दिल्ली में एक सभा में बीजेपी के सांसद ने एक सुमदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया है. सांसद ने समुदाय के संपूर्ण बहिष्कार का ऐलान किया.
विज्ञापन
पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के एक कार्यक्रम में समुदाय विशेष के खिलाफ बयान पर बवाल मच गया है. पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों पर मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन आरोप लग रहे हैं कि वहां मौजूद नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
दिल्ली में रविवार को विश्व हिंदू परिषद ने एक हिंदू युवक की हत्या के विरोध में 'विराट हिंदू सभा' का आयोजन किया था. इस सभा में बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा ने समुदाय विशेष के खिलाफ विवादित बयान दिया.
उन्होंने वहां मौजूद लोगों से समुदाय विशेष के लोगों के बहिष्कार की अपील की. उन्होंने कहा, "ये रेहड़ियां लगा रहे हैं, इनकी रेहड़ी से सब्जी खरीदने की जरूरत नहीं है. ये मांस-मच्छी की दुकान खोलते हैं, वहां पर एमसीडी को बोलकर जिनके पास लाइसेंस नहीं है उनको बंद कराने की जरूरत है. ये लोग रेस्तरां खोलते हैं, इनका संपूर्ण बहिष्कार होना चाहिए."
वर्मा आगे कहते हैं, "जहां-जहां ये आपको दिखाई दे, मैं कहता हूं अगर इनका दिमाग ठीक करना है, इनकी तबीयत ठीक करनी है, तो एक ही इलाज है वह है संपूर्ण बहिष्कार."
वर्मा भीड़ से भी कहते हैं कि अगर वे इस बात से सहमत हैं तो हाथ उठाकर कहे सहमत हैं. वर्मा के सामने बैठी भीड़ भी उनकी बातों को दोहराती है और संपूर्ण बहिष्कार की बात को दोहराती है.
सोशल मीडिया पर वर्मा का यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों पर बिना अनुमति के कार्यक्रम करने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
वहीं अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वर्मा के बयान का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "भाजपा-आरएसएस का सांसद देश की राजधानी में, खुली सभा में मुसलमानों का बहिष्कार करने की शपथ ले रहा है. आरएसएस के मोहन भागवत ने कहा था कि मुसलमानों में झूठा डर फैलाया जा रहा है. सच तो यही है कि बीजेपी ने मुसलमानों के खिलाफ जंग का आगाज कर दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और अमित शाह ने चुप्पी साध रखी है."
इस सभा का आयोजन उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी में हुआ था. आरोप है कि भड़काऊ बयान देने वालों में लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी शामिल थे. कथित तौर पर इसका आयोजन मनीष नाम के व्यक्ति की हत्या के खिलाफ किया गया था. मनीष की हत्या सुंदर नगरी में ही हुई थी. मनीष की हत्या का आरोप छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर लगा था और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने हत्या की वजह पुरानी रंजिश बताई थी.
भारत में इन मुद्दों से खड़ा हुआ विवाद
भारत में बीते कुछ अर्से से हर रोज एक नया विवाद जन्म ले रहा है. ज्यादातर विवाद दो धर्मों के बीच होते हैं. खान-पान, पहनावा और प्रार्थना स्थल को लेकर देश के कई हिस्सों में विवाद पैदा हो चुके हैं.
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS
कर्नाटक का हिजाब विवाद
जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज में छह छात्राओं के हिजाब पहनकर आने से रोकने पर विवाद खड़ा हो गया था. कॉलेज प्रशासन ने लड़कियों को हिजाब पहनकर कॉलेज में आने से मना कर दिया. जिसके खिलाफ लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन किया. मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है.
तस्वीर: Money SHARMA/AFP
मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर मचा शोर
महाराष्ट्र में अप्रैल के महीने में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों में प्रार्थनाओं की आवाज को सीमा के भीतर रखने को लेकर अभियान चलाया था. उन्होंने कहा था कि अगर मस्जिदों ने ऐसा नहीं किया तो उनके समर्थक विरोध जताने के लिए मस्जिदों के बाहर हिंदू मंत्रोच्चार करेंगे. महाराष्ट्र की करीब 900 मस्जिदों ने अजान की आवाज कम करने की सहमति दी थी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/C. Mahyuddin
उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में सभी धार्मिक स्थलों से करीब 1.29 लाख लाउडस्पीकर उतारे गए या फिर उनकी आवाज को तय मानकों के मुताबिक कम किया गया. यूपी सरकार ने 23 अप्रैल को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश जारी किए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश पर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया. सरकारी कार्रवाई मंदिर, मस्जिद और अन्य संस्थानों के लाउडस्पीकरों पर हुई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Sharma
हिंसक घटनाएं
रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान दो समुदायों के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हो गई थी. दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हुई और माहौल तनावपू्र्ण हो गया. इसके अलावा मध्य प्रदेश के खरगोन, मुंबई की आरे कॉलोनी में एक धार्मिक यात्रा के दौरान दो समुदायों के लोगों के बीच हिंसा हुई. कर्नाटक के हुबली में भी एक व्हाट्सऐप संदेश को लेकर बवाल मच गया था.
तस्वीर: Charu Kartikeya/DW
बुलडोजर पर सवाल
उत्तर प्रदेश में हाल के महीने में कई मामले सामने आए जिनमें ऐसे आरोपियों के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया जिनका नाम किसी तरह के मामले में दर्ज हुआ. बुलडोजर चलाने को लेकर सवाल भी खड़े हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई है.
तस्वीर: Ritesh Shukla/REUTERS
यूपी की तर्ज पर एमपी में भी बुलडोजर चला
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने कई मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलवाकर तोड़ दिया. खरगोन प्रशान ने दंगों के एक दिन बाद 12 अप्रैल को कम से 45 मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की थी. यहां भी सवाल उठे कि बिना नोटिस के प्रशासन ने कार्रवाई क्यों की.
तस्वीर: Charu Kartikeya/DW
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी
एक टीवी बहस के दौरान बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की जिसके बाद अरब जगत से इस पर विरोध दर्ज कराया गया. इसके बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया और बयान से किनारा कर लिया. टिप्पणी के विरोध में कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं.
तस्वीर: Vipin Kumar/Hindustan Times/imago
मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी
दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक धर्म संसद हुई थी और इस धर्म संसद में देश के मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए गए. इस धर्म संसद में हिंदू राष्ट्र की स्थापना की बात कही गई और मीडिया और कोर्ट के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान दिए गए थे.
तस्वीर: Hindustan Times/imago images
कन्हैयालाल का कत्ल
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को एक दर्जी कन्हैयालाल को इस सिर्फ दो मुसलमान व्यक्तियों ने धारदार हथियार से मार डाला क्योंकि उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हॉट्सऐप स्टेटस लगाया था. कन्हैयालाल इस मामले में गिरफ्तार हो चुके थे और शिकायतकर्ता और उनके बीच पुलिस ने समझौता करा लिया था, उन्होंने पुलिस से जान मारने की धमकी मिलने की शिकायत की थी. हत्या के विरोध में राजस्थान में तनाव का माहौल बन गया.