महिला आईपीएल की शुरूआत अगले साल से हो सकती है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने महिलाओं के टी20 टूर्नामेंट को लेकर कहा है कि वह इस पर तेजी से काम कर रहा है.
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भारतीय महिला क्रिकेटरों की मांग है कि पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए टी20 टूर्नामेंट का आयोजन किया जाए. उनका कहना है कि महिलाएं अधिक टीमों और खिलाड़ियों के साथ अपने खुद के विस्तारित टूर्नामेंट की हकदार हैं. भारत में लंबे समय से महिला इंडियन प्रीमियर लीग की मांग होती रही है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने कहा कि वीमन टी20 चैंलेंज ट्रॉफी इस साल भी जारी रहेगी और जल्द ही चीजें बदल जाएंगी.
शाह ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि बीसीसीआई न केवल ईमानदार है बल्कि जल्द ही आईपीएल की तरह एक पूर्ण महिला लीग शुरू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है."
उन्होंने कहा, "महिला टी20 चैलेंज में फैंस और खिलाड़ियों में भारी दिलचस्पी एक उत्साहजनक संकेत है और हम सभी इसे करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम सभी चाहते हैं कि महिला क्रिकेटरों के लिए आईपीएल जैसी लीग हो." कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में आईपीएल का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात में हुआ था. जबकि पिछले साल का आधा आयोजन भारत और यूएई में हुआ.
भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाने वाली महिला खिलाड़ी
भारत में क्रिकेट खिलाड़ियों की जितनी चर्चा होती है उतनी ओलंपिक के सितारों की नहीं. यहां देखिए उन महिला खिलाड़ियों को जिन्होंने ओलंपिक में भारत का झंडा लहराया है.
तस्वीर: Pedro Pardo/AFP
मीराबाई चानू
टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग की 49 किलोग्राम श्रेणी में रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला था. चानू कहती हैं कि उन्होंने 2016 के ओलंपिक में पदक चूकने के बाद काफी मेहनत की थी. पांच साल की मेहनत सफल होने पर वे बहुत खुश हैं.
तस्वीर: picture-alliance/epa/S. Lesser
पीवी सिंधु
पीवी सिंधु ने साल 2016 के रियो दे जनेरो ओलंपिक में सिल्वर मेडल भारत के नाम किया. इसके बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. वे लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं. उनका पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है.
तस्वीर: Naomi Baker/Getty Images
कर्णम मल्लेश्वरी
कर्णम मल्लेश्वरी भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाने वाली पहली महिला हैं. कर्णम को वेट लिफ्टिंग में कांस्य पदक मिला है. यह मेडल उन्होंने साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में जीता था. उन्होंने स्नैच श्रेणी में 110 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 130 किलोग्राम भार उठा कर यह मुकाम हासिल किया. कर्णम का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था.
तस्वीर: Martin Rose/Bongarts/Getty Images
साइना नेहवाल
साइना नेहवाल दूसरी भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने साल 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. बैडमिंटन के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली वह पहली महिला हैं. साइना का जन्म हरियाणा में हुआ था. साइना नेहवाल की जिदंगी पर बॉलीवुड फिल्म `साइना` बन चुकी है. इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा ने साइना का किरदार निभाया है.
तस्वीर: Lu Binghui/Imaginechina/imago images
मेरी कॉम
मेरी कॉम अकेली भारतीय महिला हैं जिन्होंने देश को बॉक्सिंग में मेडल दिलाया. मेरी को साल 2012 के लंदन ओलंपिक गेम्स में कांस्य पदक मिला था. इसके साथ ही मेरी कॉम ने छह विश्व खिताब भी अपने नाम किए हैं. मेरी का जन्म मणिपुर में हुआ था. मेरी कॉम पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है. इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने मेरी कॉम का किरदार निभाया था.
साक्षी मलिक ने ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया है. यह मेडल उन्हें साल 2016 के रियो ओलंपिक में फ्रीस्टाइल कुश्ती के 58 किलो भार वर्ग के लिए मिला था. इसके साथ ही वह पहली महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक में एक पदक जीता है. साक्षी का जन्म हरियाणा में हुआ था.
इस बीच आईपीएल 2022 के लिए शेड्यूल जारी हो गया है. 26 मार्च से शुरू हो रहे मुकाबले में मुंबई और चेन्नई की टीम अपना पहला मैच खेलेगी. इस बार के सीजन में कुल 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं. शाह ने कहा कि बोर्ड दर्शकों की उपस्थिति पर "वेट एंड वॉच" की नीति अपना रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दिशानिर्देशों के आधार पर दर्शकों पर फैसला लिया जाएगा.
एए/सीके (रॉयटर्स)
भागते घोड़े से बंधी रस्सी पकड़कर स्कीइंग... यह कौन सा खेल हो रहा है!
इस तस्वीर से ही अंदाजा लगा लीजिए कि खेल की जगह क्या माहौल होता होगा.
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खेल की परंपरा
अमेरिका के कोलोराडो राज्य में एक शहर है, लेडविल. यहां इन दिनों लेडविल स्कीजोरिंग वीकेंड कॉम्पिटीशन हो रहा है. यह मुकाबला 1949 से होता आ रहा है, जिसे देखने के लिए भारी तादाद में लोग जुटते हैं.
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खेला कैसे जाता है
इस खेल में एक काउबॉय घोड़ा दौड़ाता है. घोड़े की जीन से एक लंबी रस्सी बंधी होती है, जिसे घोड़े के पीछे कुछ फीट दूर मौजूद खिलाड़ी हाथों में जकड़े होता है. यह खिलाड़ी स्की बोर्ड पर होता है. फिर घोड़े को बहुत तेज दौड़ाया जाता है और रस्सी के सहारे खिलाड़ी स्कीइंग करता है.
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खेलने के जुदा तरीके
अलग-अलग जगहों पर यह खेल अपने-अपने तरीके से खेला जाता है. कहीं सपाट बर्फ पर लोग स्कीइंग करते हैं. कहीं पर स्लोप और रिंग भी बनाए जाते हैं, जिन पर लोग कलाकारी दिखाते हैं. कहीं एक साथ कई टीमें इसमें हिस्सा लेती हैं, तो कहीं एक-एक टीम परफॉर्म करती है.
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खेल था नहीं, बन गया
माना जाता है कि पहले स्कीजोरिंग कोई खेल नहीं था. स्कैन्डेनेवियाई देशों जैसे नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क में इसे भयंकर ठंड के मौसम में यात्रा के साधन की तरह इस्तेमाल किया जाता था. हां, इन देशों में आने वाले पर्यटकों को जरूर इससे रूबरू कराया जाता था.
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पर्यटन से हुआ विख्यात
फिर पर्यटकों के जरिए ही स्कीजोरिंग दूसरे देशों तक पहुंचा. जाहिर सी बात है कि यह कोलोराडो जैसी उन जगहों पर चलन में आया, जहां खूब बर्फ होती है. हालांकि, स्कैन्डिनेवियन देशों में घोड़े नहीं, बल्कि रेंडियर और कुत्ते इस्तेमाल किए जाते थे.
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नए देश, नया चलन
फिर जब स्कीजोरिंग दूसरे देशों में पहुंचा, तो इसमें मोटरसाइकिल और घोड़े भी इस्तेमाल होने लगे. 1901 में इसे नॉर्डिक गेम्स में शामिल किया गया था. 1912 तक घोड़ों के साथ यह खेल स्विट्जरलैंड और फ्रांस में खूब लोकप्रिय हुआ, जिसे महिला-पुरुष, दोनों खेलते थे.
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विंटर ओलंपिक्स में भी खेला गया
साल 1928 में स्विट्जरलैंड के सेंट मोरिट्ज में विंटर ओलिंपिक का आयोजन किया गया था. उस साल स्कीजोरिंग को एग्जिबीशन स्पोर्ट के तौर पर इसमें शामिल किया गया था. फिर 1930 से 1950 के बीच यह जैक्सन, व्योमिंग, एस्पन और कोलोराडो जैसी पहाड़ी शहरों में प्रचलित हुआ.
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जीत की निशानी
कोलोराडो में रहने वाले जेफ डाल पिछले साल जीती हुई अपनी चैंपियन बेल्ट दिखा रहे हैं. वह पिछले 27 वर्षों से इस मुकाबले में हिस्सा ले रहे हैं. वह अपने बेटे के साथ टीम बनाकर खेलते हैं. (वीएस/एनआर)