कोरोना वायरस के मामले में स्पेन से भी आगे निकला ब्राजील
१४ मई २०२०
कोविड-19 के कारण दुनिया के सबसे प्रभावित देशों की सूची में ब्राजील 6वें नंबर पर आ गया है. वैज्ञानिक अनुमानों की मानें तो संक्रमण के मामले में वह अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है. सरकारें भी सामाजिक पाबंदियों पर एकमत नहीं.
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ब्राजील में केवल 13 मई के दिन ही नोवेल कोरोना वायरस के 11,385 नए मामले दर्ज होने का रिकॉर्ड बन गया. इस के साथ यहां कोरोना वायरस के संक्रमण के 188,974 मामले सामने आ चुके हैं जो कुल संक्रमण के लिहाज से इसे स्पेन से भी आगे ले गया. महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था इतने बुरे हाल में आ सकती है जैसी सन 1900 के बाद कभी नहीं हुई.
ब्राजील की पहले से ही नाजुक अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का बहुत बुरा असर पड़ा है. ज्यादा से ज्यादा राज्य और स्थानीय स्तर की सरकारों ने नागरिकों को घर पर ही रहने और कारोबार और काम-धंधे बंद करने के आदेश दे दिए थे. ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो और राज्यों के गवर्नरों के बीच ऐसे आदेशों को लेकर कई हफ्तों से मतभेद चलते आए हैं. बोल्सोनारो का मानना रहा है कि कोरोना की बीमारी के कारण जितना नुकसान नहीं होगा इससे ज्यादा लोगों का काम धंधा बंद होने से होगा.
वित्त मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि ब्राजील की अर्थव्यवस्था 2020 में 4.7 फीसदी सिकुड़ जाएगी. सालाना इस स्तर की कमी ब्राजील में पिछले 100 सालों में भी देखने को नहीं मिली थी. इसके अलावा मंत्रालय की गणना यह भी दिखाती है कि क्वारंटीन के हर एक हफ्ते के लिए देश की अर्थव्यवस्था को करीब 20 अरब रियाल (3.40 अरब डॉलर) की चपत लग रही है. बोल्सोनारो ने कहा, "ऐसी नौबत आ जाएगी जब भूखे लोग सड़क पर उतर जाएंगे."
राष्ट्रपति ने इस हफ्ते जिम और हेयर सैलून को भी आवश्यक सेवाओं की सूची में डाल कर खोलने के आदेश दे दिए, जिसके कारण राज्य सरकारों से उनकी तनातनी और बढ़ गई. इस आदेश को ना मानने वाली स्थानीय सरकारों के खिलाफ उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने की धमकी भी दी है.
ब्राजील के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य साओ पाउलो ने बोल्सोनारो के नए आदेशों को ना मानने की बात कही है. इसी राज्य में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले भी सामने आए हैं. साओ पाउलो राज्य के गवर्नर ने इसका एलान करते हुए कहा कि देश के कम से कम 10 राज्यों के गवर्नरों का भी ऐसा ही मानना है और वे अभी कारोबार-धंधों को खोले जाने के खिलाफ हैं. ब्राजील से ज्यादा संक्रमण जिन पांच देशों में दर्ज हुए हैं वे हैं अमेरिका, स्पेन, रूस, ब्रिटेन और इटली. ब्राजील में अब तक कोरोना वायरस ने कम से कम 13,149 लोगों की जान ले ली है.
ब्राजील का नाम आते ही जेहन में फुटबॉल और कार्निवाल घुमड़ने लगता है. लेकिन ब्राजील के कई और रंग हैं. जानिए विदेशी पत्रकारों की नजर से ब्राजील को.
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ब्राजीलियाई जुगाड़
मुश्किलों या बाधाओं को बड़े ही रोचक ढंग से सुलझा लेना, ब्राजील में ऐसा अकसर होता है. जब किसी को यह लगता है कि उसने सब कुछ करके देख लिया लेकिन उपाय नहीं मिल रहा है, तब ब्राजीलियाई जुगाड़ काम आता है. लेकिन ऐसा हमेशा अच्छे काम के लिए ही नहीं होता.
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देरी से आना जाना आम बात
अगर आप किसी ब्राजीलियाई शख्स से मिलने वाले हैं तो बहुत संभव है कि वह कुछ मिनट देर से ही आएगा, कभी कभी कुछ घंटे की देरी भी हो सकती है. ब्राजील में ऐसा होना आम बात है.
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भंयकर ठंडी बीयर
ब्राजील में अगर बीयर बहुत ही ज्यादा ठंडी न हो तो लोग भौंहे सिकोड़ सकते हैं. वहां बीयर भी बड़ी बोतल में मिलती है और गिलास में उड़ेलकर बांटी जाती है.
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चावल और बीन की दीवानगी
ब्राजील में मेहमानों की आवभगत के दौरान आप भले ही कितने ही प्रकार का भोजन परोसें, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. लेकिन चावल और बीन्स आपको परोसने ही होंगे. ब्राजील के लोगों को चावल और बीन्स बहुत पंसद है.
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सांबा
ब्राजील में सिर्फ सांबा ही नहीं होता. देश में कई तरह के डांस लोकप्रिय हैं. लेकिन विदेशों में सांबा ही सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं. हालांकि सारे ब्राजीलियाई सांबा करते होंगे, ये समझना गलत है.
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कार्निवाल का देश
ब्राजील का जिक्र आते ही जेहन में कार्निवाल भी आता है. दुनिया भर का मीडिया इसे कवर करता है. लेकिन आधे से ज्यादा ब्राजीलियाई कहते हैं कि कार्निवाल से उनका कोई लेना देना नहीं.
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धैर्य और उम्मीद
निराशा हाथ लगने पर ब्राजील के लोग आम तौर पर चिंता में नहीं डूब जाते. उन्हें लगता है कि "अंत में सब ठीक हो जाएगा" और इसी उम्मीद में वे इंतजार करते हैं. गैलप ने 138 देशों में सर्वे करने के बाद ब्राजील के लोगों को सबसे ज्यादा आशावादी करार दिया.
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बातचीत और मस्तमौला
ब्राजील के लोग जीवन का आनंद लेना जानते हैं, उन्हें बातचीत करना, मुलाकातें करना और साथ में खाने पीने का शौक होता है. हालांकि यह कह देना कि सारे ब्राजीलियाई ऐसे ही होते हैं, गलत होगा.
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शर्म या झिझक
ब्राजीलियाई विवाद या मतभेद की स्थिति में साफ साफ बात नहीं करते. वो शांत रहकर स्थिति को टालने की कोशिश करते हैं. विनम्र होना अच्छा है लेकिन सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस होना चाहिए.
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सोशल नेटवर्किंग का खुमार
व्हाट्सऐप, फेसबुक, स्नैपचैट या इंस्टाग्राम आप जो नाम लेंगे आपको ब्राजील के लोग वहां दिखाई पड़ेंगे. जर्मनी में लोग सोशल मीडिया पर बहुत ही पर्सनल जानकारी देने से बचते हैं, लेकिन ब्राजीलियाई सब कुछ बताते हैं. 2012 के शोध के मुताबिक फेसबुक की सबसे ज्यादा लत ब्राजील के लोगों को ही लगी है.
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पुरुष प्रधान समाज
ब्राजीलियाई पुरुष प्यार का इजहार करने से चूकते नहीं है. पार्टी में अगर कोई सिंगल महिला हो तो कोई न कोई उससे फ्लर्ट करने की कोशिश जरूर करेगा. ब्राजील के समाज में पुरुष प्रधानता साफ झलकती है. महिला अगर इनकार कर दे तो मर्द बड़ी मुश्किल से इस बात को हजम कर पाते हैं.
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रंग बिरंगा लोकतंत्र
इतालवी, जर्मन, जापानी, अफ्रीकी, पुर्तगीज या ब्राजीलियाई मूल के लोग, ब्राजील इन्हीं से मिलकर बना है. यूरोपीय देशों को भले ही आप्रवासियों का समाज में समेकन मुश्किल लगे लेकिन ब्राजील में यह बड़े आराम से दिखाई पड़ता है. लेकिन इसके बावजूद अश्वेत लोगों के साथ वहां भी भेदभाव की शिकायतें आती रहती हैं.
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खूबसूरती की जंग
परफेक्ट नाखून, हफ्ते में एक बार ब्यूटी पार्लर का चक्कर लगाना और फिर दर्पण के सामने घंटों बिताना. ब्राजील की महिलाओं को खुद को संवारना बेहद पंसद है. कॉस्मेटिक कंपनी एवोन के अंतरराष्ट्रीय शोध के मुताबिक दुनिया भर में ब्राजील की महिलाएं ही अपनी सुंदरता की सबसे ज्यादा परवाह करती हैं.
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गर्व और शर्म एक साथ
ब्राजील के लोगों को अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व भी होता है और शर्म भी आती है. एक तरफ लोग जहां ब्राजील की संस्कृति और हर चीज से प्यार करते हैं. वहीं दूसरी तरफ उन लोगों को अपने देश पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं है. लेखक नेलसन रोड्रिगेज इसे ब्राजीलियाई लोगों का "मट कॉम्पेक्स" कहते हैं.