कतर में कभी मृत्युदंड का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों में से सात वापस भारत लौट आए हैं. उन्हें सजा दिए जाने के कारण को लेकर अभी भी रहस्य बना हुआ है.
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भारतीय नौसेना के आठों कर्मियों में से सात सोमवार की सुबह वापस भारत पहुंच गए. सातों एक फ्लाइट से नई दिल्ली पहुंचे. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि सिर्फ कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी नहीं लौटे हैं लेकिन बाकी सातों की ही तरह उनकी भी सजा को माफ कर दिया गया है.
लिहाजा, उम्मीद की जा रही है कि वो भी जल्दी भारत वापस आ जाएंगे. मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा कि जा रहा है कि सभी पूर्व नौसैनिकों के परिवारों को उनकी रिहाई और वापस यात्रा के बार में उनके विमान पर चढ़ जाने के बाद ही बताया गया.
इनमें से कुछ पूर्व नौसैनिकों ने दिल्ली हवाई अड्डे पर मीडिया से बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर को उनकी रिहाई के लिए धन्यवाद दिया. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कतर के अमीर को धन्यवाद दिया.
कौन हैं कतर के अमीर?
कतर के वर्तमान और देश के आठवें अमीर हैं शेख तमीम बिन हमद अल थानी. 2013 में अपने पिता के बाद सत्ता संभालने वाले शेख थानी ने केवल 33 साल की उम्र में गद्दी संभाली. आइए जानें कतर के अमीर के बारे में कुछ और बातें.
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सबसे युवा अमीर
कतर के इतिहास में सबसे कम उम्र में अमीर बनने वालों में शेख तमीम का नाम शामिल है. उनके पिता शेख हमद बिन खलीफा अल थानी ने दो दशकों तक शासन किया था.
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बड़े भाई हटे
सातवें अमीर शेख खलीफा अल थानी ने 2003 में ही अपने चौथे बेटे को अपना उत्तराधिकारी बनाया, जब उनके बड़े बेटे खुद किनारे हट गये.
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ब्रिटिश शिक्षा
शेख तमीम ने ब्रिटेन में पढ़ाई की. यूके के शेरबॉर्न स्कूल, हैरो स्कूल और फिर रॉयल मिलिट्री एकेडमी से वे सन 1998 में ग्रेजुएट होकर निकले.
कतर नेशनल ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष, कतर की सेना के उप प्रमुख और 2022 के कतर फीफा विश्व कप की आयोजन समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं शेख तमीम. तस्वीर में फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर के साथ शेख हमद.
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स्वागत हुआ
सऊदी अरब, यूएई जैसे देशों के शेखों ने 2013 में शेख तमीम को कतर की गद्दी संभालने के मौके पर बधाइयां भेजीं और अपने देशों के साथ भाईचारा बनाये रखने की उम्मीद जतायी.
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गद्दी का खेल
शेख तमीम के पिता और कतर के सातवें अमीर शेख हमद बड़े अनोखे तरीके से गद्दी पर बैठे. 1995 में जब उनके पिता और छठे अमीर विदेश गये थे, पीछे से उन्होंने खुद को नया अमीर घोषित कर दिया.
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अर्थव्यवस्था और अमीर
कतर में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार हैं जो अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं. सन 1995 के 8 अरब डॉलर से बढ़कर कतर की अर्थव्यवस्था 2010 में 174 अरब डॉलर की हो गयी.
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अरब नीति और अमीर
शेख हमद के काल में कतर ने व्यावहारिक नीति अपनाते हुए कई देशों से संबंध बनाये. फलस्तीन के आंतरिक विभाजन जैसे कई क्षेत्रीय मुद्दों पर मध्यस्थ की भूमिका में रहा. सीरियाई विपक्ष का भी समर्थन किया.
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विदेश नीति और अमीर
कई दशकों से कतर के मिलिट्री बेस से युद्धक विमान उड़ाने वाले अमेरिका से शेख हमद ने करीबी संबंध विकसित किये. दूसरी तरफ कतर ने बाकी अरब देशों से अलग रुख रखते हुए ईरान से भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाये.
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अरब परिवार में झगड़ा
2014 में खाड़ी सहयोग परिषद में विवाद छिड़ा. सऊदी अरब, यूएई और बहरीन ने "आतंकी संगठन" मुस्लिम ब्रदरहुड का समर्थन करने के लिए शेख तमीम की आलोचना की. नाराज देशों ने कतर ने राजनयिक वापस लौटा दिये. कई महीनों बाद जाकर सुलह हुई.
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संबंधों पर भारी 2017
2017 की शुरुआत से ही नये विवाद भी शुरू हुए. कतर न्यूज एजेंसी पर हैकर्स का हमला हुआ और शेख तमीम के हवाले से अमेरिकी विदेश नीति की निंदा करते हुए कुछ बयान लीक कर दिये गये. इससे नाराज कई अरब देशों ने कतर से संबंध तोड़ लिए.
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कतर में भारतीय
कतर की 25 लाख की कुल आबादी में करीब 88 फीसदी लोग भारत, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से पहुंचे प्रवासी कामगार ही हैं. यहां भारत के करीब 650,000 मजदूर काम करते हैं और कतर का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं.
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रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक मंत्रालय ने कहा, "हम इन भारतीय नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को मुमकिन बनाने के कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं."
क्या था मामला
आठों पूर्व नौसैनिक कतर की राजधानी दोहा में वहां की एक कंपनी 'दहरा ग्लोबल' के लिए काम करते थे. उन्हें अगस्त, 2022 में गिरफ्तार कर लिया गया था. ना कतर ने कभी उनके खिलाफ आरोपों के बारे में सार्वजनिक रूप से बताया और ना भारत ने.
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इन पर इस्राएल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए गए थे. अक्तूबर, 2023 में उन्हें मृत्युदंड की सजा दिए जाने के बाद भारत में काफी आक्रोश पैदा हो गया और दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों पर भी इस मामले की छाया पड़ने लगी.
भारत सरकार और कतर सरकार के बीच कई हफ्तों तक बातचीत चली और दिसंबर में मृत्युदंड की सजा को रोक दिया गया और तीन साल से 25 साल तक जेल की सजा दी गई. जेल की सजा से माफी और भारत वापस भेजने के बारे में कोई जानकारी भारत सरकार ने अभी तक नहीं दी है.
कैसे हुई रिहाई
आठों की भारत वापसी से कुछ ही दिन पहले भारत और कतर की कंपनियों के बीच एलएनजी की सप्लाई के लिए अभी तक सबसे बड़ी संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इसके पहले दिसंबर में दुबई में आयोजित किए गए सीओपी28 जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मिले थे.
आधिकारिक बयान के मुताबिक दोनों के बीच "कतर में रह रहे भारतीय समुदाय के कल्याण" को लेकर चर्चा हुई थी. कतर में आठ लाख से भी ज्यादा भारतीय रहते और काम करते हैं. भारत अपनी 40 फीसदी तरल प्राकृतिक गैस या एलएनजी कतर से हासिल करता है.