भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 3,374 पर पहुंच चुकी है इसके कारण मरने वालों का आंकड़ा रविवार सुबह तक 75 हो गया है. सरकार ने लोगों से घर में बने मास्क पहनने की सलाह दी है जिससे लोग वायरस से बच सके.
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पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 472 नए मामले सामने आए हैं. इस घातक बीमारी से 267 लोग ठीक भी हो चुके हैं. कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र है जहां पिछले 24 घंटे के भीतर 145 नए मामले सामने आए हैं. इसने 24 घंटे में सबसे अधिक 141 मामले सामने आने के दिल्ली के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. शनिवार को महाराष्ट्र में 6 लोगों की मौत इस बीमारी के कारण हो गई. राज्य में इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 32 हो गया है, जबकि 52 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. दूसरी तरफ दिल्ली की बात की जाए तो शनिवार को राज्य में 59 नए केस सामने आए. दिल्ली से सटे नोएडा में भी कोरोना के आठ नए मामले सामने आने के बाद यहां पॉजिटिव केसों की संख्या 58 हो गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के मामलों में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह तब्लीगी जमात है. उसका कहना है कि देश में संक्रमण के 30% मामले दिल्ली की जमात से लौटे लोगों की वजह से बढ़े हैं. कोरोना वायरस को लेकर राजनीति भी हो रही है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के लिए किसी एक धार्मिक आयोजन को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है.
कोरोना का बच्चों पर हो रहा है ऐसा असर
कोरोना वायरस ने दुनिया भर को अपनी चपेट में ले लिया है. इसका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है. कहीं वे मां बाप के साथ सड़कों पर हैं, वायरस के खतरे को झेल रहे हैं तो कहीं लॉकडाउन में स्कूल नहीं चलने की वजह से घरों में बंद हैं.
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स्कूल बंद
जर्मनी में पूरे देश के लिए लॉकडाउन नहीं है, लेकिन स्कूल, कॉलेज और किंडर गार्टन बंद हैं.
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खाली क्लास
स्कूल बंद हैं और क्लास खाली पड़े हैं. जर्मनी और बहुत से दूसरे देशों में ये नजारा आम है.
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घर पर पढ़ाई
स्कूल बंद है, बच्चे स्कूल नहीं जा सकते. लेकिन बच्चों को बहुत सा होमवर्क मिला है.
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कंप्यूटर पर पढ़ाई
जिन बच्चों के पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा है वे अपना मन पढ़ाई कर या खेलकर लगा सकते हैं.
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मैट्रिक की परीक्षा
लॉकडाउन के बावजूद सेकंडरी की परीक्षाएं होंगी. स्कूली बच्चों को परीक्षा की तैयारी भी करनी पड़ रही है.
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व्यस्त रखने का टास्क
लॉकडाउन में माता पिता पर बच्चों को व्यस्त रखने की जिम्मेदारी भी है. आखिर बोरियत में वे तंग भी करने लगेंगे.
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वायरस से सुरक्षा
जहां बच्चे अपने मां बाप के साथ कुछ समय बाहर निकल सकते हैं, वहां वे भी मास्क पहने हैं.
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चीन में बच्चे
चीन में बच्चे खुली हवा में सांस लेने बाहर तो निकल रहे हैं, लेकिन वायरस से सुरक्षा का बंदोबस्त करके.
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कुछ के लिए बोरियत
घर में सारा समय बंद रहना बच्चों के लिए आसान नहीं. माता पिता उनके साथ बहुत तरह के घरेलू खेल खेल रहे हैं.
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प्लेग्राउंड भी बंद
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए रिहायशी इलाकों के प्लेग्राउंड भी बंद हैं. बच्चे वहां भी नहीं जा सकते.
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कोरोना की परेशानी
जर्मनी में बच्चे घर के बाहर कोरोना के खिलाफ लिखकर अपने जज्बात बाहर निकाल रहे हैं.
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होम ऑफिस
जिन मांओं को होम ऑफिस करना पड़ रहा है, उन्हें छोटे शिशुओं का भी ख्याल रखना होता है.
दक्षिण अफ्रीका में भी बच्चे लॉकडाउन के कारण घरों में बंद हैं. वहां कम से कम 17 अप्रैल तक कर्फ्यू है.
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टेबल फुटबॉल
इराक में भी बच्चे घर में ही कोई ना कोई खेल खेलकर अपनी बोरियत कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
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रिफ्यूजी बच्चे
युद्ध से भागते बहुत से लोग रिप्यूजी कैंपों में रह रहे हैं. यहां ग्रीस के मोरिया कैंप में इस परिवार से हाथ से बनाए मास्क पहन रखे हैं.
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तेजी से बढ़ते जा रहे कोरोना के मामलों के बीच केंद्र सरकार ने घर में बने मास्क तैयार करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोई भी अपने घर में मास्क बनाकर उसका इस्तेमाल कोरोना वायरस से बचाव के लिए कर सकता है.
मोदी-ट्रंप बातचीत
दुनियाभर के देश कोरोना को हराने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति पर फोन पर बातचीत की. मोदी ने इस बातचीत पर एक ट्वीट भी किया, ''हमारी चर्चा काफी अच्छी रही और हमने कोविड-19 से निपटने में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की.''
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई देने की गुजारिश की है. उन्होंने कहा, "मैंने पीएम मोदी के साथ फोन पर हुई बातचीत में रोके गए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन टैबलेट की खेप को जारी करने का अनुरोध किया है और भारत इस पर गंभीर रूप से विचार कर रहा है.” साथ ही उन्होंने कहा कि वह भी इस टैबलेट का सेवन कर सकते हैं लेकिन उन्हें अपने डॉक्टर से इस बारे सलाह लेनी होगी. ट्रंप ने आगे कहा, "भारत भारी मात्रा में इस दवा का उत्पादन करता है, भारत को एक अरब से अधिक आबादी के लिए इस दवा की जरूरत होती है." दरअसल इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज के लिए होता है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन टैबलेट का इस्तेमाल डॉक्टर कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए भी कर रहे हैं और ऐसी रिपोर्ट है कि कोरोना वायरस के कुछ मरीज ठीक भी हुए हैं.
दो दिन पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से भी कोरोना वायरस की स्थिति और कोविद-19 से निबटने की तैयारियों पर बातचीत की थी. चार अप्रैल को ही मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो के साथ भी फोन पर बातचीत कर कोरोना से जंग में सहयोग की पेशकश की है. इसके अलावा मोदी ने स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज से कोरोना वायरस को लेकर पैदा हुए हालात पर भी चर्चा की.
लॉकडाउन में बोर ना हों, ये सब करें
कामकाजी लोगों की जिंदगी में ऐसा मौका शायद दोबारा कभी नहीं आएगा जब उन्हें इतना लंबा वक्त घर में रहने को मिलेगा. इसलिए शिकायत करने की जगह इस वक्त का फायदा उठाएं. वक्त काटने के लिए हम लाए हैं कुछ अच्छे आइडिया.
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खाना पकाएं
इसे मजबूरी ना समझें. खाने के साथ क्रिएटिव भी हुआ जा सकता है. यूट्यूब और फेसबुक पर दिलचस्प खाना पकाने के तमाम वीडियो मौजूद हैं. इनका इस्तेमाल कीजिए, हर दिन संडे लगने लगेगा.
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कसरत कीजिए
जिम बंद है, यह बहाना अब नहीं चलेगा क्योंकि बॉलीवुड की कई हस्तियां घर में वर्कआउट के वीडियो पोस्ट कर साबित कर चुकी हैं कि बिना जिम की मशीनों के भी कसरत मुमकिन है. योगा के लिए तो जिम की जरूरत वैसे भी नहीं है.
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घर की सफाई
आपकी काम वाली यूं भी इन दिनों नहीं आ रही है. तो मिलजुल कर घर की सफाई कीजिए. हो सकता है इस दौरान आपको कहीं कोई पुराना खत, कोई पुरानी तस्वीर मिल जाए जो आपके होंठों पर मुस्कान ला दे.
पूरी की पूरी सिरीज एक ही बार में देख लेने का मौका फिर कहां मिलेगा. नेटफ्लिक्स और ऐमजॉन प्राइम की जो फिल्में और सिरीज आपकी लिस्ट में अब तक थीं, उन्हें देख डालिए.
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लूडो खेलिए
जिस जमाने में स्मार्टफोन नहीं थे लोग परिवार के साथ बैठ कर लूडो, बिजनेस और कैरम जैसे गेम खेला करते थे. कुछ देर के लिए ही सही, वह दौर लौट आया है, तो इसका पूरा आनंद लीजिए.
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टैक्स रिटर्न भरिए
अगर अब तक नहीं भरी है, तो यह अच्छा मौका है. टैक्स रिटर्न के अलावा बैंक इत्यादि के कागजी काम हों तो उन्हें भी इस दौरान निपटा लीजिए.
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कुछ नया सीखिए
आप कोई ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं. अपने स्मार्टफोन के ऐप स्टोर में जाइए और देखिए कितने तरह के कोर्स उपलब्ध हैं. यह भी नहीं करना चाहते हैं तो परिवार में एक दूसरे से ही कुछ नया सीख लीजिए.
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छुट्टी की तैयारी कीजिए
ना जाने अगली छुट्टी कब होगी लेकिन उसकी प्लानिंग तो की ही जा सकती है. गोवा जाना है या शिमला, इतना तो तय किया जा सकता है. एक दूसरे के साथ बैठ कर होटल भी खोजे जा सकते हैं.
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पौधे उगाइए
घर में पौधों को उगते देखना एक सकारात्मक अहसास देता है. रोज अपने पौधों को पानी दीजिए, उनके साथ बैठ कर कुछ वक्त बिताइए. बीमारी के इस बुरे दौर में यह अच्छी सोच में फायदेमंद होगा.
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किताबें पढ़िए
आपने आखिरी बार कोई किताब कब उठाई थी? अगर हमेशा किताब उठाने के लिए खाली वक्त का इंतजार कर रहे थे, तो लीजिए आ गया वो खाली वक्त. अगर घर में नई किताब नहीं है, तो इस बीच बहुत सी लाइब्रेरी ऑनलाइन किताबें निःशुल्क दे रही हैं.
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दोस्तों से बातें कीजिए
भाग दौड़ की जिंदगी में पुराने दोस्त कई बार पीछे छूट जाते हैं. उन्हें फोन कीजिए, उनका हालचाल पूछिए. क्या पता आपकी एक कॉल उनकी मायूसी दूर कर दे.
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कुछ भी मत कीजिए
जरूरी नहीं है कि हर वक्त कुछ ना कुछ करना ही है. अपने शरीर और दिमाग को थोड़ा सा ब्रेक दीजिए क्योंकि कुछ दिनों बाद फिर से बसों और ट्रेनों में धक्के खाने हैं और घंटों ट्रैफिक में गुजारने हैं.