कोविड-19 से सबसे ज्यादा यूरोप प्रभावित हुआ है. समाचार एजेंसी एएफपी के आंकड़ों के मुताबिक शनिवार देर शाम तक यूरोप में 6,27,203 मामलों में से 46,033 मरीजों की मौत हो चुकी है. इटली और स्पेन पर सबसे अधिक मार पड़ी है.
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जॉन्स होप्किंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक इटली में 15,362 और स्पेन में 11,947 लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके बाद फ्रांस में 7,560 और ब्रिटेन 4,313 लोगों की मौत अब तक दर्ज की जा चुकी है. हालांकि इटली के लिए थोड़ी राहत भरी खबर शनिवार को आई जब उसके यहां कोरोना वायरस गहन देखभाल मरीजों की संख्या में पहली बार गिरावट दर्ज की गई. इटली में दो हफ्ते में पहली बार कोरोना वायरस के कारण सबसे कम दैनिक मृत्यु दर्ज की गई है. साथ ही उसने कहा है कि गहन देखभाल में रहने वाले मरीजों की संख्या में पहली बार कमी आई है.
स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने ऐलान किया है कि देश में तालाबंदी 25 अप्रैल तक जारी रहेगी. स्पेन में कोविड-19 के मामलों में पिछले कुछ दिनों में कमी आई है. स्पेन और इटली दोनों को सजग उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी चरम पर पहुंच चुकी है. स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने शनिवार को कहा है कि वह संसद से अपील करेंगे कि देश में लागू लॉकडाउन को 25 अप्रैल की रात बढ़ा दें. स्पेन में नए मामलों और वायरस से होने वाली मौतों की दर में कमी आई है. स्पेन उन देशों में शामिल है जहां इटली के बाद सबसे अधिक मौतें हुई हैं. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सांचेज ने कहा मौजूदा लॉकडाउन नतीजा दे रहा है. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि शनिवार को देश के आपातकाल की स्थिति का विस्तार अंतिम नहीं होगा. उन्होंने अपने संदेश में कहा, "हम महामारी की कमी की शुरुआत में हैं. हम जितना सोचते हैं उससे अधिक मजबूत हैं लेकिन हमें सहना पड़ता है. बलिदान, प्रतिरोध और जीत की भावना के साथ इससे भी पार पा लेंगे.” साथ ही उन्होंने कहा है कि ईस्टर के बाद कुछ आर्थिक गतिविधियों पर लगी रोक में नरमी दी जाएगी.
अनजान दुश्मन से दुनिया की 'जंग'
दुनिया के 206 देश एक ऐसे दुश्मन से जंग लड़ रहे हैं जिसको अभी के हालात में हरा पाना मुश्किल लग रहा है. यह अब तक 53 हजार जिंदगियां लील चुका है. एक नजर डालते हैं किस देश में कैसे कोरोना वायरस से युद्ध लड़ा जा रहा है.
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फिलीपींस
फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों को गोली मारने के आदेश दिए हैं.
तस्वीर: Getty Images/E. Acayan
नाइजीरिया
घर पर रहने के आदेश को नहीं मानने पर सैनिक ने एक शख्स को गोली मार दी, शख्स की मौत हो गई. नाइजीरिया ने कोरोना वायरस को लेकर कठोर नियम बनाए हैं.
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दक्षिण अफ्रीका
केपटाउन में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू कराने के लिए सैनिक सड़कों पर उतर आए हैं. दक्षिण अफ्रीका में 27 मार्च को लॉकडाउन लागू हुआ.
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अल सल्वाडोर
कोरोना वायरस के कारण अल सल्वाडोर में 21 मार्च से ही एक महीने का लॉकडाउन लागू है. राजधानी सन सल्वाडोर में लॉकडाउन की घोषणा होते ही लोग घरों से बाहर जरूरी सामान इकट्ठा करने के लिए जुट गए थे.
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कोलंबिया
राजधानी बगोटा में गश्त लगाते सेना के जवान. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उन्होंने चेहरे पर मास्क और दस्ताने पहन रखे हैं. लातिन अमेरिका में कोलंबिया तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है.
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इटली
कोरोना वायरस के कारण इटली में सबसे अधिक मौतें हुई हैं. यहां पर भी सेना सख्ती से काम ले रही है. कैटेनिया में बीच सड़क पर तैनात इटली के सैनिक.
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दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में सेना के जवानों को इमारतों को कीटाणुमुक्त करने के काम पर लगाया गया है. कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के बाद ऐसा किया गया.
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फ्रांस
यूरोपीय देशों की सीमाएं सील हैं, इटली और फ्रांस की सीमा पर इटली के जवान तैनात हैं. फ्रांस से आने वाली एक महिला सैनिकों से इटली में दाखिल होने की इजाजत मांगती हुई.
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भारत
भारत में तीन हफ्तों का लॉकडाउन चल रहा है. कई बार पुलिस समझाने की कोशिश करती है और जान बूझ कर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो रही है.
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जर्मनी की राजधानी बर्लिन में शनिवार को आसमान साफ होने के साथ ही लोग कोरोना वायरस के कारण लगाए प्रतिबंधों का उल्लंघन करते दिखे. पुलिस ने प्रतिबंध के उल्लंघन करने के मामले में 24 घंटे के भीतर 30 लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप जारी किए तो वहीं 79 लोगों को कानून के उल्लंघन करने पर चेतावनी जारी की गई. बर्लिन के पार्कों में शनिवार को कई लोग कानून तोड़ते हुए पहुंच गए. हालांकि लोग सामाजिक दूरी के नियमों का पालन भी कर रहे थे. बर्लिन में सामाजिक दूरी के नियमों के मुताबिक लोग बाहर तो जा सकते हैं लेकिन उन्हें दूसरे लोगों से संपर्क सीमित रखना है. दूसरे घर के लोग आपस में डेढ़ मीटर की दूरी पर मिल सकते हैं. जर्मनी में इस तरह के नियम 19 अप्रैल तक लागू रहेंगे. जर्मनी में अब तक कोरोना वायरस के 96,000 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. जबकि देश में 1,444 लोगों की मौत इस महामारी के कारण हो गई है. जर्मनी का बावेरिया और नॉर्थराइन वेस्टफेलिया सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं.
एए/आईबी (रॉयटर्स, डीपीए,एएफपी)
बड़ा सवाल: कोरोना से बचें कि पेट भरें
मेक्सिको में बहुत सारे लोग पटरी पर दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार की रोजीरोटी चलाते हैं. कोरोना महामारी ने उनके लिए परेशानी पैदा कर दी है. जान बचाएं कि पेट पालें.
तस्वीर: DW/J. Perea
मेक्सिको सिटी
मेक्सिको की सरकार ने 1 अप्रैल को हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी और कोरोना वायरस को रोकने के लिए सख्त कदमों की घोषणा की. इसका असर मेक्सिको सिटी पर भी हुआ है, जो पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय है.
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टेपिटो बाजार
इस बाजार को टेपिटो इलाके में बसा होने के कारण खतरनाक माना जाता है. मजदूरों की ये इलाका कभी अपनी बहादुरी के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन अब इसे चोरों और ड्रग डीलरों का अड्डा माना जाता है.
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ऐतिहासिक केंद्र
टेपिटो बाजार चार गलियों में बने बाजारों से बना है. यह मेक्सिको सिटी के ऐतिहासिक केंद्रीय इलाके के पास ही है. इसलिए यह पर्यटकों में भी लोकप्रिय है. सिर्फ इस इलाके में वही जाते हैं जो संभल कर जा सकें.
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बाजार लगाने की तैयारी
यहां एक स्थानीय दुकानदार अपनी दुकान लगाने की तैयारी कर रहा है. इलाके में कम आय वर्ग के लोगों को किफायती सामान मिल जाता है. भारत में भी बड़े शहरों में इस तरह के बाजार देखे जा सकते हैं.
तस्वीर: Reuters/G. Graf
रेहड़ी वालों की मुश्किल
अलफांसो रेमिरेज पिछले 50 साल से रेहड़ी लगाकर रोजी रोटी कमाते रहे हैं. अब वे राजधानी में डीवीडी बेचते हैं. कोरोना वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों ने उनकी दुकानदारी ठप्प करा दी है.
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कोई नहीं आता पॉलिश करवाने
अलफांसो जैसा ही हाल मानुएल खेमिनेज का है. वे तीस साल से मेक्सिको सिटी में जूतों की पॉलिश कर रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन के जमाने में कोई जूते पॉलिश करनावे नहीं आ रहा.
तस्वीर: DW/J. Perea
परेशान हैं ये दुकानदार
मार्ता दे लोपेज मेक्सिको सिटी के प्लाजा सान खुआन इलाके में हाथ से बनाए गए सामान बेचती है. लेकिन जब से ग्राहक नहीं आ रहे हैं, उसकी कमाई नहीं हो रही है.
तस्वीर: DW/J. Perea
क्या करें रेहड़ी वाले
सराई और उसके पति का तो और बुरा हाल है. वे पटरी पर जड़ी बूटियां और हर्बल चीजें बेचते हैं. ये भी अभी नहीं बिक रहा. कुछ चीजें तो जल्दी खराब होने वाली भी हैं. उनके चार बच्चे भी हर दिन काम पर उनके साथ होते हैं.
तस्वीर: DW/J. Perea
पुलिस बंद करवा रही हैं दुकानें
पटरियों पर सामान बेचने वालों को अब पुलिस अपने घरों में भेज रही है. नोरा और उसकी मां वेलेंसिया अभी भी अपनी रेहड़ी लगा रहे हैं, लेकिन खरीदार अपने घरों में बंद हैं तो उनकी दुकान पर कोई सामान खरीदने नहीं पहुंच रहा.