जर्मनी में हुए एक नए सर्वे की मानें तो कोरोना संकट के कारण महिलाओं और पुरुषों के बीच पहले से ही मौजूद आय का अंतर और गहराएगा. कई कामकाजी महिलाओं को नौकरी के घंटे कम कर घरेलू जिम्मेदारियां उठाने में समय लगाना पड़ रहा है.
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लॉकडाउन के कारण स्कूलों और नर्सरियों के बजाय घर में रहने वाले बच्चों की देखभाल में मांओं का पहले से कहीं ज्यादा समय लग रहा है. जर्मन घरों को देखें, तो नया सर्वे दिखाता है कि कैसे 14 साल के कम उम्र के बच्चों वाले परिवारों में 27 फीसदी महिलाओं ने नौकरी के घंटों में कटौती की है जबकि केवल 16 फीसदी पुरुषों को बच्चों की देखभाल के लिए ऐसा करना पड़ा है. यह सर्वे रिसर्च संस्थान हंस बोएक्लर फाउंडेशन ने कम के कम 7,700 कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर किया है.
जर्मनी में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 17 मार्च से स्कूल और नर्सरी को बंद करने की शुरुआत हो गई थी ताकि वायरस के संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सके. मई के पहले हफ्ते से बच्चों को थोड़ी थोड़ी संख्या में स्कूलों में फिर से वापस लौटाने की शुरुआत हो गई लेकिन अगस्त-सितंबर के पहले सभी बच्चों के स्कूल में वापस जाने की संभावना नहीं है.
जर्मनी में कामकाजी महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले औसतन 21 फीसदी कम पैसे कमाती हैं. पूरे यूरोपीय संघ में जर्मनी महिलाओं के वेतन में बहुत ज्यादा अंतर वाले देशों में शामिल है. इसका कारण कुछ हद तक यह भी है कि जर्मनी में बहुत सारी महिलाएं पार्ट टाइम काम करने के मौके का इस्तेमाल करती हैं. फाउंडेशन के आर्थिक और समाजशास्त्र विभाग की निदेशिका बेटीना कोलराउष बताती हैं, "जितना अंतर अभी है, कोरोना वायरस के संकट के चलते वह और बढ़ सकता है."
कोरोना के लॉकडाउन काल में और ज्यादा महिलाओं ने अपने नौकरी के घंटों में कमी की है. खासतौर पर निम्न से लेकर मध्यम आय वाले घरों की महिलाओं ने इस दौरान घरेलू कामों की जिम्मेदारी के चलते नौकरी के घंटे कहीं ज्यादा घटाए हैं. इस पर कोलराउष कहती हैं, "गरीब परिवारों में कई बार घर के पुरुष की सैलरी के बिना गुजारा मुश्किल होता है क्योंकि अक्सर वह महिला से ज्यादा होती है.” सर्वे में, 14 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ रहने वाले 48 प्रतिशत माता-पिता ने इस संकट के दौर में अपनी स्थिति को "बेहद” से लेकर "काफी तनावपूर्ण" बताया है.
आप स्वस्थ रह सकें इस वजह से सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लागू किया है. लेकिन घर में पड़े रह कर आप बीमार भी हो सकते हैं. इसलिए ये टिप्स अपनाएं और अपना और अपनों का ख्याल रखें.
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पौष्टिक आहार लें
जब तक इस वायरस से निपटने के लिए टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक हम सब पर इसका खतरा मंडरा रहा है. और टीका कब आएगा, यह कहना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है कि शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखिए. ताजा फल सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार आपको स्वस्थ रहने में मदद देगा. सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ये जरूरी हैं.
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अच्छी नींद लें
हमारे इम्यून सिस्टम को अच्छे खाने के साथ साथ अच्छी नींद की भी जरूरत होती है. जितना कम सोएंगे शरीर उतनी आसानी से बीमार हो सकेगा. अगर दिन रात कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें देख देख कर आप तनाव में आ रहे हैं और यह तनाव आपकी नींद में बाधा डाल रहा है तो कोशिश कीजिए कि सोने से एक दो घंटे पहले ही फोन और टीवी से दूर हो जाएं.
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कसरत करें
कसरत करने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे रसायन निकलते हैं जो हमें अच्छा महसूस कराते हैं, अच्छी नींद में मददगार होते हैं और हमें फिट रखते हैं. और कसरत करने के लिए घर से निकलना जरूरी नहीं है. घर में ही सुबह, दोपहर, शाम दस दस मिनट के लिए कसरत करें. अगर अकेले कसरत करना अच्छा नहीं लगता तो यूट्यूब पर वीडियो चला लें या कोई ऐप डाउनलोड कर लें.
ये सोशल डिस्टैन्सिंग का वक्त है. और इस वक्त में अपनों के करीब होना और भी जरूरी है. वास्तविक रूप में नहीं, डिजिटल रूप में. अपने घर वालों से हर रोज वीडियो चैट करें, अपने दोस्तों को फोन या मेसेज करें और उनका हाल चाल पूछते रहें. इसी तरह से आप अपने बच्चों के लिए भी तरह तरह की एक्टिविटी तैयार कर सकते हैं जो वे फोन या कंप्यूटर पर अपने दोस्तों के साथ करेंगे.
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व्यस्त रहिए
दिन भर घर पर रहना बहुत उबाऊ हो सकता है. खुद को इतना व्यस्त रखें कि परेशानी आपको छू भी ना सके. यह अपने अधूरे काम पूरे करने का अच्छा मौका है. कोई पुरानी हॉबी भी दोबारा शुरू कर सकते हैं. किताबें पढ़ना, खाना पकाना, सिलाई, पेंटिंग, जो भी आपको पसंद हो, सब करें. घर की सफाई का काम पूरा परिवार मिलजुल कर करे तो और आसानी होगी.
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ध्यान लगाएं
इस माहौल में पॉजिटिव रहना बहुत जरूरी है. किसी भी हाल में पैनिक बिलकुल ना करें. सुबह उठने के बाद कुछ देर के लिए आंखें बंद कर के ध्यान लगाने की कोशिश करें. लॉकडाउन के चलते सड़कों पर गाड़ियां नहीं हैं और चिड़ियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देने लगी है जिसे शहरों में लोग भूल ही गए थे. इस मीठी आवाज के बीच ध्यान लगाना आसान होगा.
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रूटीन का पालन करें
जिन लोगों को रोज काम पर जाने की आदत है उनके लिए घर पर रहने का मतलब होता है दिन भर बिस्तर में सुस्ताना. लेकिन अब जब हर दिन ही रविवार जैसा लगने लगा है, तो ऐसा ना करें. आलस करने की जगह एक रूटीन तैयार करें. रोज उस रूटीन से ही खाएं-पिएं. ऐसे में वर्क फ्रॉम होम में भी मजा आएगा, कसरत का भी वक्त निकल आएगा और नींद भी पूरी हो सकेगी.
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फेक न्यूज से बचें
घर पर हैं तो जाहिर है फोन पर वक्त ज्यादा बिता रहे हैं. और इस बीच व्हाट्सऐप पर कोरोना को ले कर फॉर्वर्डेड मेसेज की भरमार है. इनमें से बहुत से मेसेज फेक हो सकते हैं. तो जब भी कोई आपको मेसेज फॉरवर्ड करे, उसे गूगल करें. अगर किसी विश्वसनीय स्रोत में वही जानकारी दी हो तब ही उस पर यकीन करें. और अगर खबर सही ना हो तो उसे आगे ना बढ़ाएं.