पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ से अब तक 154 लोगों की मौत
९ अगस्त २०२४
पाकिस्तान में हाल ही में हुई भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण पिछले छह हफ्तों में कुल 154 लोग मारे गए हैं, जबकि देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश अभी भी जारी है.
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दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान में प्राकृतिक आपदाओं और उनके प्रभावों से निपटने वाली राष्ट्रीय संस्था, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों ने गुरुवार, 8 अगस्त को समाचार एजेंसी एपी को बताया कि 1 जुलाई से कई इलाकों में भारी बारिश जारी है.
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान में लगभग छह सप्ताह से जारी मॉनसूनी बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 154 हो गई है. देश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश जारी है, जिससे कुछ गांव पूरी तरह डूब गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल दक्षिणी सिंध प्रांत के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 2,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में हैं.
पाकिस्तान: पिछले साल की बाढ़ से अब भी परेशान महिला किसान
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शहर और गांव डूबे
इन चरम मौसम की स्थिति के कारण बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत के दूरदराज के इलाकों में बागान भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि पंजाब प्रांत की राजधानी और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर में भी कई सड़कों पर बारिश का पानी भर गया.
वहीं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर क्षेत्र में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं हैं. आपदा एजेंसी और प्रांतीय अधिकारियों के मुताबिक 154 मौतों में से अधिकतर मौतें पूर्वी पंजाब और उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हुईं.
पाकिस्तान इस समय वार्षिक मॉनसून सीजन के मध्य से गुजर रहा है, जो आमतौर पर जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है. पर्यावरण वैज्ञानिकों और मौसम विज्ञानियों के मुताबिक हाल के वर्षों में पाकिस्तान में भारी बारिश वैश्विक जलवायु परिवर्तन का हिस्सा है.
पाकिस्तान पर जलवायु परिवर्तन का असर
गुरुवार को सहायता समूह इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी ने कहा कि वह पाकिस्तान में आपदा से निपटने के लिए और तैयारी कर रहा है, क्योंकि आने वाली बारिश से लाखों लोगों के जीवन और आजीविका को खतरा है. पाकिस्तान में समूह की निदेशक शबनम बलोच ने एक बयान में कहा, "हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावित समुदायों को समय पर और पर्याप्त सहायता मिले ताकि इस मानवीय संकट को और गहराने से रोका जा सके."
पाकिस्तान में साल 2022 में लगातार भारी बारिश के बाद आई बाढ़ इतनी विनाशकारी थी कि देश का लगभग एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया था. दो साल पहले आई इस बाढ़ से देशभर में 1,739 लोगों की मौत हो गई थी और पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को कुल 30 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.
बाढ़ ने 30,000 स्कूलों, 2,000 स्वास्थ्य सुविधाओं और 4,300 जल आपूर्ति प्रणालियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था.
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के एक प्रतिशत से भी कम के लिए जिम्मेदार है. जबकि वह जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है.
एए/सीके (एपी)
60 साल में पाकिस्तान का सबसे अधिक भीगा अप्रैल
पाकिस्तान में इस साल 1961 के बाद सबसे अधिक बारिश वाला अप्रैल रहा. आमतौर पर जितनी बारिश यहां होती है, इस साल उससे दोगुनी हुई है. इसके नतीजे में 144 लोगों की मौत हो चुकी है.
तस्वीर: AFP/Getty Images
दोगुनी बारिश
अप्रैल के महीने में इस साल पाकिस्तान में 59.3 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह 22.5 मिलीमीटर के औसत के दोगुने से भी ज्यादा है.
एशिया के ज्यादातर इलाके इस समय लू और ऊंचे तापमान से जूझ रहे हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान में अप्रैल महीने का औसत तापमान 23.67 डिग्री सेल्सियस था यह सामान्य से करीब 0.87 डिग्री कम है.
पाकिस्तान के बच्चे जलवायु परिवर्तन के कारण पहले से ही खतरा झेल रहे हैं. दिसंबर 2023 में देश के करीब 96 लाख बच्चों को जीवनरक्षा के लिए मानवीय सहायता की जरूरत थी. बारिश का संकट बच्चों के लिए और बुरा होगा.
तस्वीर: Abdul Majeed/AFP/Getty Images
2022 का बाढ़ संकट
2022 में मानसून की बारिश के साथ आई बाढ़ में पाकिस्तान का करीब एक तिहाई हिस्सा डूब गया था. लाखों लोगों को अपना घर छोड़ कर अस्थायी ठिकानों पर शरण लेनी पड़ी. देश की अर्थव्यवस्था को इसकी वजह से करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.
तस्वीर: SHAHID SAEED MIRZA/AFP
सबसे ज्यादा मौत केपीके में
भारी बारिश की वजह से पाकिस्तान में सबसे ज्यादा 84 लोगों की मौत खैबर पख्तूनख्वाह में हुई है. इनमें 38 बच्चे भी शामिल हैं. यहां के 3,500 घर बारिश में गिर गए हैं.
तस्वीर: Abdul Majeed/AFP/Getty Images
सड़क कहीं टूट गई तो कईं डूब गई
पेशावर के खैबर एजेंसी में बारिश के पानी में एक ट्रक डूब गया. चार दिन की भयानक बारिश में यहां कई लोगों की मौत हुई और कई घर और सड़कें तबाह हुईं.
मौसम की चरम स्थिति के साथ पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है उस पर मौसम की मार ने उसकी हालत बिगाड़ दी है.
तस्वीर: Banaras Khan/AFP/Getty Images
जलवायु परिवर्तन का असर
दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आबादी रहती है. पाकिस्तान ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में एक फीसदी से भी कम का योगदान देता है लेकिन ग्लोबल वार्मिंग से उभरे संकट उसे भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं.