क्यूबा के करीब 50 शहरों में एक साथ बड़े स्तर पर हजारों लोग 'आजादी', 'तानाशाही मुर्दाबाद' और 'हम भूखे हैं' जैसे नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आए थे. अब उन पर गाज गिर रही है.
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एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने इस बार क्रिसमस जेल की सलाखों के पीछे बिताया. उन्हें क्यूबा में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के चलते सजा मिली है. क्यूबा की कम्युनिस्ट सरकार पर असहमतियों और विरोधों के प्रति असहिष्णु बर्ताव के आरोप लगते रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों को 30-30 साल की जेल
ऐसी सजा पाने वाले ये तीनों नागरिक, उन सैकड़ों लोगों में शामिल हैं, जिन्हें 11 जुलाई 2021 से हिरासत में रखा गया है. उस समय क्यूबा के करीब 50 शहरों में एक साथ बड़े स्तर पर जन प्रदर्शन शुरू हुए. हजारों लोग 'आजादी', 'तानाशाही मुर्दाबाद' और 'हम भूखे हैं' जैसे नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आए थे. इसके लिए अब उन पर गाज गिर रही है. कानून-व्यवस्था भंग करने और राजद्रोह जैसे आरोप लगाकर प्रदर्शनकारियों को 30-30 साल जेल तक की सजा सुनाई जा रही है.
एक ही परिवार के जिन तीन लोगों का ऊपर जिक्र आया, उनका मुश्किल समय 11 जुलाई 2021 से शुरू हुआ. यह दो दिन तक चले सरकार विरोधी जन प्रदर्शनों का पहला दिन था. प्रदर्शनों की मुख्य वजह थी- खराब आर्थिक स्थिति और सरकारी दमन. इसी दिन 41 साल के एक्सेंट बेरुत को क्यूबा के पूर्व में स्थित ग्वांतानामो में हिरासत में ले लिया गया.
एक दिन प्रोटेस्ट में शामिल होने पर गिरफ्तारी
गिरफ्तारी की बात पता चलने पर एक्सेंट के 64 वर्षीय पिता फ्रेडी और 36 साल की बहन काटिया भी अगले दिन राजधानी हवाना के पास स्थित 'ला गिनेरा' में हो रहे जन प्रदर्शनों में शामिल हो गए. दो दिनों तक चले इन जन प्रदर्शनों में 'ला गिनेरा' के प्रोटेस्ट सबसे हिंसक रहे थे.
आंकड़ों के मुताबिक, प्रदर्शनों के दौरान केवल एक जान गई. और वह मौत 'ला गिनेरा' में ही हुई थी. फ्रेडी बेरुत की 59 वर्षीय पूर्व पत्नी सोइला रोड्रिगेज बताती हैं कि 12 जुलाई, 2021 को फ्रेडी प्रोटेस्ट में हिस्सा लेकर अपनी मोटर साइकिल से घर लौट रहे थे. रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
मोबाइल से वीडियो पर मिली 20 साल की कैद
सात दिन बाद सुरक्षा बलों ने काटिया को बुलाया. काटिया को यकीन था कि उसके पास डरने की कोई वजह नहीं है. इसीलिए वह सुरक्षा बलों के बुलाने पर गई भी. लेकिन सरकारी अभियोजकों ने उस पर अपने मोबाइल से प्रदर्शनों की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगाया. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अभियोजन पक्ष ने चार्जशीट में लिखा कि काटिया इस वीडियो को पब्लिश करना चाहती थी. वह दूसरों को भी बगावत के लिए उकसाना चाहती थी.
क्यूबालैक्स नाम के मानवाधिकार संगठन के मुताबिक, फ्रेडी और काटिया उन 158 लोगों में हैं, जिन्हें राजद्रोह का दोषी मानकर सजा सुनाई गई है. दोनों को मुकदमा शुरू होने से पहले महीनों जेल में बंद रखा गया. फिर क्रिसमस के दो दिन पहले उन्हें 20-20 साल जेल की सजा सुनाई गई है.
क्यूबा में कोहराम की कहानी
क्यूबा में हर रोज सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हजारों लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. भोजन की कमी और बढ़ती कीमतों के विरोध में हाल के दिनों में प्रदर्शन और भड़के हैं. देखिए क्यूबा में किस तरह मचा कोहराम.
तस्वीर: picture alliance / ASSOCIATED PRESS
आखिर किस बात का विरोध?
11 जुलाई से क्यूबा में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, जो कि अगले दिन भी जारी रहे. प्रदर्शनकारियों ने भोजन की कमी, रहने की बढ़ती लागत और सरकार के खिलाफ अन्य शिकायतों पर गुस्सा जाहिर किया. पिछले कई दशकों में पहली बार लोग सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं.
तस्वीर: Alexandre Meneghini/Reuters
ऐसे फैला विरोध प्रदर्शन
11 जुलाई को क्यूबा की राजधानी हवाना में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर सरकार का विरोध करने उतरे थे. 13 जुलाई को विरोध पूरे देश में फैल गया. आम लोग अलग-अलग इलाकों में सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.
क्यूबा के गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि 36 वर्षीय ड्यूबिस लॉरेन्सियो तेजेडा 13 जुलाई को अरोयो नारंजो इलाके में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. पुलिस के साथ हुई झड़प में उनकी मौत हो गई.
तस्वीर: Alexandre Meneghini/Reuters
पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस शांतिपूर्ण भीड़ पर बेरहमी से अत्याचार कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस से भिड़ंत में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए.
तस्वीर: Stringer/Reuters
हिरासत और गिरफ्तारियां
पुलिस ने अभी यह नहीं बताया है कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक अकेले 13 जुलाई को ही सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
तस्वीर: picture alliance / ASSOCIATED PRESS
सरकार के पक्ष में भी
सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच सरकार के समर्थक भी सड़कों पर उतर आए हैं. कहीं-कहीं उनकी प्रदर्शनकारियों से झड़प भी हुई है. कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख और देश के राष्ट्रपति मिगेल डियाज-कैनल ने विरोध प्रदर्शनों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया.
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क्या कह रही सरकार
क्यूबा के राष्ट्रपति और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मिगेल डियाज-कैनल का कहना है कि अमेरिका "सामाजिक अशांति को भड़काने के लिए आर्थिक घुटन की नीति" का अनुसरण कर रहा है.
तस्वीर: Yamil LageAFP/Getty Images
सोशल मीडिया पर शिकंजा
वैश्विक इंटरनेट निगरानी कंपनी नेटब्लॉक्स के मुताबिक अधिकारियों ने फेसबुक और व्हॉट्सऐप समेत सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है.
तस्वीर: Stringer/Reuters
अमेरिका की प्रतिक्रिया
वॉशिंगटन ने क्यूबा से इंटरनेट प्रतिबंधों को समाप्त करने और "ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से संचार के सभी साधनों को खोलकर लोगों की आवाज के प्रति सम्मान" दिखाने का आग्रह किया है. क्यूबा पर लगभग 60 सालों से अमेरिकी प्रतिबंध लगे हैं.
तस्वीर: Ismael Francisco/AP/picture alliance
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सोइला रोड्रिगेज कहती हैं, "मेरी बेटी के पिता फ्रेडी अब जीते-जी जेल से बाहर नहीं आएंगे. वह 64 साल के हैं." उधर एक्सेंट बेरुत पर भी अव्यवस्था फैलाने के आरोप में अलग मुकदमा चला. उन्हें चार साल कैद की सजा मिली है.
प्रदर्शन खत्म होने के महीनों बाद भी निशाना बना रही है सरकार
क्यूबालैक्स ने बताया कि 11 और 12 जुलाई, 2021 को हुए जन प्रदर्शनों में दर्जनों लोग घायल हुए. 1,355 लोगों को हिरासत में लिया गया. इनमें से 719 अभी भी जेल में हैं. क्यूबा की सरकार ने इन जन प्रदर्शनों को दबाने के लिए बहुत सख्ती दिखाई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा भी हुई. मगर क्यूबन सरकार अभी भी प्रदर्शनकारियों को निशाना बना रही है.
हाल ही में जारी 'ह्यूमन राइट्स वॉच' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनता में खौफ पैदा करने और असहमतियों को कुचलने के लिए सरकार ने और भी सैकड़ों लोगों को पकड़ा है. कई लोग बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए पकड़े गए. उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया गया. कुछ को यातनाएं भी दी गईं.
पीड़ितों की नाराजगी
सोइला रोड्रिगेज कहती हैं, "पहले मेरे पति और बेटी पर अव्यवस्था फैलाने का आरोप दर्ज किया गया. इसे बाद में बदलकर राजद्रोह कर दिया गया." काटिया के जेल में होने के चलते उनके नौ साल के बेटे की जिम्मेदारी भी सोइला पर आ गई है.
उनका समय जेल के चक्कर लगाने और नाती की परवरिश में बीत रहा है. वह बताती हैं, "मैं, मेरा परिवार और वे तमाम लोग जिन्हें ये सब झेलना पड़ रहा है, बहुत नाराज हैं. एक देश में शांति से विरोध प्रदर्शन करने वालों को 20 साल कैद की सजा दी जाती है, यह बात समझ के परे है."
जीवन काटने के लिए क्या कुछ नहीं कर रहे क्यूबा के बुजुर्ग
क्यूबा के पेंशन सिस्टम में महिलाओं के लिए रिटायरमेंट उम्र 60 साल है तो पुरुषों के लिए 65 साल. बहुत कम वेतन का मतलब है कि महीने की पेंशन नौ यूरो (700 रुपये) से भी कम होगी. क्यूबा के बुजुर्गों के लिए हर दिन एक संघर्ष है.
तस्वीर: DW/S. Derks
एक टेलीविजन सेट की चाहत
अपने घर के बाहर बैठे 89 साल के एंजेल जूलियो सोजा कैटिलो ने अपना पूरा जीवन क्यूबा के दक्षिणी तट पर बसे जिले सेन लेजारो में बिता दिया. 40 साल तक उन्होंने निर्माण क्षेत्र में काम किया और अब उन्हें बतौर पेंशन 200 पेसोस मतलब 515 रुपये महीने मिलते हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह किस चीज की कमी महसूस करते हैं तो वह जवाब देते हैं, "सुंदर लड़कियों को देखने के लिए सिर्फ एक टेलीविजन सेट नहीं है."
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सब के पास राशन कार्ड
क्यूबा के सभी लोगों के पास राशन कार्ड "लिब्रेटा" होता है, जिसके जरिए लोगों को हर महीने सस्ते दामों पर राशन मिलता है. अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते यह राशनिंग और भी सख्त हो गई और वेनेजुएला की बिगड़ती स्थिति ने क्यूबा को काफी नुकसान पहुंचाया है.
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गुमटी पर टैक्स
राउल बाउजा हवाना स्थित अपने घर के बाहर बैठे हैं. उनका घर तीन साल पहले एक तूफान में ढह गया था. उन्हें बतौर पेंशन 240 पेसो मतलब तकरीबन 700 रुपये मिलते हैं. हर महीने उन्हें अपनी यह छोटी सी गुमटी चलाने के लिए 500 पेसो का टैक्स देना पड़ता है जो उनकी पेंशन से ज्यादा है. हालांकि मियामी में रहने वाले उनके भाई हर महीने बाउजा को कुछ पैसे भेजते हैं.
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नौकरी के साथ मिलता खाना
एबारिस्टो देया देया 85 साल के हैं और हवाना की एक प्रिंट शॉप में बॉक्स बंद करने का काम करते हैं. अपनी इस नौकरी से उन्हें अतिरिक्त 300 पेसो मिलेते हैं, साथ ही बॉस उन्हें फ्री में नाश्ता और दोपहर का खाना भी देता है. वह अपनी इस नौकरी से खुश हैं क्योंकि यह नौकरी उन्हें अहसास कराती है कि वे अब भी समाज का हिस्सा है और अहम हैं.
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पर्यटकों का इंतजार
एयदा गुय्रेरेरोस ब्लांको 92 साल की हैं और हर महीने महज 120 पेसो में गुजारा चलाती हैं. ये पूर्वी क्यूबा के बायामो शहर में रहती हैं. अपने घर के आसपास वह रास्ता भटक जाने वाले पर्यटकों की मदद करने की कोशिश करती हैं ताकि वे खुश होकर उन्हें कुछ पैसे दे जाएं.
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मिठाई और बिस्किट बेचते हैं
90 साल के मिकेल कल्जादा क्यूबा के त्रिनिदाद शहर में अपने घर के बाहर बैठे हुए हैं. मिकेल घर के बाहर एक गुमटी लगाते हैं, जिसमें वह मिठाई और कुकीज बेचते हैं ताकि उन्हें पेंशन के अतिरिक्त भी कुछ पैसे मिल सकें.
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रियल एस्टेट में सक्रिय
80 साल के मारियो दिया हवाना में रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी बाजार में मध्यस्थ की भूमिका में काम करते हैं. अगर वह घर बेचने में सफल होते हैं तो उन्हें बिकने वाली कीमत का 10 फीसदी हिस्सा मिलता है. अगर घर को किराये पर चढ़ाते हैं या अदला-बदली कराते हैं तो उन्हें कुछ पैसे मिल जाते हैं. साल 2018 में उन्होंने दो घर बेचे थे जिसके चलते उन्हें तकरीबन 1300 यूरो की अतिरिक्त कमाई हुई थी.
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नौकरी में बने रहे
रोडोल्फो एगुइलर गोंजालेज 66 साल के हैं और देश के पूर्वी शहर होल्गिन में एक जल इंस्पेक्टर के रूप में काम करते हैं. हालांकि वह 65 साल की उम्र में रिटायर हो सकते थे लेकिन उन्हें काम करते रहना और लोगों से बातचीत करना अच्छा लगता है. क्यूबा में एक कानून है जिसके तहत लोग रिटायरमेंट के बाद कम मेहनत का काम कर सकते है. लेकिन रोडोल्फो को काम ना मिलने का डर था, इसलिए उन्होंने अपना पुराना काम जारी रखा.
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सामान बेचकर चलाती गुजारा
86 साल की लीडिया हेरेडिया ग्रिनोम अपनी सौतेली बेटी के साथ रहती हैं जो बीमार है और उसे देखभाल की जरूरत है. 15 साल पहले उनके पति की मौत हो गई थी. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह सड़क पर सिगरेट और प्लास्टिक की थैलियां बेचती हैं. (सने डर्क्स/एए)
तस्वीर: DW/S. Derks
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झूठे आरोप में 30 साल की जेल!
'ला गिनेरा' के एक और प्रदर्शनकारी, 36 वर्षीय डेरॉन मार्टिन रोड्रिगेज को 30 साल जेल की सजा मिली है. उनकी मां एस्मेराल्डा रोड्रिगेज के मुताबिक, उनका बेटा कबूतरों के लिए दाना खरीदने बाजार गया था. वहां प्रदर्शन हो रहे थे. एस्मेराल्डा अभी इक्वाडोर में रहती हैं. यहीं से फोन पर बात करते हुए उन्होंने एएफपी को बताया, "प्रदर्शन देखकर डेरॉन वहां रुक गया. उसने अपने पिता को भेजने के लिए मोबाइल से एक वीडियो बनाया."
प्रशासन ने डेरॉन को गिरफ्तार करके उस पर पुलिस के ऊपर पत्थर और बोतलें फेंकने के आरोप में केस दर्ज किया. 36 साल के डेरॉन को अब 66 की उम्र में जेल से रिहाई मिलेगी. एस्मेराल्डा बताती हैं, "मेरे बेटे ने फोन पर कहा कि उन्होंने उसकी जिंदगी तबाह कर दी है."
कास्त्रो के बाद कैसा है क्यूबा
फिदेल कास्त्रो भले अब ना रहे हों, लेकिन क्यूबा पर उनकी छाप हर जगह देखी जा सकती है. लेकिन कुछ चीजें बदल भी रही हैं. देश में पर्यटन बढ़ रहा है, अमेरिका से रिश्ते सुधर रहे हैं और इन सब बातों का असर आम जिंदगी पर पड़ रहा है.
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मस्ती की जगह
यह है हवाना का पासेओ दो प्रादो इलाका. यहीं एल कैपितोलो इमारत है जो 1959 में क्यूबा की क्रांति होने तक देश की सत्ता का केंद्र हुआ करती थी. लेकिन अब ये लोगों के मिलने जुलने की जगह बन गई है. यहां क्यूबा के लोग आते हैं, गपशप करते हैं और कई तरह के गेम खेलते हैं.
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क्यूबा के नए लड़ाके
हवाना के पुराने इलाके में यह है एक बॉक्सिंग स्कूल, जहां बच्चों को इस खेल का पहला पाठ पठाया जा रहा है. क्यूबा ने दुनिया को कई नामचीन बॉक्सर दिए हैं.
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सच हुआ सपना
मिरता गोमेज अब रिटायर हो चुकी हैं. वह कहती हैं, “क्यूबा की सरकार ने मेरे सपने को सच किया और मुझे नर्स बनने में मदद की.” क्रांति से पहले क्यूबा में पढ़ाई के ज्यादातर अवसर अमीर लोगों के पास ही थे. इन दिनों गोमेज का नया शौक है फूल बेचना.
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उभरता क्यूबा
पूरे हवाना शहर में इमारतों की मरम्मत का काम हो रहा है ताकि अमेरिकी सैलानियों को फिर से आकर्षित किया जा सके. होटल, रेस्तरां और कारोबारी लिहाज से कुछ निजी इमारतें भी बनाई जा रही है और सरकार इसमें मदद कर रही है.
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क्रांति क्या है
75 साल के फ्रांसुआ ओरोसा कम्युनिस्ट पार्टी का अखबार ग्रैनमा पढ़ते हुए ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. कार मैकेनिक ओरोसा का कहना है, “जो फिदेल और क्रांति ने शुरू किया था, क्यूबा के लोग उसे बनाए रखेंगे. हो सकता है कि हम अमीर ना हो, लेकिन क्यूबा के हर व्यक्ति के पास खाना, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और घर है. यही चीजें क्रांति हैं.”
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ये है क्यूबा
प्लाजा सेंट्रल में चलती पुरानी अमेरिकी कारों से सैलानियों को तस्वीरें लेना बहुत पसंद हैं. दशकों तक लगे रहे अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण क्यूबा के लोगों के पास 1950 और 1960 के दशक की गाड़ियों के अलावा कोई और चारा नहीं था. लेकिन अब कोरियाई, चीनी और कुछ यूरोपीय कार कंपनियां क्यूबा के बाजार में दाखिल हो रही हैं. पुरानी कारें अब भी टैक्सी या फिर पर्यटन के लिए इस्तेमाल होती हैं.
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इंटरनेट का असर
हवाना की इस जानीमानी स्ट्रीट पर क्यूबा के लोग अपने ईमेल चेक कर सकते हैं और कुछ वेबसाइटें देख सकते हैं जिन्हें सरकार से मंजूरी मिली हुई है. 2015 में क्यूबा की सरकार ने 35 सार्वजनिक स्थलों पर पहली बार मुफ्त वाईफाई सुविधा मुहैया कराई. हालांकि वहां इंटरनेट को काफी हद तक सेंसर किया जाता है और निजी घरों में उसका इस्तेमाल अब भी गैर कानूनी है.
तस्वीर: Mauro Pimentel
बढ़ेंगे पर्यटक
क्यूबा पहुंचने वाले पर्यटकों में सबसे ज्यादा कनाडा के लोग शामिल हैं. लेकिन अमेरिका के साथ सीधी उड़ान और क्रूज शिप सेवा शुरू होने के बाद अमेरिकी पर्यटकों की संख्या में इस साल इजाफा होने की उम्मीद है.
तस्वीर: Mauro Pimentel
अमेरिकियों की नजर
द्वीपीय देश होने के नाते मछली पालन क्यूबा की संस्कृति का अहम हिस्सा है. मछलियां क्यूबा के सबसे अहम निर्यातों में से एक हैं. बहुत से लोगों के लिए यह पीढ़ियों से रोजीरोटी का जरिया है. इसके अलावा, अमेरिकी टूरिज्म कंपनियों की नजर पहले ही क्यूबा के चमकते तटों पर है. (रिपोर्ट: Mauro Pimentel, Kait Bolongaro)
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मुकदमों पर सवाल
क्यूबालैक्स की निदेशक लारित्जा डाइवरसेंट ने एएफपी से कहा कि इतनी सख्त सजाएं इसलिए दी जा रही हैं, ताकि लोगों में डर बैठ जाए. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों पर चलाए गए मुकदमों में कानूनी प्रक्रिया का सही तरह पालन नहीं हुआ. आरोपियों को बचाव के लिए स्वतंत्र वकील नहीं दिए गए. बंद दरवाजों के पीछे मुकदमे चलाए गए.
वह बताती हैं, ''उनके पास सबूत के नाम पर ज्यादातर स्टेट एजेंटों के बयान ही हैं. ये वही लोग हैं, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की थी.'' लेकिन साक्ष्य के तौर पर जो वीडियो जमा किए गए हैं, उनमें कभी भी पुलिस की ज्यादतियां नहीं दिखती हैं.
जारी है संघर्ष
कुछ पीड़ितों के परिवार अब भी संघर्ष कर रहे हैं. 34 साल के ऐंडी लोरेन्जो 11 जुलाई को सेंटा क्लैरा में गिरफ्तार किए गए थे. इस हफ्ते उन पर मुकदमा शुरू होगा. अभियोजन पक्ष ने उन पर अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने ऐंडी के लिए सात साल जेल की सिफारिश की है. उधर ऐंडी का परिवार एक मुहिम चला रहा है.
वे न केवल कैदियों के लिए खाना जमा कर रहे हैं, बल्कि क्यूबा में मौजूद विदेशी दूतावासों से अपील कर रहे हैं कि वे ऐंडी के मुकदमे का मुआयना करने के लिए अपने पर्यवेक्षक भेजें. वहीं क्यूबा के अधिकारी देश में राजनैतिक कैदियों की मौजूदगी से इनकार करते हैं. वे सरकार के विपक्ष को अवैध मानते हैं. आरोप लगाते हैं कि विरोधियों को अमेरिका से आर्थिक मदद मिल रही है. क्यूबा में ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शनों के बाद नया साइबर सुरक्षा आदेश
विरोध प्रदर्शनों की वजह क्या थी?
जुलाई 2021 में क्यूबा की सरकार देश में बड़े स्तर पर हुए जन प्रदर्शनों के निशाने पर थी. कम्युनिस्ट सरकार के राष्ट्रपति हैं मिगेल दिएज कनेज. जनता का आरोप है कि मिगेल सरकार बदतर हो चुकी अर्थव्यवस्था को ठीक करने में बिल्कुल नाकाम साबित हुई है. देश की अर्थव्यवस्था पहले से बदहाल थी. अमेरिका ने दशकों से उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए थे. ओबामा कार्यकाल में प्रतिबंध कुछ ढीले हुए. मगर डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने क्यूबा पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध बढ़ा दिए.
पहले से मौजूद इन परेशानियों के बीच कोराना के चलते क्यूबा की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई. कोविड के चलते पर्यटन सेक्टर करीब-करीब समूचा ठप हो गया. पर्यटन क्यूबा की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहमियत रखता है. इसके प्रभावित होने के कारण लाखों लोगों की आमदनी पर संकट आ गया. विदेशी मुद्रा की आमद भी कम हो गई.
विदेश से अनाज और बाकी जरूरी चीजें आयात करना भी मुश्किल हो गया. क्यूबा में खाने-पीने की चीजों की किल्लत हो गई. यहां तक कि बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी संसाधन भी नहीं बचे. जुलाई 2021 में हुए प्रदर्शनों के पीछे ये सारे कारण शामिल थे. ये प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण थे कि 1959 की क्यूबन क्रांति के बाद से वहां इतने बड़े स्तर पर जन प्रदर्शन नहीं हुए थे.
प्रदर्शनों में लोकप्रिय हुआ नारा
प्रदर्शनों में कुछ जगहों पर अर्नेस्टो चे ग्वेरा द्वारा दिए गए नारे "पातरिया ओ मोएरते" में बदलाव करके "पातरिया य विदा" का नारा भी लगाया गया. "पातरिया ओ मोएरते" का अर्थ होता है, मातृभूमि या मृत्यु. इसका तात्पर्य था कि अगर मातृभूमि की स्वतंत्रता, इसके हितों के लिए जान भी देनी पड़े, तो मंजूर है. जुलाई 2021 में प्रदर्शनकारियों ने इसे बदलकर कहा कि उन्हें देश और जिंदगी, दोनों चाहिए. यह नारा फरवरी 2021 में क्यूबा के पांच कलाकारों द्वारा बनाए गए एक गाने से प्रभावित था. रिलीज होने के बाद से ही यह गाना क्यूबा में काफी लोकप्रिय हो गया.
क्यूबा सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मंशा पर सवाल खड़ा करके प्रोटेस्ट की वैधता खत्म करने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों को देश विरोधी साबित करने के प्रयत्न किए गए. खबरों के मुताबिक, राष्ट्रपति ने टेलिविजिन पर प्रसारित अपने संदेश में जनता को क्यूबा की क्रांति की याद दिलाते हुए कहा कि क्यूबा क्रांतिकारियों की जमीन है. प्रदर्शनकारी एक साजिश के तहत सड़कों पर उतरे हैं. जानकारों का कहना है कि जन विरोध को विदेशी साजिश बताकर सरकार प्रदर्शनकारियों पर दमन को उचित ठहराने की कोशिश कर रही थी.