इटली में शुक्रवार को 24 घंटे में मरने वालों की तादाद अब तक की सारी सीमाओं को तोड़ 900 के पार चली गई. यह एक दिन में कोरोना के कारण एक देश में होने वाली सबसे ज्यादा मौत है.
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इस वक्त कोरोना वायरस से पीड़ित सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में हैं. फिलहाल यहां 1 लाख 4 हजार 837 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. अमेरिका में अब तक 1,711 लोगों की मौत हुई है जबकि इटली में 9,134 लोग अब तक मारे जा चुके हैं, बीते कई दिनों सें वहां हर रोज 500 से ज्यादा लोगों की जान जा रही है. इस बीच दुनिया भर में कोविड-19 से प्रभावित लोगों की संख्या अब 6 लाख से ज्यादा है और महामारी के कारण अब तक 28 हजार लोगों की मौत हुई है. बीते दो दिनों से हर रोज एक लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका शीर्ष पर है उसके बाद इटली और फिर चीन की बारी आती है जहां से यह बीमारी शुरू हुई.
यूरोप में स्पेन और जर्मनी भी इसमें घिरते जा रहे हैं. स्पेन में पीड़ितों की संख्या 65 हजार और जर्मनी में 53 हजार को पार कर गई है. स्पेन में 5,690 लोगों की जान गई है जबकि जर्मनी में 395. स्पेन के लिए बीते 24 घंटे सबसे ज्यादा घातक साबित हुए. यहां 832 लोगों की जान गई है जो एक दिन में अब तक स्पेन के लिए सबसे ज्यादा है. स्वास्थ्य सेवाओं और टेस्ट की सेवा को सुदृढ़ कर जर्मनी मौत की संख्या को एक हद तक रोकने में कामयाब हुआ है. इस समय जर्मनी ने हर हफ्ते पांच लाख लोगों का टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है. जर्मनी में पूरी तरह तालाबंदी नहीं है लेकिन जरूरी सेवाओं को छोड़ बाकी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. सरकार का कहना है कि फिलहाल जो हालात है उन्हें देख कर नहीं लगता कि 20 अप्रैल से पहले पाबंदियों को हटाया जा सकेगा.
कोरोना के कारण कौन कौन से देशों में हुआ लॉकडाउन
21 दिनों के लिए घर में बंद रहना आसान नहीं है. लेकिन भारत इसमें अकेला नहीं है. दुनिया में और भी कई देश हैं जो इस वक्त लॉकडाउन या उस जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/CDC
भारत
24 मार्च से 21 दिनों के लिए "टोटल लॉकडाउन".
तस्वीर: Imago/A. Das
जर्मनी
लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल किए बिना 22 मार्च से दो से ज्यादा लोगों का एक साथ बिना वजह बाहर निकलना मना है.
23 मार्च से तीन हफ्तों के लिए घर से बाहर ना निकलने के निर्देश दिए गए हैं.
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स्विट्जरलैंड
24 मार्च से 19 अप्रैल तक घर से बाहर ना निकलने को कहा गया है. सभी रेस्तरां और कैफे बंद हैं.
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स्पेन
14 मार्च से देश में इमरजेंसी लागू है. ऐसा कब तक रहेगा इस बारे में कुछ बताया नहीं गया है.
तस्वीर: Imago/L. Carnero
फ्रांस
17 मार्च को यहां दस दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. 27 मार्च को इसे 15 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
तस्वीर: Getty Images/G. Souvant
इटली
9 मार्च को इटली यूरोप का पहला देश बना जिसने लॉकडाउन का फैसला किया. स्थिति नियंत्रण में आने तक यह जारी रहेगा.
तस्वीर: Imago Images/Zuma Wire
बेल्जियम
यहां 18 मार्च से 5 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया था. अब तारीख बढ़ा कर 19 अप्रैल कर दी गई है.
तस्वीर: AFP/K. Tribouillard
डेनमार्क
यहां 13 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
तस्वीर: Imago Images/Ritzau Scanpix
ग्रीस
यहां 22 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. घर से बाहर निकलने के लिए आईडी दिखाने की जरूरत पड़ती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Gouliamaki
आयरलैंड
यहां 27 मार्च से 12 अप्रैल तक लोगों को घर से बाहर ना निकलने को कहा गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/PA Wire/N. Carson
दक्षिण अफ्रीका
यहां 27 मार्च से तीन हफ्ते का लॉकडाउन घोषित हुआ है. सेना सड़कों पर पहरा दे रही है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Spatari
न्यूजीलैंड
यहां 26 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ है लेकिन लोगों में बंद की शर्तों को ले कर असमंजस है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Baker
सऊदी अरब
मक्का, मदीना और रियाद में 21 दिन का कर्फ्यू लगा दिया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Nabil
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अमेरिका ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दो हजार अरब डॉलर के पैकेज को मंजूरीर दी है. इस पैसे से कोरोना पर लगाम कसने के साथ ही अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए उपाय किए जाएंगे. अमेरिका कई देशों को कोरोना से लड़ने में भी मदद दे रहा है. अमेरिकी सरकार ने कोरोना से प्रभावित 64 देशों को मदद के लिए चुना है जिनमें भारत भी शामिल है.
इस बीच दक्षिण कोरिया ने कोरोना पर लगाम कसने में बड़ी कामयाबी हासिल की है अब यहा पीड़ितों से ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो इलाज के बाद स्वस्थ हो कर घर लौट गए हैं. दक्षिण कोरिया ने बड़े पैमाने पर टेस्ट के जरिए यह सफलता पाई है. यहां कुल 9,478 लोग इसकी चपेट में आए और इनमें से 144 लोगों की जान गई और 4,811 लोगों का इलाज हो चुका है.
इस बीच चीन ने अपने देश में लोगों के आने जाने पर व्यापक रोक लगाने की मुहिम शुरू की है. इसके तहत दुनिया भर से आने वाले लोगों को रोकने का फैसला किया गया है. जिन लोगों के पास वीजा है उसे भी स्थगित और रद्द किया जा रहा है. इस बीच वुहान में जिंदगी धीरे धीरे सामान्य हो रही है. यहीं पर कोरोना पैदा हुआ और फिर यहां से पूरी दुनिया में फैला.
अब तक सुरक्षित नजर आ रहे चीन के आसपास के कुछ देशों में संक्रमण बढ़ा है. शनिवार को मलेशिया में संक्रमण के 159 नए मामले सामने आए, यहां अब तक 2,320 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं और 26 लोगों की मौत हुई है. इसी तरह इंडोनेशिया में 109 नए मामलों के साथ कुल संख्या 1,555 पर पहुंच गई है. इंडोनेशिया में 87 लोगों की मौत हुई है.
दक्षिण अफ्रीका में तालाबंदी शुरू होने के बाद अब रूस और आयरलैंड ने भी धीरे धीरे लोगों की गतिविधियों पर पाबंदी लगानी शुरू कर दी है. यहां रेस्तरां और कैफे बंद करने के आदेश दिए गए हैं. रूस में शुक्रवार तक 1000 लोगों में कोराना का संक्रमण हो चुका है. और अब यहां काम बंद करने के आदेश दिए गए हैं. यह पहला हफ्ता होगा जब रूस में दफ्तर बंद होंगे. रूसी सरकार के प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल यहां महामारी जैसी स्थिति नहीं है. यूरोप के बाकी देशों से रूस की स्थिति फिलहाल इस मामले में बेहतर नजर आ रही है.
चीन से आए कोरोना वायरस से बचने के तमाम उपाय अगर आप इंटरनेट पर खोज रहे हैं तो आपको सावधान रहने की भी जरूरत है. सोशल मीडिया पर लिखी हर चीज सच नहीं होती. कोरोना वायरस को लेकर फैले इस तरह के भ्रम से दूर रहिए.
तस्वीर: picture-alliance/Hollandse Hoogte
चीन से आए पार्सल से कोरोना वायरस फैल सकता है?
कोरोना वायरस कैसे फैलता है इसको लेकर वैज्ञानिक जानकारियां जुटा रहे हैं. अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक कोरोना वायरस का अस्तित्व सतह पर खत्म हो जाता है. जिसके कारण चीन से आने वाले उत्पादों या पैकेट से वायरस के फैलने का जोखिम बहुत कम है. तो अगली बार डिलीवरी बॉय आपके घर चीन से मंगाया आपका सामान लेकर आए तो आपको डरने की जरूरत नहीं है.
नाक में ब्लीच लगाने से कोरोना से बचा जा सकता है?
ब्लीच या क्लोरीन जैसे कीटाणुनाशक सॉल्वैंट्स जिसमें 75 प्रतिशत इथेनॉल, पैरासिटिक एसिड और क्लोरोफॉर्म होता है, असल में कोरोना वायरस को सतह पर खत्म कर सकते हैं. हालांकि ऐसे कीटनाशकों को त्वचा पर लगाने से कोई फायदा नहीं होता बल्कि शरीर पर ऐसे रसायन डालना बेहद खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है.
पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैल सकता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक घर के पालतू जानवरों जैसे बिल्ली या कुत्तों से कोरोना वायरस नहीं फैलता. जानवरों से फैलने वाले दूसरे बैक्टीरिया से बचने के लिए पालतू जानवरों को हाथ लगाने के बाद हाथ धोना अपने आप में अच्छी आदत है. शोधकर्ता कह चुके हैं कि चीन के वुहान शहर में किसी जंगली जानवर से कोरोना वायरस दुनिया भर में फैला.
निमोनिया की वैक्सीन कोरोना वायरस का भी इलाज है?
यह वायरस नया और अलग है. इस वायरस की अपनी वैक्सीन बनाई जा रही है. निमोनिया की वैक्सीन कोरोना वायरस का उपचार नहीं है. इस समय विश्व में कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस या 2019 - एनकोव से लड़ने वाली वैक्सीन बनाने में जुटे हैं.
खारे पानी से नाक धोने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?
सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट वायरल हो रहा है जिसके मुताबिक खारे पानी से नाग रगड़ने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो इस दावे की पुष्टि करता हो.
माउथवॉश के गरारे से वायरस से बचा जा सकता है ?
माउथवॉश के गरारे से कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता है. कुछ कंपनियों के माउथवॉश कुछ मिनटों के लिए आपकी लार में रहने वाले विशेष रोगाणुओं को खत्म कर सकते हैं, लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह आपको कोरोना वायरस से नहीं बचाता.
लहसुन खाने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?
यह दावा सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल रहा है. लहसुन में जरूर कुछ रोगाणुरोधी गुण होते हैं लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लहसुन लाभकारी नहीं है.
गलत सूचना पर कार्रवाई
सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक और ट्विटर वायरस के बारे में गलत जानकारी वाले पोस्ट हटाने पर काम कर रहे हैं. जनवरी के आखिर में फेसबुक ने घोषणा की है कि वह ऐसी पोस्ट हटा देगा जिसमें कोरोना वायरस के बारे में गलत दावे और गलत जानकारी दी गई है. (रिपोर्ट-जेसी लिया विंगार्ड/एसबी)