंसा हुई.
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1859
ब्रिटिश सरकार ने एक दीवार बनाकर हिंदू और मुसलमानों के पूजा स्थलों को अलग कर दिया.
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1949
मस्जिद में राम की मूर्ति रख दी गई. आरोप है कि ऐसा हिंदुओं ने किया. मुसलमानों ने विरोध किया और मुकदमे दाखिल हो गए. सरकार ने ताले लगा दिए.
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1984
विश्व हिंदू परिषद ने एक कमेटी का गठन किया जिसे रामलला का मंदिर बनाने का जिम्मा सौंपा गया.
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1986
जिला उपायुक्त ने ताला खोलकर वहां हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत दे दी. विरोध में मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया.
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1989
विश्व हिंदू परिषद ने मस्जिद से साथ लगती जमीन पर मंदिर की नींव रख दी.
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1992
वीएचपी, शिव सेना और बीजेपी नेताओं की अगुआई में सैकड़ों लोगों ने बाबरी मस्जिद पर चढ़ाई की और उसे गिरा दिया.
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जनवरी 2002
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने दफ्तर में एक विशेष सेल बनाया. शत्रुघ्न सिंह को हिंदू और मुस्लिम नेताओं से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई.
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मार्च 2002
गोधरा में अयोध्या से लौट रहे कार सेवकों को जलाकर मारे जाने के बाद भड़के दंगों में हजारों लोग मारे गए.
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अगस्त 2003
पुरातात्विक विभाग के सर्वे में कहा गया कि जहां मस्जिद बनी है, कभी वहां मंदिर होने के संकेत मिले हैं.
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जुलाई 2005
विवादित स्थल के पास आतंकवादी हमला हुआ. जीप से एक बम धमाका किया गया. सुरक्षाबलों ने पांच लोगों को गोलीबारी में मार डाला.
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2009
जस्टिस लिब्रहान कमिश्न ने 17 साल की जांच के बाद बाबरी मस्जिद गिराये जाने की घटना की रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया गया.
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सितंबर 2010
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विवादित स्थल को हिंदू और मुसलमानों में बांट दिया जाए. मुसलमानों को एक तिहाई हिस्सा दिया जाए. एक तिहाई हिस्सा हिंदुओं को मिले. और तीसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए. मुख्य विवादित हिस्सा हिंदुओं को दे दिया जाए.
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मई 2011
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को निलंबित किया.
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मार्च 2017
रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों को यह विवाद आपस में सुलझाना चाहिए.
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मार्च, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की मध्यस्थता के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई. श्रीश्री रविशंकर, श्रीराम पांचू और जस्टिस खलीफुल्लाह इस समिति के सदस्य थे. जून में इस समिति ने रिपोर्ट दी और ये मामला मध्यस्थता से नहीं सुलझ सका. अगस्त, 2019 से सुप्रीम कोर्ट ने रोज इस मामले की सुनवाई शुरू की.
तस्वीर: DW/V. Deepak
नवंबर, 2019
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला दिया कि विवादित 2.7 एकड़ जमीन पर राम मंदिर बनेगा जबकि अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन सरकार मुहैया कराएगी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Armangue
अगस्त, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी. कोरोना वायरस की वजह से इस कार्यक्रम को सीमित रखा गया था और टीवी पर इसका सीधा प्रसारण हुआ.
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1993 में यहां हनुमानगढ़ी के दलित पुजारी को नियुक्त किया गया. इसके बाद यहां सात-आठ पुजारी ही रहे. हाईकोर्ट ने भी यहां पुजारी होने की ही बात कही है. पटना हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल1948 को महावीर मंदिर को सार्वजनिक मंदिर घोषित करते हुए इसके इतिहास का संज्ञान लिया था. उसमें भी कहीं हनुमानगढ़ी का जिक्र नहीं है.
वहीं, कोरोना काल के पहले हरेक मंगलवार को मंदिर में अपनी सेवा देने वाले दिवाकांत कहते हैं, "धर्मस्थल कोई भी हो, वह आस्था का केंद्र है. इसके साथ विवाद खड़ा करना उचित नहीं है."