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कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसैनिक: भारतीय कूटनीति की सफलता?

१२ फ़रवरी २०२४

कतर में कभी मृत्युदंड का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों में से सात वापस भारत लौट आए हैं. उन्हें सजा दिए जाने के कारण को लेकर अभी भी रहस्य बना हुआ है.

प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानीतस्वीर: Harish Tyagi/EPA/dpa/picture alliance

भारतीय नौसेना के आठों कर्मियों में से सात सोमवार की सुबह वापस भारत पहुंच गए. सातों एक फ्लाइट से नई दिल्ली पहुंचे. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि सिर्फ कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी नहीं लौटे हैं लेकिन बाकी सातों की ही तरह उनकी भी सजा को माफ कर दिया गया है.

लिहाजा, उम्मीद की जा रही है कि वो भी जल्दी भारत वापस आ जाएंगे. मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा कि जा रहा है कि सभी पूर्व नौसैनिकों के परिवारों को उनकी रिहाई और वापस यात्रा के बार में उनके विमान पर चढ़ जाने के बाद ही बताया गया.

इनमें से कुछ पूर्व नौसैनिकों ने दिल्ली हवाई अड्डे पर मीडिया से बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर को उनकी रिहाई के लिए धन्यवाद दिया. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कतर के अमीर को धन्यवाद दिया.

रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक मंत्रालय ने कहा, "हम इन भारतीय नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को मुमकिन बनाने के कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं."

क्या था मामला

आठों पूर्व नौसैनिक कतर की राजधानी दोहा में वहां की एक कंपनी 'दहरा ग्लोबल' के लिए काम करते थे. उन्हें अगस्त, 2022 में गिरफ्तार कर लिया गया था. ना कतर ने कभी उनके खिलाफ आरोपों के बारे में सार्वजनिक रूप से बताया और ना भारत ने.

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इन पर इस्राएल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए गए थे. अक्तूबर, 2023 में उन्हें मृत्युदंड की सजा दिए जाने के बाद भारत में काफी आक्रोश पैदा हो गया और दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों पर भी इस मामले की छाया पड़ने लगी.

भारत अपनी 40 फीसदी एलएनजी कतर से हासिल करता है. यह तस्वीर दोहा से करीब 80 किलोमीटर दूर देश में एनएनजी के उत्पादन की मुख्य साइट की है.तस्वीर: Karim Jaafar/AFP/Getty Images

भारत सरकार और कतर सरकार के बीच कई हफ्तों तक बातचीत चली और दिसंबर में मृत्युदंड की सजा को रोक दिया गया और तीन साल से 25 साल तक जेल की सजा दी गई. जेल की सजा से माफी और भारत वापस भेजने के बारे में कोई जानकारी भारत सरकार ने अभी तक नहीं दी है.

कैसे हुई रिहाई

आठों की भारत वापसी से कुछ ही दिन पहले भारत और कतर की कंपनियों के बीच एलएनजी की सप्लाई के लिए अभी तक सबसे बड़ी संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इसके पहले दिसंबर में दुबई में आयोजित किए गए सीओपी28 जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मिले थे.

आधिकारिक बयान के मुताबिक दोनों के बीच "कतर में रह रहे भारतीय समुदाय के कल्याण" को लेकर चर्चा हुई थी. कतर में आठ लाख से भी ज्यादा भारतीय रहते और काम करते हैं. भारत अपनी 40 फीसदी तरल प्राकृतिक गैस या एलएनजी कतर से हासिल करता है.

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