भारत आए पर्यटक तालाबंदी की वजह से अपने देश नहीं लौट पा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक के बाद वे किसी तरह से गुजारा कर रहे हैं . पर्यटकों को दूतावासों से उम्मीद है कि वे घर लौटने में उनकी मदद करेंगे.
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ब्रिटिश पर्यटक एमा स्नैशफोर्ड बताती हैं कि उन्हें और उनकी दोस्त को होटल से निकाल दिया गया और जब उन्होंने लंदन में मौजूद अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई तो उनसे इंतजार करने को कहा गया. एमा अपनी दोस्त के साथ राजस्थान के जोधपुर घूमने गईं थी, लेकिन भारत में 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा से ठीक पहले उन्हें होटल से निकाल दिया गया. दोनों ने किसी तरह से दिल्ली में एक हॉस्टल में रहने की जगह पाई. इस हॉस्टल में 25 के करीब विदेशी पर्यटकों को रहने की जगह दी गई है. कनाडा के नागरिक लैम्बर्ट डेस्रोसियर्स गौडेट कहते हैं, "हम काफी समय से हताश हैं.” उनकी कोशिश फ्रांस की रेस्कयू फ्लाइट में जगह पाने की है. स्नैशफोर्ड कहती हैं, " हमने ब्रिटिश दूतावास को फोन किया और हम यहां किसी तरह से अपना समय गुजार रहे हैं. कोई नहीं जानता कि वास्तव में क्या हो रहा है. हमें सिर्फ कहा जा रहा है इंतजार करिए.”
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक मैथ्यू चिनेरी ने भारत में लम्बा समय बिताने का प्लान बनाया था और उसमें कश्मीर जाना भी शामिल था. लेकिन लॉकडाउन शुरू होते ही उनकी छुट्टियां बुरे सपने में तब्दील हो गईं. विदेशी सैलानियों में अपने तटों के लिए मशहूर गोवा के हॉस्टल से चिनेरी को इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उनकी सिगरेट वाली खांसी कोविड-19 से मिलती-जुलती थी. अन्य होटलों और हॉस्टलों ने उन्हें कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव दिखाने पर ही जगह देने की बात कही. इसके बाद उन्होंने कोरोना वायरस का सरकारी अस्पताल में टेस्ट कराया और रिपोर्ट आने तक उन्होंने चार दिनों तक खुद को अलग-थलग रखा.
लॉकडाउन में ऐसे रखें अपना ख्याल
आप स्वस्थ रह सकें इस वजह से सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लागू किया है. लेकिन घर में पड़े रह कर आप बीमार भी हो सकते हैं. इसलिए ये टिप्स अपनाएं और अपना और अपनों का ख्याल रखें.
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पौष्टिक आहार लें
जब तक इस वायरस से निपटने के लिए टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक हम सब पर इसका खतरा मंडरा रहा है. और टीका कब आएगा, यह कहना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है कि शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखिए. ताजा फल सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार आपको स्वस्थ रहने में मदद देगा. सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ये जरूरी हैं.
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अच्छी नींद लें
हमारे इम्यून सिस्टम को अच्छे खाने के साथ साथ अच्छी नींद की भी जरूरत होती है. जितना कम सोएंगे शरीर उतनी आसानी से बीमार हो सकेगा. अगर दिन रात कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें देख देख कर आप तनाव में आ रहे हैं और यह तनाव आपकी नींद में बाधा डाल रहा है तो कोशिश कीजिए कि सोने से एक दो घंटे पहले ही फोन और टीवी से दूर हो जाएं.
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कसरत करें
कसरत करने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे रसायन निकलते हैं जो हमें अच्छा महसूस कराते हैं, अच्छी नींद में मददगार होते हैं और हमें फिट रखते हैं. और कसरत करने के लिए घर से निकलना जरूरी नहीं है. घर में ही सुबह, दोपहर, शाम दस दस मिनट के लिए कसरत करें. अगर अकेले कसरत करना अच्छा नहीं लगता तो यूट्यूब पर वीडियो चला लें या कोई ऐप डाउनलोड कर लें.
ये सोशल डिस्टैन्सिंग का वक्त है. और इस वक्त में अपनों के करीब होना और भी जरूरी है. वास्तविक रूप में नहीं, डिजिटल रूप में. अपने घर वालों से हर रोज वीडियो चैट करें, अपने दोस्तों को फोन या मेसेज करें और उनका हाल चाल पूछते रहें. इसी तरह से आप अपने बच्चों के लिए भी तरह तरह की एक्टिविटी तैयार कर सकते हैं जो वे फोन या कंप्यूटर पर अपने दोस्तों के साथ करेंगे.
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व्यस्त रहिए
दिन भर घर पर रहना बहुत उबाऊ हो सकता है. खुद को इतना व्यस्त रखें कि परेशानी आपको छू भी ना सके. यह अपने अधूरे काम पूरे करने का अच्छा मौका है. कोई पुरानी हॉबी भी दोबारा शुरू कर सकते हैं. किताबें पढ़ना, खाना पकाना, सिलाई, पेंटिंग, जो भी आपको पसंद हो, सब करें. घर की सफाई का काम पूरा परिवार मिलजुल कर करे तो और आसानी होगी.
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ध्यान लगाएं
इस माहौल में पॉजिटिव रहना बहुत जरूरी है. किसी भी हाल में पैनिक बिलकुल ना करें. सुबह उठने के बाद कुछ देर के लिए आंखें बंद कर के ध्यान लगाने की कोशिश करें. लॉकडाउन के चलते सड़कों पर गाड़ियां नहीं हैं और चिड़ियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देने लगी है जिसे शहरों में लोग भूल ही गए थे. इस मीठी आवाज के बीच ध्यान लगाना आसान होगा.
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रूटीन का पालन करें
जिन लोगों को रोज काम पर जाने की आदत है उनके लिए घर पर रहने का मतलब होता है दिन भर बिस्तर में सुस्ताना. लेकिन अब जब हर दिन ही रविवार जैसा लगने लगा है, तो ऐसा ना करें. आलस करने की जगह एक रूटीन तैयार करें. रोज उस रूटीन से ही खाएं-पिएं. ऐसे में वर्क फ्रॉम होम में भी मजा आएगा, कसरत का भी वक्त निकल आएगा और नींद भी पूरी हो सकेगी.
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फेक न्यूज से बचें
घर पर हैं तो जाहिर है फोन पर वक्त ज्यादा बिता रहे हैं. और इस बीच व्हाट्सऐप पर कोरोना को ले कर फॉर्वर्डेड मेसेज की भरमार है. इनमें से बहुत से मेसेज फेक हो सकते हैं. तो जब भी कोई आपको मेसेज फॉरवर्ड करे, उसे गूगल करें. अगर किसी विश्वसनीय स्रोत में वही जानकारी दी हो तब ही उस पर यकीन करें. और अगर खबर सही ना हो तो उसे आगे ना बढ़ाएं.
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मेडिकल सर्टिफिकेट साथ होने के बावजूद होटल का कमरा ले पाना उनके लिए आसान नहीं था. उन्होंने अपने दोस्त की मदद से किसी तरह से एक होटल में कमरा लिया. लेकिन होटल स्टाफ अब भी घबराया हुआ है. पैकेज्ड खाना रखने के बाद स्टाफ कमरे का दरवाजा तक नहीं खटखटाता है. उन्होंने समाचार एजेंसी एपी को बताया, "वे मुझे इस बारे में बताते ही नहीं कि मेरा खाना बाहर पड़ा हुआ है. पड़े-पड़े खाना ठंडा हो जाता है.” चिनेरी के पैसे खत्म हो रहे हैं, इंटरनेट और सप्लाई के साथ-साथ सब्र भी समाप्त हो रहा है. वे कहते हैं, "हमें यहां से बाहर निकालो, हम ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं. हम फंसे हुए हैं. हम अपनी मर्जी से यहां नहीं रुके हैं. हम घर जाना चाहते हैं."
एक और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक स्टीवर्ट डफ्टी जो कि पेशे से डीजे हैं, मार्च की शुरुआत में भारत आए थे. अब वे अपने परिवार को लेकर चिंतित है. वे कहते हैं, "मुझे चिंता हो रही है कि इन सब की वजह से सभी लोग प्रभावित हैं. मेरी मां की उम्र 70 के करीब है. मुझे पता है कि जब मैं वहां वापस जाऊंगा तो मुझे दो सप्ताह क्वारंटीन में बिताने होंगे. मैं यह करने के लिए भी तैयार हूं. मैं किसी और के लिए खतरा नहीं हो सकता हूं.” बैंक नहीं जाने के कारण उनके पैसे भी खत्म हो रहे हैं.
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग का कहना कि वह ऑस्ट्रेलियाई पर्यटकों के लौटने के लिए उड़ान के विकल्प तलाश रहा है. एक बयान में उच्चायोग ने कहा, "इसकी कोई गारंटी नहीं है और इसे हासिल करना मुश्किल होगा.” भारत ने सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 14 अप्रैल तक रोक लगा दी है. तीन हफ्तों के लॉकडाउन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चालू होंगी.
एए/सीके (सीके)
बिना टच किए दिल को छू लेने वाला तरीका
कोरोना वायरस इमरजेंसी के चलते दुनिया भर में लोगों से अपील की जा रही है कि वे एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखें. ऐसे माहौल में एक नजर अभिवादन के शुद्ध हाइजीनिक तरीकों पर.
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नमस्ते या नमस्कार
भारत, नेपाल और भूटान की पारंपरिक संस्कृति में हाथ जोड़कर अभिवादन किया जाता है. इस दौरान नमस्ते या नमस्कार या कोई और शब्द कहना, यह स्थानीय संस्कृति पर निर्भर करता है.
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सलाम
यह भारतीय इस्लाम में अभिवादन का अंदाज है. आम तौर पर अरबी देशों में गले मिलकर या हाथ या गाल चूम कर एक दूसरे का अभिवादन किया जाता है. लेकिन भारतीय इस्लाम में हल्का सिर झुकाकर हाथ को माथे के करीब लाकर सलाम किया जाता है.
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वाई
थाइलैंड में बिना छुए यह अभिवादन का स्टैंडर्ड तरीका है. वाई में नमस्कार की मुद्रा में हाथ जोड़े जाते हैं और फिर अपने माथे को झुकाकर जुड़े हाथों से टच किया जाता है. यह तरीका थाई संस्कृति में बौद्ध और हिंदू धर्म के असर को भी दिखाता है.
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सिर झुकाकर अभिवादन
जापान में कमर से मुड़ कर और सिर झुकाकर अभिवादन किया जाता है. इस दौरान मुंह से कोई शब्द नहीं निकाला जाता है. माना जाता है कि अभिवादन का यह तरीका सातवीं शताब्दी में चीन से जापान आया.