इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में अभी तक 36 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि बावड़ी का चबूतरा इतना खतरनाक था कि नगरपालिका ने उसे तोड़ने के लिए चिन्हित किया हुआ था.
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शुक्रवार 31 मार्च को हादसे के बाद लापता हो गए आखिरी व्यक्ति की लाश मिलने के बाद मरने वालों का आंकड़ा 36 पर पहुंच गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनीष कपूरिया ने इस बात की पुष्टि करते हुए यह भी बताया कि गुरूवार को 17 लोगों को बचा लिया गया था.
दर्जनों लाशों का अंतिम संस्कार मंदिर के पास ही कर दिया गया. गुरूवार को यह हादसा तब हुआ जब राम नवमी मनाने के लिए मंदिर आए हुए लोगों की भीड़ का वजन मंदिर की बावड़ी की छत बर्दाश्त नहीं कर पाई और ढह गई.
नगरपालिका की नजर में थी बावड़ी
दर्जनों लोग करीब 25 फुट नीचे बावड़ी के अंदर पानी में गिर गए थे. इनमें महिलाएं, बच्चे और एक 18 महीनों का बच्चा भी शामिल था. बचाव कार्यकर्ता रस्सियों और सीढ़ियों की मदद से बावड़ी में फंसी लाशों को निकाल पाए. कम से कम 16 लोग घायल हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने हादसे में मरने वालों के परिवार के लिए दो लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है. राज्य सरकार ने कहा है कि हादसे की जांच शुरू कर दी गई है. इस बीच मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि इंदौर नगरपालिका को इस बात की पहले से जानकारी थी कि बावड़ी खतरनाक हालत में थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल नगरपालिका ने शहर की सभी बावड़ियों का सर्वेक्षण करवाया था और उसी समय इस मंदिर की बावड़ी की खतरनाक हालत भी नगरपालिका की नजर में आई थी.
सर्वेक्षण में पाया गया था कि मंदिर प्रशासन ने बावड़ी के ऊपर लोहे की एक जाली लगवा कर उस पर टाइलें लगवा दी थीं और उसे बंद करवा दिया था. नगरपालिका ने इसे अवैध निर्माण बताते हुए मंदिर के ट्रस्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
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धार्मिक भावनाओं की दुहाई
लेकिन ट्रस्ट ने जवाब में इन निष्कर्षों को आधारहीन बताते हुए कहा था कि बावड़ी के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है और जल्द ही उसे खोल दिया जाएगा. ट्रस्ट ने नगरपालिका से यह भी कहा कि नोटिस से "हिंदू भावनाएं आहत हो रही हैं और यह हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाओं को भड़काने का प्रयास है."
शहरों पर मंडराता खतरा
06:15
अखबार के मुताबिक जनवरी 2023 में तो नगरपालिका ने बाकायदा नोटिस भेज कर मंदिर ट्रस्ट से कहा कि वो सात दिन के अंदर चबूतरे को हटवा दे नहीं तो उसे जबरन हटवा दिया जाएगा और ट्रस्ट से खर्चा वसूला जाएगा.
लेकिन इसके बाद नगरपालिका ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि कुछ लोगों ने नगरपालिका को बताया कि उसके कोई भी कदम उठाने से धार्मिक भावनाएं भड़क सकती हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी यही आरोप लगाए हैं. उनके मुताबिक चबूतरा नगरपालिका की अनुमति के बिना डाला गया था और इसके खिलाफ कई बार स्थानीय लोगों ने भी शिकायत की लेकिन "राजनैतिक प्रभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी."
भारत में इससे पहले भी धार्मिक स्थलों पर कई हादसे हो चुके हैं. 2016 में केरल में एक मंदिर में आतिशबाजी की वजह से हुए धमाके में 112 लोगों की जान चली गई थी. 2013 में मध्य प्रदेश में दातिया जिले में एक मंदिर के पास स्थित पुल पर भगदड़ मच जाने से 115 लोग मारे गए थे.
2008 में राजस्थान के जोधपुर में एक पहाड़ के ऊपर स्थित एक मंदिर में भगदड़ मच जाने से 224 लोगों की जान चली गई थी और करीब 400 लोग घायल हो गए थे.
(एपी, एएफपी से इनपुट के साथ)
बीते 10 सालों में भगदड़ के इन भयानक हादसों में सैकड़ों लोगों की जान गई
29 अक्टूबर की रात, दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल की तंग गलियों में हैलोवीन पार्टी के दौरान भगदड़ मची. इस हादसे में 145 से ज्यादा लोग मारे गए. पिछले एक दशक में ऐसे ही कई भयानक हादसे सैकड़ों जिंदगियां ले चुके हैं.
तस्वीर: HEO RAN/REUTERS
मक्का: 2,300 लोगों की मौत
24 सितंबर, 2015 को, सालाना हज के दौरान मक्का के मीना में भगदड़ मची थी. ये हादसा 'शैतान' की दीवार पर पत्थर मारने की रस्म के दौरान हुआ था. इसमें करीब 2,300 लोगों की मौत हुई थी.
तस्वीर: Ozkan Bilgin/AA/picture alliance
इंडोनेशिया: 133 लोगों की मौत
1 अक्टूबर, 2022 को पूर्वी जावा के मलंग में एक फुटबॉल स्टेडियम में भगदड़ मच गई. इसमें चालीसबच्चों समेत 133 लोगों की मौत हो गई थी. हादसा तब हुआ जब फैंस की अनियंत्रित भीड़ को पुलिस ने आंसू गैस से काबू में करने की कोशिश की. दहशत के बीच संकरे रास्ते से निकलने की कोशिश में कई कुचले गए और कई लोगों की दम घुटने से मौत हुई.
तस्वीर: Yudha Prabowo/AP/picture alliance
भारत: 115 लोगों की मौत
13 अक्टूबर, 2013 को, मध्य प्रदेश के दतिया जिले में नवरात्रि के दौरान एक मंदिर के पास भगदड़ मच गई. इसमें कम से कम 115 लोग मारे गए. दुर्घटना के समय सिंध नदी पर बने एक पुल पर करीब 20,000 लोग सवार थे. पुल के ढहने की अफवाह उड़ी. भगदड़ में ज्यादातर रौंदे गए या पानी में बह गए. हादसे में 110 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
केरल: 102 लोगों की मौत
14 जनवरी 2011 की रात केरल के सबरीमाला मंदिर से लौटते समय 102 श्रद्धालुओं की कुचलकर मौत हो गई थी. एक जीप में सवार तीर्थयात्रियों का एक समूह संकरे जंगल के रास्ते से गुजर रहे श्रद्धालुओं की भीड़ में जा घुसा था, जिससे मची भगदड़ में सैंकड़ो लोगों की जान चली गई थी.
तस्वीर: AP
आइवरी कोस्ट: 63 लोगों की मौत
1 जनवरी, 2013 को, आबिदजान के पठारी जिले में नए साल की आतिशबाजी देखने जुटी भीड़ लौटते समय भगदड़ का शिकार हो गई. हादसे में कम से कम 63 लोग, ज्यादातर युवा मारे गए थे.
तस्वीर: Issouf Sanogo/AFP/Getty Images
ईरान: 56 लोगों की मौत
7 जनवरी, 2020 को ईरान के केरमन में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की अंतिम यात्रा के दौरान मची भगदड़ में 56 जानें गईं. 3 जनवरी को बगदाद हवाई अड्डे के बाहर अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए. उनकी अंतिम यात्रा में काफी भीड़ उमड़ी थी.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
इथियोपिया: कम से कम 52 मौतें
2 अक्टूबर 2016 को, बरसात के मौसम के आखिर में मनाये जाने वाले पारंपरिक ओरोमो इरिचा उत्सव के दौरान बिशोफ्टु में भीड़ और पुलिस के बीच झड़प भगदड़ का कारण बनी. अधिकारियों के मुताबिक, इसमें 52 लोगों की मौत हुई थी वहीं विपक्ष का कहना था कि आंकड़ा कम से कम 100 था.
तस्वीर: Itomlinson/AP Photo/picture alliance
इस्राएलः 45 लोगों की मौत
30 अप्रैल, 2021 को, लैग बाओमर से माउंट मेरोन तक यहूदियों की तीर्थयात्रा के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई थी. ये तस्वीर रेस्क्यू के दौरान रोते कर्मियों की है. देश में कोविड -19 महामारी की शुरुआत के बाद से ये सबसे बड़ी सभा थी जो अब काले अक्षरों में दर्ज हो चुका है.
तस्वीर: AMIR COHEN/REUTERS
तंजानिया: 45 लोगों की मौत
21 मार्च, 2021 को तंजानिया की आर्थिक राजधानी दार एस सलाम के एक स्टेडियम में भगदड़ मचने से 45 लोगों की मौत हो गई थी. ये हादसा दिवंगत राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली की श्रद्धांजलि सभा के दौरान हुआ था.