क्रिकेट बैट का आकार तय होना चाहिए या नहीं. कोई भारी बल्ला रखे और कोई हल्का, क्या यह सही है? क्रिकेट एक्सपर्ट इस बात पर बहस कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान रिकी पोंटिंग चाहते हैं कि बैट के आकार की हद तय की जाए. रनों की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ी है, उसके बाद बैट के आकार को लेकर बहस तेज हुई है. जल्दी ही इस तरह के मुद्दों पर क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की बैठक होनी है.
बैट बनाने वाली कंपनियां अब ज्यादा मोटे बैट बना रही हैं. उनमें शॉट के लिए सबसे अच्छी मानी जाने वाली जगह यानी स्वीट स्पॉट ज्यादा बड़ा होता है. इससे बैट भारी भी नहीं होता और रन बनाने में बैट्समैन को फायदा भी मिलता है. पिछले दशकों में भी बैट्समैन मोटे बैट इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन वे अब की तुलना में ज्यादा भारी होते थे.
पोंटिंग को बड़े या भारी बैट से ऐतराज नहीं है लेकिन वह चाहते हैं कि कोई हद तय हो. उन्होंने कहा, "कम ओवर के मैच में बड़े बैट से मुझे कोई ऐतराज नहीं है. बल्कि मैं तो कहूंगा कि ऐसा करना चाहिए कि टेस्ट मैच के लिए एक तरह का बैट इस्तेमाल हो और टी20 या वनडे मैचों के लिए अलग तरह का."
पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब में होने वाली वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी की बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा. पूरी दुनिया के लिए क्रिकेट के नियम बनाने का जिम्मा मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब का ही है. इस कमिटी के सदस्य पोंटिंग ने कहा, "कम ओवरों के मैच तो बाउंड्री पर टिके होते हैं. चौके और छक्के ही उनका आधार हैं. लेकिन टेस्ट मैच में भी बल्लेबाजों का वर्चस्व बढ़ गया है. अब उनके लिए टेस्ट मैच पहले से ज्यादा आसान हो गए हैं."
लगे हाथ पाकिस्तान की डबल-डायना से भी मिल लीजिए, इन तस्वीरों में
डबल डायनाः पाकिस्तान की डायना बेग
पाकिस्तान की डायना बेग एक गजब खिलाड़ी हैं. वह देश की फुटबॉल और क्रिकेट दोनों की महिला टीमों में शामिल हैं. और दोनों में से किसी एक को चुनना हुआ तो वह किसे चुनेंगी? कहानी डायना बेग की...
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20 की उम्र में गजब
20 साल की बेग क्रिकेट भी खेलती हैं और फुटबॉल भी. हाल ही में उन्होंने भारत में हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी टीम की ओर से बैटिंग की थी. उस दौरान भी वह फुटबॉल के मैदान में पेनल्टी किक का अभ्यास करती थीं.
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हौसले ने बढ़ाया आगे
बेग एक बेहद खूबसूरत इलाके से आती हैं जिसे हुंजा घाटी कहते हैं. गिलगित बाल्टिस्तान के इस इलाके में सुविधाएं बेहद कम थीं लेकिन बेग के पास हौसला बहुत है. उन्होंने दोनों खेलों में महारत हासिल की.
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14 साल में कप्तान
2010 में जब वह सिर्फ 14 साल की थीं, गिलगित बाल्टिस्तान की टीम की कप्तानी थीं. दो साल बाद वह ए टीम के लिए चुनी गईं और 2015 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला.
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क्रिकेट से फुटबॉल तक
क्रिकेट के दीवाने देश में एक लड़की का फुटबॉल की राष्ट्रीय टीम तक का सफर भी बेहद दिलचस्प रहा. 2010 में इस्लामाबाद में क्रिकेट खेलने के दौरान उन्हें पता चला कि उनकी स्टेट फुटबॉल टीम को खिलाड़ी नहीं मिल रहे. वह ट्रायल देने चली गईं और चुन ली गईं.
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संतुलन की मेहनत का संतुलन
अब बेग दोनों नेशनल टीम्स में हैं तो एक संतुलन बनाने पर खासी मेहनत कर रही हैं. यह आसान नहीं होता. वह सुबह के वक्त फुटबॉल की प्रैक्टिस करती हैं और दोपहर से शाम तक क्रिकेट की. रात को पढ़ाई भी.
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किसे चुनेंगी डायना?
क्रिकेट और फुटबॉल में से किसी एक को चुनना पड़ा तो वह क्या चुनेंगी. उनका जवाब था, भविष्य तो क्रिकेट में ज्यादा अच्छा है.
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क्रिकेट बैट के लिए अभी भी कुछ हदें तय की गई हैं. जैसे कि इसकी लंबाई 38 इंच से ज्यादा नहीं हो सकती. इसकी चौड़ाई 4.25 इंच से ज्यादा नहीं हो सकती. लेकिन इसकी गहराई या मोटाई और वजन को लेकर कोई हद तय नहीं है. पोंटिंग ने कहा कि वह बल्लेबाजों को मोटे बैट इस्तेमाल करने के लिए कोई कसूरवार नहीं ठहरा रहे हैं, "अगर आप में इतनी ताकत है कि उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं तो बहुत अच्छी बात है. लेकिन आपको ऐसा बैट तो इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ना जो धोनी के बल्ले से आकार में तो बड़ा है पर वजन में हल्का है." पोंटिंग ने क्रिस गेल के बल्ले का भी जिक्र किया. वेस्ट इंडीज के इस धमाकेदार बल्लेबाज का बैट सामान्य से बड़ा है. उन्होंने कहा, "सब लोग गेल के बल्ले की बात करते हैं. यह डेढ़ किलो का है. लेकिन वह इस बैट को उठाने लायक विशाल और ताकतवर भी हैं. मुझे चिंता तब होती है जब बैट बहुत बड़ा और बहुत हल्का हो."
बैट को लेकर पोंटिंग के इस विचार से और भी कई क्रिकेटर सहमत हैं. जैसे कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाद जोश हेजलवुड ने कहा कि वह पोंटिंग की बात का समर्थन करते हैं. जब उनसे पूछा गया कि टेस्ट मैचों में बैट का आकार तय करने पर उनका क्या विचार है तो उन्होंने कहा कि ऐसा जरूर होना चाहिए, "आजकल जो बल्ले प्रयोग किए जा रहे हैं, वे कुछ ज्यादा ही बड़े हैं." जोश की अपनी टीम के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और उस्मान ख्वाजा बड़े बल्ले रखते हैं.
भारत के क्रिकेट कोच अनिल कुंबले भी बैट के आकार को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि नियम बनाने वालों को इस बारे में सोचना ही चाहिए.
कुंबले की खूबियां इन तस्वीरों से जानिए
नए क्रिकेट कोच कुंबले की खूबियां
भारत के क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ने स्टार स्पिनर और पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को अगले एक साल के लिए टीम इंडिया के मुख्य कोच के तौर पर चुना है. आइए देखें इस शांत, सौम्य लेकिन धमाकेदार क्रिकेटर की कुछ खूबियां.
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45 साल के पूर्व लेग-स्पिनर कुंबले अपने सक्रिय क्रिकेट करियर के दौरान भारत के सर्वकालीन सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं. कुंबले ने भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं. कुल 132 टेस्ट मुकाबलों में कुंबले ने 619 विकेट और 271 वनडे इंटरनेशनल मैचों में कुल 337 विकेट चटके.
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'स्टार लेगी' कुंबले इसके पहले आईपीएल में मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीमों को भी कोच कर चुके हैं. कुंबले 2018 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समिति के अध्यक्ष पद पर अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करेंगे.
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वह टेस्ट मैच दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में 1999 में खेला गया था. और खास बात यह भी थी कि जिस टीम के 10 विकेट कुंबले ने अकेले चटकाए थे, वो चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान की टीम थी.
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दुनिया के क्रिकेट के इतिहास में कुंबले ऐसे दूसरे गेंदबाज हैं जिसने किसी टेस्ट इनिंग्स में पूरे के पूरे 10 विकेट अकेले गिराये हों. उनके अलावा यह रिकार्ड इंग्लैंड के जिम लेकर के नाम है.
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2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हीं की धरती पर खेले गए एंटिगुआ टेस्ट में कुंबले का जबड़ा टूट गया था. लेकिन इस जुझारू खिलाड़ी ने इसके बावजूद हार नहीं मानी और खेल जारी रखा.
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रवि शास्त्री को मैनेजर बनाए जाने वाले काम चलाऊ फैसले के बाद कोच के पद पर चुने गए कुंबले ने 56 अन्य उम्मीदवारों को पीछे छोड़ा. कोच का चुनाव करने वाली समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे.
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अपने संयत स्वभाव, शांत व्यक्तित्व, खेल के नियमों पर पकड़ और अपेक्षाकृत युवा होने के कारण भी कुंबले एक बेहतरीन कोच साबित हो सकते हैं. और पिच पर आक्रामक रुख लेने वाले खिलाड़ियों के लिए एक करीबी मिसाल भी.