भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. मंगलवार को देश में 1,247 नए कोविड मामले दर्ज किए गए हैं. बीते 24 घंटे में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
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स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 7.72 प्रतिशत हो गई. दिल्ली में जनवरी के बाद पहली बार पॉजिटिविटी रेट 7.72 पर पहुंची है. जबकि शहर में सोमवार को 501 ताजा मामले दर्ज किए गए, जो एक दिन पहले की तुलना में 16 कम है. दिल्ली में रविवार को 4.21 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट दर्ज की गई.
भारत में एक्टिव मामले वर्तमान में 11,860 हैं और जो कि कुल संक्रमणों का 0.03 प्रतिशत है. रिकवरी दर 98.76 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही और सोमवार को 928 रिकवरी दर्ज की गई.
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को केरल सरकार को रोजाना आधार पर कोविड डेटा अपडेट नहीं करने पर पत्र लिखा है. राज्य सरकार से कोविड की स्थिति पर रोज अपडेट करने का अनुरोध किया गया है. पत्र में लिखा गया है, यह देखा गया है कि केरल सरकार ने कोविड-19 राज्यस्तरीय डेटा की जानकारी 13 अप्रैल से 5 दिनों के अंतराल के बाद दी है. जिलों और राज्य में राष्ट्रीय स्तर पर महामारी की समझ हासिल करने के लिए डेटा की रोजाना रिपोर्टिंग जरूरी है.
इस बीच उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े कुछ राज्यों में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को प्रदेश में सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं. एनसीआर के जिलों में भी संक्रमण का प्रभाव देखने को मिल रहा है. बीते कुछ दिनों से यहां केस बढ़ रहे हैं. बीते 24 घंटों में तीन जिलों में डबल डिजिट में संक्रमण के मामले मिले. जिसमें गौतमबुद्ध नगर में 65, गाजियाबाद में 20 और लखनऊ में 10 नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई इन जिलों में मुख्यमंत्री ने पैनी नजर बनाए रखने के आदेश दिए हैं.
गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर और हापुड़ में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया. पुलिस को बाजारों में मास्क को लेकर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.
दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में मास्क को लेकर फिर से सख्त पाबंदी लगाई गई है. दिल्ली में भी लोगों से अपील की गई है कि वे मास्क लगाकर ही अपने घरों से निकलें.
कोविड ने छीनी अमेरिका के बड़े शहरों की शान
2020 के मध्य से लेकर 2021 के मध्य तक अमेरिका के बड़े शहरों में रहने वाले लाखों लोग इन शहरों को छोड़ कर छोटी जगहों पर चले गए. जानिए क्या कहते हैं अमेरिका के सेंसस ब्यूरो के ताजा आंकड़े.
तस्वीर: Drew Angerer/Getty Images
न्यूयॉर्क से पलायन
इस पलायन में सबसे ऊपर रहा न्यूयॉर्क जिसने लगभग 3,28,000 नागरिक खो दिए. ये लोग देश के कई दूसरे इलाकों में जाकर रहने लगे. शहर में दुनिया के दूसरे देशों से लोग आए भी और मरने वालों की संख्या से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ, लेकिन न्यूयॉर्क की कुल आबादी घट कर 1.97 करोड़ हो गई.
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छोड़ा लॉस एंजेलिस
दूसरे नंबर पर रहा लॉस एंजेलिस, जिसने लगभग 1,76,000 नागरिक खो दिए. शहर की आबादी घट कर 1.29 करोड़ हो गई.
तस्वीर: REUTERS
शिकागो से भी निकले बाहर
91,000 से भी ज्यादा लोगों ने शिकागो शहर भी छोड़ दिया और कहीं और जा बसे. शहर की आबादी घट कर 95 लाख हो गई.
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वॉशिंगटन को भी छोड़ा
राष्ट्रीय राजधानी वॉशिंगटन के मेट्रो इलाके से करीब 29,000 लोग चले गए और कुल आबादी घट कर 63 लाख रह गई.
तस्वीर: Tom Brenner/REUTERS
घटी फिलाडेल्फिया की भी आबादी
ग्रेटर फिलाडेल्फिया की आबादी में 13,000 लोग कम हो गए और आबादी घट कर 62 लाख पर आ गई. तीन-चौथाई बराबर कमी लोगों के शहर छोड़ देने से आई. बाकी हिस्से का कारण मरने वालों की संख्या का जन्म लेने वाले बच्चों से कम रहना पाया गया.
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मायामी ने खोए नागरिक
ग्रेटर मायामी की आबादी 34,000 से भी ज्यादा से गिर कर 60 लाख पर पहुंच गई.
तस्वीर: Chandan Khanna/AFP
डलास को चुना
न्यूयॉर्क और लॉस एंजेलिस जैसे शहरों को छोड़ कर किसी दूसरे शहर में जा बसने वालों के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्प रहा डलास. इस शहर की आबादी में 97,000 से भी ज्यादा का इजाफा हुआ और कुल आबादी बढ़ कर 77 लाख हो गई. इस बढ़ोतरी में नए बच्चों के जन्म का योगदान कम ही रहा, जबकि दो-तिहाई योगदान दूसरे शहरों से आने वाले लोगों का रहा.
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फीनिक्स रहा लोकप्रिय
ग्रेटर फीनिक्स इलाका दूसरे सबसे लोकप्रिय विकल्प रहा. इसे 78,000 नए लोगों ने चुना, जिनमें लगभग सभी दूसरे शहरों को छोड़ कर आने वाले लोग थे. शहर की आबादी बढ़ कर 49 लाख हो गई.
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ह्यूस्टन का फायदा
ह्यूस्टन देश में तीसरा सबसे लोकप्रिय विकल्प रहा और शहर को 69,000 नए नागरिक मिले. आधे से ज्यादा बढ़ोतरी का जिम्मेदार नए बच्चों का जन्म रहा लेकिन शहर ने काफी आप्रवासन भी देखा. दूसरे स्थानों को छोड़ कर ह्यूस्टन आने वालों में से एक तिहाई से ज्यादा लोग अमेरिका के बाहर से आए. शहर की आबादी बढ़ कर 72 लाख हो गई.
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एटलांटा को मिले नए नागरिक
एटलांटा में भी बढ़त देखने को मिली और 43,000 नए नागरिकों ने शहर की आबादी को बढ़ा कर 61 लाख कर दिया. नए नागरिकों में 60 प्रतिशत लोग दूसरे शहरों से आने वाले लोग थे. (एपी)