इंडोनेशिया के आचेह में भूकंप, 100 से ज्यादा लोगों की मौत
७ दिसम्बर २०१६
इंडोनेशिया के आचेह में आए जबरदस्त भूकंप में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. सैकड़ों लोग घायल हैं और मलबे के नीचे दबे लोगों के कारण मरने वालों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है.
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बुधवार सुबह आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 आंकी गई.
टीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि पीडी जया पीडी जिले में दर्जनों इमारतें जमींदोज हो गई हैं. दुकानें, मस्जिदें और घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए हैं. पीडी जया पीडी सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है. यहां सड़कों पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई हैं. अभी तक लगभग 300 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिनमें से 73 की हालत गंभीर है. आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो नूग्रोहो ने बताया कि 125 घर, 105 दुकानें और 14 मस्जिदें नष्ट हो गई हैं.
देखिए, भूकंप से पहले और भूकंप के बाद
भूकंप से पहले, भूकंप के बाद
भूकंप क्या करता है, ये तस्वीरें आपको बहुत अच्छे से समझा सकती हैं. अमात्रिचे गांव को इटली का सबसे प्यारा गांव माना जाता था. देखिए भूकंप ने उसके साथ क्या किया. भूकंप से पहले और बाद की ये तस्वीरें देखिए...
प्यारा अमात्रिचे
24 अगस्त 2016 को आए भूंकप से पहले अमात्रिचे को इटली में रहने के लिए सबसे आदर्श जगह कहा जाता था. अब हाल देखिए.
चर्च का हाल
सेंट ऑगस्टीन चर्च 15वीं सदी की चर्च थी. इसके गोथिक आर्किटेक्चर के चर्चे दुनियाभर में थे. सब खत्म हो गया.
दर-बदर बेघर
यह पुलिस स्टेशन का हाल है. मेयर स्टेफान पेट्रुची ने बताया कि 2500 लोग बेघर हुए. एक भी घर ऐसा नहीं बचा जिसमें रहा जा सके.
बंद गली का पहला मकान
इस भूकंप में 270 से ज्यादा लोगों की जान गई है. सैकड़ों लोग घायल हुए. यह इटली का दूसरा सबसे घातक भूंकप है.
म्यूजियम इतिहास हो गया
ऐतिहासिक अरकाटा डेल तरोंतो म्यूजियम का दरवाजा बेरंग हो गया. संस्कृति मंत्रालय ने इसे फिर से बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
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बचाव दल के प्रमुख सुयित्नो ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे दबे हैं. उन्होंने बताया, "जो दुकानें गिरी हैं, उनमें बहुत सी ऐसी हैं जिनके ऊपर ही दुकानदारों के घर भी थे. हमने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए तीन मशीनें भेजी गई हैं."
भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 5 बजकर 3 मिनट पर आया. भूकंप का केंद्र पीडी जया के उत्तर में 18 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था. भूकंप जोरदार था लेकिन सूनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई है. जानों का नुकसान इस वजह से भी कम हुआ क्योंकि तब ज्यादातर लोग नमाज के लिए जगे हुए थे. आचेह में एक डॉक्टर अमांडा ने बताया, "मैं बहुत ज्यादा डर गई थी. मैं अब तक भी कांप रही हूं."
तस्वीरों में: आग, तूफान और भूकंप से लड़ने वाले घर
आग, तूफान और भूकंप से लड़ने वाले घर
बर्फीले माहौल में रहने वाले एस्कीमो लोगों के गोल गोल घर याद हैं आपको? भारत और थाइलैंड के बाद अब इंडोनेशिया में भी ऐसे घर बड़े मददगार साबित हो रहे हैं.
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इंडोनेशिया का एस्कीमो विलेज
इंडोनेशिया में नगेलेपेन गांव को 2006 के भूकंप के बाद खास अंदाज में बसाया गया. गरीब तबके के लिए वहां सस्ते और सुरक्षित घर बनाए गए.
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आपदा के बाद
मई 2006 में 5.9 तीव्रता के भूकंप के बाद बांतुल इलाके में बड़ा भूस्खलन हुआ. दासुन सेनगिर नगेलेपेर गांव पूरी तरह जमींदोज हो गया. साल भर बाद वहां नई बस्ती बसाई गई.
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साझा वित्तीय मदद
अप्रैल 2007 में बस्ती का उद्घाटन किया गया. अमेरिका और दुबई समेत कई देशों की गैर सरकारी संगठनों ने वित्तीय मदद दी. सारे मकान 5.3 करोड़ रुपये की मदद से बनाये गए.
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गुंबदनुमा छत
भूकंप को झेलने के बाद ये घर खास डियाजन में बनाए गए. इनकी गुंबदाकार छत भूकंप के झटके बर्दाश्त कर सकती है. हर घर का व्यास सात मीटर और ऊंचाई 4.6 मीटर है.
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आग और तूफान से भी सुरक्षा
छोटे दिखते इन घरों के भीतर दो मंजिलें हैं. गर्मियों में घर ठंडा और बरसात में गर्म रहता है. भूकंपरोधी होने के साथ साथ यह घर आग और तूफानरोधी भी हैं. इनकी 20 सेंटीमीटर मोटी नींव में 200 लोहे के फ्रेम हैं.
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एक जैसी बस्ती
बस्ती के 70 से ज्यादा घर एक जैसे हैं. ज्यादातर घरों में चार लोगों का परिवार रहता है. हर घर में दो दरवाजे, चार खिड़कियां और दो बेडरूम हैं. किचन, लिविंग रूम और बाथरूम अलग से हैं. सामने बच्चों के खेलने के लिए जगह भी है.
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पटरी पर लौटी जिंदगी
गांव की ज्यादातर आबादी खेती से जुड़ी है. पक्की छत मिलने के बाद लोग फिर से अपने कामकाज के आदी हो चुके हैं.
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सारी सुविधाएं
इस बस्ती में पॉलीक्लीनिक, स्कूल और सामुदायिक केंद्र जैसी दूसरी सुविधाएं भी हैं. बच्चों के खेलने के लिए भी पर्याप्त जगह है.
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पूजास्थल
गांव में पूजा करने के लिए भी एक इमारत बनाई गई है.
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पर्यटक केंद्र
घरों की विशेष बनावट के कारण अब यहां पर्यटक भी पहुंचने लगे हैं. थाइलैंड और भारत में भी ऐसे प्रयोग सफल रहे हैं रिपोर्ट: आयु पूर्वानिंगसिह
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/P. Utama
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इंडोनेशिया पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित है. यह ऐसा इलाका है जहां भूकंप और ज्वालमुखीय विस्फोटों का खतरा लगातार बना रहता है. 26 दिसंबर 2004 को सुमात्रा द्वीप पर 9.1 की तीव्रता वाला भूकंप आया था जिसके बाद सूनामी ने कहर बरपाया था. इससे 11 देशों में दो लाख 30 हजार लोगों की मौत हो गई थी. आचेह प्रांत में ही मरने वालों की तादाद एक लाख 80 हजार थी.