दिल्ली के स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर बैन
११ अगस्त २०२३शिक्षा विभाग ने एडवाइजरी में कहा कि माता-पिता यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे स्कूल में मोबाइल फोन न लाएं. एडवाइजरी में कहा गया "मोबाइल फोन आज के जीवन में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले गैजेट्स में से एक है, चाहे वे छात्र, शिक्षक, पेशेवर या अन्य हों, इसलिए हमारे लिए तकनीकी हस्तक्षेपों पर इस अत्यधिक निर्भरता पर विचार करना जरूरी है, जिसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों हो सकते हैं."
शिक्षा विभाग ने यह भी कहा कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर धमकाने और उत्पीड़न की घटनाएं, तस्वीरें खींचना, रिकॉर्डिंग करना या अनुचित सामग्री अपलोड करना भी संभावित रूप से नकारात्मक हैं जो सामाजिक ताने-बाने के साथ-साथ बच्चे के भविष्य के लिए हानिकारक हैं.
स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल हानिकारक
एडवाइजरी में आगे कहा गया, "स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल के परिणामस्वरूप उच्च स्तर पर अवसाद, चिंता, सामाजिक अलगाव, अति-सक्रियता, अति-तनाव, नींद की हानि और खराब दृष्टि हो सकती है. यह सीखने की प्रक्रिया में रुकावट पैदा कर सकता है और शैक्षणिक प्रदर्शन और आमने-सामने की बातचीत की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है."
एडवाइजरी में टीचिंग स्टाफ के साथ-साथ अन्य स्टाफ से भी स्कूल परिसर जैसे प्लेग्राउंड, लैबोरेट्री और लाइब्रेरी में मोबाइल के इस्तेमाल से बचने को कहा गया है.
शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूल कैंपस में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को निश्चित रूप से रेगुलेट करने की जरूरत है और इसलिए स्कूली शिक्षा से जुड़े सभी हितधारकों जैसे छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और स्कूलों के प्रमुखों को मोबाइल फोन के कम से कम इस्तेमाल पर आम सहमति बनाने की जरूरत है.
मोबाइल लाने पर जब्त करने के निर्देश
एडवाइजरी के मुताबिक अगर छात्र स्कूल में मोबाइल फोन लाते हैं, तो स्कूल अधिकारियों को लॉकर या अन्य प्रणालियों आदि का इस्तेमाल करके सुरक्षित हिरासत के लिए पर्याप्त और उचित व्यवस्था करनी होगी, जहां मोबाइल फोन जमा किया जा सके और स्कूल छोड़ते समय छात्रों को वापस किया जा सके.
साथ ही कहा गया है कि स्कूल हेल्पलाइन नंबर जारी कर सकते हैं ताकी जरूरत पड़ने पर अभिभावक और छात्र आपात स्थिति में फोन कर सके.
एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष भरत अरोड़ा ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह विभाग द्वारा उठाया गया एक सक्रिय कदम है. कुछ दिनों पहले एक्शन कमेटी ने सरकार से स्कूलों में मोबाइल पर बैन को लेकर कदम उठाने का आग्रह किया था.