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समाज

मानव तस्करी के लिए कोरोना बना आदर्श वातावरण

२ जुलाई २०२१

अमेरिका ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने मानव तस्करी के लिए एक "आदर्श वातावरण" बनाया है. सरकारें संसाधनों का इस्तेमाल स्वास्थ्य संकट के लिए कर रही हैं. और तस्कर कमजोर लोगों का लाभ उठा रहे हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/G. Lami

अमेरिकी विदेश विभाग की "2021 ट्रैफिकिंग इन पर्सन्स रिपोर्ट" ने कई देशों की रैंकिंग भी गिरा दी है जबकि कई देशों की मानव तस्करी रोकने के प्रयासों को देखते हुए उनकी रैंकिंग को बढ़ाया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने सालाना रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि दुनिया भर में लगभग 2.5 करोड़ लोगों के मानव तस्करी के शिकार होने का अनुमान है. ब्लिंकेन के मुताबिक, "कई लोगों को व्यावसायिक यौन कर्म करने के लिए मजबूर किया जाता है. कई लोगों को फैक्ट्रियों और खेतों में काम करने या फिर हथियारबंद समूहों में भर्ती कर लिया जाता है."

उन्होंने कहा, "यह एक वैश्विक संकट है." ब्लिंकेन ने इसे "मानव पीड़ा का एक बहुत बड़ा स्रोत" बताया है.

कोरोना महामारी और मानव तस्करी

विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने "ऐसी स्थितियां पैदा कीं, जिन्होंने मानव तस्करी के लिए कमजोरियों का अनुभव करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि की. महामारी ने तस्करी विरोधी हस्तक्षेपों को बाधित किया है."

रिपोर्ट कहती है, "दुनिया भर की सरकारों ने संसाधनों को महामारी से निपटने के लिए मोड़ दिया है. अक्सर इसकी कीमत तस्करी विरोधी प्रयासों के रूप में चुकाई जा रही है." रिपोर्ट में कहा गया है कि "उसी समय, मानव तस्करों ने महामारी द्वारा उजागर और जोखिम वाले लोगों की कमजोरियों को भुनाया गया."

उदाहरण के लिए रिपोर्ट में कहा गया, "भारत और नेपाल में गरीब और ग्रामीण इलाकों की युवा लड़कियों से अक्सर आर्थिक तंगी के दौरान अपने परिवार का समर्थन करने के लिए स्कूल छोड़ने की उम्मीद की जाती है."

इस रिपोर्ट में कहा गया, "कुछ को पैसे के बदले शादी के लिए मजबूर किया गया, जबकि अन्य को आय के नुकसान के बदले काम करने के लिए मजबूर किया गया."

देशों की रैंकिंग     

रिपोर्ट 2000 के तस्करी पीड़ित संरक्षण अधिनियम (टीवीपीए) के अनुपालन के आधार पर दुनिया भर के देशों को रैंकिंग भी देती है. छह देशों को टियर 1 से हटाकर नीचे किया गया है. इन देशों में साइप्रस, इस्राएल, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक टियर 2 देश टीवीपीए के न्यूनतम मानकों को "पूर्ण रूप से  पूरा" नहीं करते हैं "लेकिन खुद को अनुपालन में लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं.        

दो देश गिनी-बिसाऊ और मलयेशिया को सबसे खराब टियर 3 में जोड़ा गया है. इस सूची में पहले से ही अफगानिस्तान, अल्जीरिया, चीन, कोमोरोस, क्यूबा, इरिट्रिया, ईरान, म्यांमार, निकारागुआ, उत्तर कोरिया, रूस, दक्षिण सूडान, सीरिया, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल हैं.

रिपोर्ट पर ब्लिंकेन ने कहा, "सरकारों को अपने नागरिकों की रक्षा और सेवा करनी चाहिए. लाभ के लिए उन्हें आतंकित और गुलाम नहीं बनाना चाहिए."

एए/वीके (एएफपी)

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