ब्राजील के अमेजन जंगलों में कटाई में बड़ी कमी आई है. पिछले एक साल में लूला सरकार की नीतियों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है.
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ब्राजील के अमेजन जंगल में पेड़ों की कटाई पिछले साल के मुकाबले 30.6 फीसदी कम हो गई है. बुधवार को जारी सरकारी रिपोर्ट के अनुसार जंगलों की कटाई 9 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. इसे राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण की कोशिशों का नतीजा माना जा रहा है.
अगस्त 2023 से जुलाई 2024 तक, अमेजन जंगल का 6,288 वर्ग किलोमीटर हिस्सा घट गया. ब्राजील के केंद्रीय इलाके में स्थित सेराडो, जो दुनिया का सबसे ज्यादा जैव-विविधता वाला घास का मैदान है. वहां भी जंगल कटाई 25.7 फीसदी कम हुई. यह पांच साल में पहली बार है जब इस क्षेत्र में पांच सालों में पहली बार कटाई में गिरावट हुई है.
ब्राजील के आदिवासी अमेजन वनों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. अमेजन को कानूनन संरक्षण हासिल है लेकिन सेराडो को इस तरह की कानूनी सुरक्षा हासिल नहीं है, लेकिन इसलिए यहां कटाई में कमी खास मायने रखती है.
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह सफलता कड़ी निगरानी और नियंत्रण की वजह से संभव हुई है. ब्राजील के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आईएनपीई) के डेटा के अनुसार, सरकार की नई नीतियों ने पर्यावरण को नुकसान से बचाने में अहम भूमिका निभाई.
लूला ने बदली पर्यावरण नीति
लूला दा सिल्वा पिछले साल ही ब्राजील के राष्ट्रपति बने. उन्होंने सत्ता में आते ही पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया. उन्होंने 2030 तक अमेजन में जंगल की कटाई को शून्य करने का लक्ष्य रखा है.
तितलियां मिटेंगी तो इंसान भी नहीं बचेगा
लैटिन अमेरिकी देश इक्वाडोर में स्थित अमेजन के जंगलों में रिसर्चरों की एक टीम तितलियों के व्यवहार का अध्ययन कर रही है. वे कीड़ों की आबादी पर जलवायु परिवर्तन का जैसा असर देख रहे हैं, बहुत चिंताजनक है.
तस्वीर: RODRIGO BUENDIA/AFP
बायोइंडिकेटर तितली
इक्वाडोर के अमेजन जंगल में कुयाबेनो वाइल्डलाइफ रिजर्व अपनी समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के लिए प्रसिद्ध है. अगस्त 2023 से जीव वैज्ञानिकों और रेन्जर्स की एक टीम पार्क में तितली की आबादी की निगरानी कर रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि तितलियां तथाकथित बायोइंडिकेटर होती हैं. यह शब्द उन जीवों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिनकी सलामती उनके आसपास के ईकोसिस्टम की सेहत के बारे में संकेत देती है.
तस्वीर: DANIEL MUNOZ/AFP
बदबूदार जाल
अपनी स्टडी के लिए रिसर्चर एक तितली को पकड़ना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने सड़ी हुई मछली और सड़े हुये केले से बना चारा देकर तितली को आकर्षित किया. ऐसा बदबूदार मिश्रण कीड़ों के लिए एक स्वादिष्ट व्यंजन जैसा होता है. इसकी गंझ से वे खिंचे चले आते हैं और फिर शोधकर्ता उन कीड़ों को जाल से पकड़ पाते हैं.
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सावधानीपूर्वक जांच
अध्ययन का नेतृत्व कर रही एलिसा लेवी (दाएं) की टीम पकड़ी गई तितलियों की जांच करती है. शोधकर्ता चिमटी से कीड़ों को उनके छोटे पेट से सावधानीपूर्वक पकड़ते हैं और उनके पंखों पर लेबल लगाते हैं. डॉक्यूमेंटेशन के बाद, अधिकांश तितलियों को छोड़ दिया जाता है.
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छोटा देश, बड़ी विविधता
शोधकर्ता विभिन्न प्रकार की तितलियों का अध्ययन कर रहे हैं. कुछ चमकीले लाल और नीले रंग के हैं, जबकि इस नमूने पर जेब्रा की धारियों जैसा पैटर्न है. अन्य तितलियां कांच की तरह पारदर्शी होती हैं. इक्वाडोर भले ही छोटा हो लेकिन यह एक अत्यंत प्रजाति-समृद्ध देश है, जो लगभग 4,000 तितली प्रजातियों का घर है.
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एक नाजुक संतुलन
लेवी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि उष्णकटिबंधीय पौधे - अलग-अलग मौसम वाले क्षेत्रों के पौधों के उलट - मौसम में अत्यधिक बदलाव के आदी नहीं हैं. यदि वे तेजी से बदलती जलवायु के अनुकूल ढलने में असफल रहते हैं, तो ये पौधे नष्ट हो सकते हैं, और साथ ही इस तरह के तितलियों के लार्वा भी नष्ट हो जाते हैं जो उन्हें खाते हैं.
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खतरे में विविधता
और यहां बिलकुल वही होता हुआ देखा जा रहा है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि केवल कुयाबेनो वाइल्डलाइफ रिजर्व में ही प्रजातियों की संख्या में करीब 10 फीसदी की कमी आई है. वहीं, तितलियों की कुल संख्या में 40 से 50 फीसदी की कमी आ गयी है.
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चिंताजनक गिरावट
राजधानी क्विटो में कैथोलिक विश्वविद्यालय की जीवविज्ञानी मारिया फर्नांडा चेका इस गिरावट को "बहुत महत्वपूर्ण" बताती हैं. अंडे से लेकर कैटरपिलर और वयस्क होने तक के अपने छोटे से जीवनकाल में तितलियां ईकोसिस्टम में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों पर भी बहुत संवेदनशील तरीके से प्रतिक्रिया देती हैं. चेका ने कहा, "यह गिरावट कुछ ऐसी है जो हमें चिंतित करती है."
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अपनी तरह का आखिरी
चेका कहती हैं कि "अमेजन क्षेत्र के कुछ हिस्सों में, प्रजातियों की खोज की दर विलुप्त होने की दर से धीमी है." संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि 40 फीसदी अकशेरुकी परागण कर्ता - विशेष रूप से मधुमक्खियां और तितलियां - वैश्विक स्तर पर विलुप्त होने का जोखिम उठाते हैं, तो उससे खुद मानवता के लिए जोखिम पैदा होते हैं. कारण ये कि दुनिया में तीन-चौथाई फल और बीज की फसलें ऐसे ही परागणकर्ताओं पर निर्भर हैं.
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उनकी यह नीति पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो से बिल्कुल अलग है, जिन्होंने 2019 से 2022 तक सत्ता में रहते हुए अमेजन को आर्थिक विकास के लिए इस्तेमाल करने की वकालत की. बोल्सोनारो के समय में किसानों और सोने के खनन को खुली छूट दी गई, जिससे जंगल कटाई बढ़कर 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई.
हालांकि, अमेजन में पेड़ों की कटाई में कमी आई है, लेकिन गंभीर सूखा और जंगल की आग नई चुनौती बनकर उभरी है. बुधवार की रिपोर्ट में केवल जुलाई तक का डेटा शामिल है लेकिन अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में स्विट्जरलैंड के बराबर क्षेत्र में आग लगी है.
अमेजन की आग से निपटने वाली मूलनिवासी महिलाएं
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अमेजन की आग आमतौर पर जमीन पर गिरी पत्तियों में फैलती है, इसलिए इसे सीधे पेड़ों की कटाई नहीं माना जाता. फिर भी, इसका पूरा प्रभाव अगले कुछ महीनों में सैटेलाइट मॉनिटरिंग से ही पता चलेगा. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगले साल अमेजन के शहर बेलेम में कॉप30 जलवायु वार्ता से पहले जंगल कटाई दर में बढ़ोतरी हो सकती है.
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अमेजन की अहमियत
अमेजन बेसिन का क्षेत्र भारत से दो गुना बड़ा है और यह दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन है. इन वनों को धरती के फेफड़े कहा जाता है. इसमें कार्बन डाइऑक्साइड का विशाल भंडार है, जो जलवायु परिवर्तन को धीमा करने में मदद करता है. इसके अलावा, यहां दुनिया का लगभग 20 फीसदी ताजा पानी और 16,000 से अधिक पेड़ों की प्रजातियां पाई जाती हैं.
राष्ट्रपति लूला की सरकार पिछले एक साल की सफलताओं को आगे बढ़ाना चाहती है, लेकिन अमेजन के संरक्षण के प्रयासों में संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है. आर्थिक और पर्यावरणीय संतुलन के लिए स्थायी नीतियों की जरूरत है ताकि इस महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की जा सके.